Ganesh Chaturthi 2025: 10 दिन का गणेशोत्सव क्यों है इतना खास? क्या महाभारत से जुड़ा है इसका रहस्य!
Ganesh Chaturthi mythology: इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 बुधवार के दिन है. गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है? भगवान गणेश की इस कथा से हम क्या सीख सकते हैं? जानें.

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व नई शुरुआत, दिव्य ज्ञान और विघ्न-विनाशक का त्योहार है. इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 बुधवार के दिन मनाया जाएगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 10 दिन का गणेशोत्सव इतना खास क्यों है? आइए जानते हैं इसके पीछे की आध्यात्मिक और पौराणिक कथा के बारे में.
भगवान गणेश विघ्नहर्ता और नए आरंभ के देवता हैं. गणेश जी ने सभी ऋषियों में महान वेदव्यास जी की सहायता दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य 'महाभारत' को लिखने में की थी. मान्यताओं के मुताबिक महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना करनी चाही, पर इतनी बड़ी रचना को अकेले लिख पाना सरल काम नहीं था.
भगवान गणेश ने महाकाव्य रचना में की सहायता
तब उन्होंने भगवान गणेश जी से मदद मांगी और आगे जो हुआ वो काफी दिव्य और चमत्कारी था.
कहा जाता है कि जब महाभारत लिखने का समय आया तब गणेश जी बोलें- 'मैं महाभारत तभी लिखूंगा जब आप बिना रुके सुनाओगे.'
तब वेदव्यास जी मुस्कुराए और बोलें, 'पर आप भी बिना समझे कुछ नहीं लिखेंगे. इस समझौते से शुरू हुआ महाभारत को लिखने का काम.'
10 दिनों की अखंड भक्ति
गणेश जी लगातार 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत को लिखते रहे. इस दौरान ना ही उन्होंने भोजन किया और ना ही स्नान, केवल पूर्ण समर्पण की भावना से यह दिव्य काम लगातार 10 दिनों तक चलता रहा.
लगातार दस दिनों की लेखनी के बाद गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान किया. यह वह क्षण था जिसने महाभारत जैसे विशाल महाकाव्य को पूरा रचने का काम किया. इसलिए गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है.
दसवें दिन बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन
10 दिन बाद जब बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है तो, यह केवल परंपरा ही नहीं अपितु यह उनके दिव्य लोक लौटने की ओर इशारा करता है. इस बार गणेश चतुर्थी के मौके पर हम सभी एक साथ मिलकर ज्ञान,समृद्धि और नए आरंभ की भावना को जागाएं.
भगवान गणेश का आशीर्वाद हम सभी के साथ है, जो हमारे जीवन से विघ्नों को दूर करके हमें खुशियां देने का काम करते हैं.
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