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अभी तक कोरोना की कितनी डोज लग गई है? क्या 3 के बाद एक और लगवानी होगी?

देशभर में कोरोना (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से कोविड के बूस्टर डोज को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. बूस्टर डोज किसे लगनी चाहिए?

देशभर में कोरोना (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से कोविड के बूस्टर डोज को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. बूस्टर डोज किसे लगनी चाहिए? कब लगनी चाहिए और कितनी बार लग सकती है. इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे  हैं. इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए 'न्यू दिल्ली' के ओखला 'फोर्टिस एस्कॉर्ट्स' में डॉ. अज़मत करीम - कंसल्टेंट, पल्मोनरी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन. लेकिन, उससे पहले आइए जानते हैं कि बूस्टर डोज को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्या कहा है?

जिन लोगों ने कोरोना का बूस्टर नहीं लिया है उसे बार-बार लेने की जरूरत नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि कोरोना के कम जोखिम वाले वयस्कों के लिए अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीन बूस्टर खुराक लेना जरूरी नहीं है. दरअसल, डब्ल्यूएचओ के वैक्सीन विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि जिन लोगों ने अपना प्राथमिक टीकाकरण कोर्स पूरा कर लिया है और बूस्टर खुराक भी ले ली है, उनके लिए इसे बार-बार लेने की जरूरत नहीं है. लेकिन, अगर आप इसे लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं, लेकिन इससे कोई खास फायदा नहीं होता है.

COVID-19 टीकाकरण के लिए 3 श्रेणियों की पहचान की गई: SAGE

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के टीकाकरण पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह ने अपनी नियमित द्विवार्षिक बैठक के बाद कई सिफारिशें जारी की हैं. SAGE ने COVID-19 टीकाकरण के लिए तीन नई श्रेणियों का निर्माण और वर्णन किया है. जिसमें लोगों को उच्च जोखिम, मध्यम जोखिम और कम जोखिम की तीन श्रेणियों में बांटा गया है. जिसमें गंभीर बीमारी या मौत के खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज की सलाह दी गई है.

उच्च जोखिम वाले लोग अतिरिक्त बूस्टर शॉट ले सकते हैं. इनमें मधुमेह, एचआईवी जैसी इम्यूनो कॉम्प्रोमाइजिंग स्थितियों वाले लोग शामिल हैं. गर्भवती महिलाएं और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ता. मध्यम जोखिम समूह में स्वस्थ वयस्क, आमतौर पर 60 वर्ष से कम आयु के लोग, और बच्चे और किशोर शामिल हैं. इन लोगों के लिए पहली बूस्टर खुराक की सिफारिश की जाती है. इस समय के दौरान यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस समूह के लिए बार-बार बूस्टर खुराक का सुझाव नहीं दिया गया है. SAGE अंतिम खुराक के 6 या 12 महीने बाद एक अतिरिक्त बूस्टर खुराक की सिफारिश करता है. जिसका समय उम्र और इम्यूनोकम्प्रोमाइजिंग स्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर करेगा.

जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय - बूस्टर डोज पर एक्सपर्ट की राय?

बूस्टर खुराक कब ली जा सकती है?

डॉ. अजमत करीम बताते हैं कि दूसरे टीकाकरण के 9 महीने बाद आप बूस्टर खुराक ले सकते हैं. यह सिर्फ उन लोगों के लिए लागू है, जिन्हें पहले 2 टीके लग चुके हैं. यह स्वास्थ्य पेशेवरों, कॉमरेडिटी वाले लोगों और वरिष्ठ नागरिकों (60+) के लिए आवश्यक है.

बूस्टर खुराक क्यों लेनी चाहिए?

इस सवाल पर डॉ. अजमत करीम का कहना है कि यह मूल और मौजूदा कोरोना स्ट्रेन से सुरक्षा बरकरार रखता है. इतना ही नहीं, यह भविष्य के वेरिएंट के खिलाफ व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है. इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना के किसी भी प्रकार से लड़ने में सहायक है.

क्या बूस्टर खुराक कई बार ली जा सकती है?

क्या बूस्टर खुराक कई बार ली जा सकती है? तो डॉ. करीम बताते हैं कि हां, आप इसे ले सकते हैं और यह हेल्दी है. पहले बूस्टर के बाद इसे हर 3 महीने में कई बार लिया जा सकता है.

डॉ. करीम यह भी कहते हैं कि बूस्टर डोज का असर आम तौर पर तब तक रहना चाहिए जब तक कि कोई नया वैरिएंट पेश नहीं किया जाता है, लेकिन चूंकि यह एक नया वायरस अध्ययन है और कोविड-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता और कई नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीके और सुझाव प्रफेशनल्स द्वारा दिए गए इनपुट्स पर आधारित हैं. इन्हें अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें: गर्म चाय-कॉफी पीने से हो सकता है गले का कैंसर, नहीं विश्वास पढ़ लीजिए ये खबर

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