हर काम के लिए यूज करते हैं AI तो तुरंत बदल लें आदत, वरना दिमाग हो जाएगा कमजोर
AI effect on brain: लोग आज के समय AI पर काफी ज्यादा निर्भर होते हैं. सभी कामों को वह एक क्लिक में करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं. ऐसा करना उनके दिमाग के लिए काफी हानिकारक है.

AI effect on brain: आजकल के युवा AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) पर काफी ज्यादा निर्भर हो चुके हैं. कई लोग तो इसका प्रयोग अपने अकेलापन को दूर करने के लिए भी करते हैं. एग्जाम, छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज से लेकर ऑफिस में कोई वर्क, इन सभी में लोग AI इस्तेमाल करते हैं. कुछ कामों में तो यह काफी यूजफुल हो जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे जितना सुविधाजनक उतना ही खतरनाक बताया किया है. उन्होंने उसके पीछे कई कारण दिए है.
दिमाग पर असर
वैज्ञानिकों ने कई शोध करके साबित किया है कि AI टूल्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों के मस्तिष्क की सोचने की शक्ति और काम करने की शक्ति पर ज्यादा असर पड़ता है. एक स्टडी में 54 वॉलंटीयर्स का ग्रुप जिन में ज्यादातर लोग 18 से 19 वर्ष की आयु के थे, उन्हें निबंध लिखने को दिया गया. इन 54 लोगों में तीन लोगों का ग्रुप बनाया गया. एक ग्रुप को Chatgpt का यूज करने को कहा गया और दूसरे ग्रुप को google ai तीसरे ग्रुप को निंबध खुद से लिखने को दिया. वैज्ञानिकों ने इस दौरान ईईजी हेटसेट का प्रयोग करके मस्तिष्क की गतिविधि को ट्रेक किया. उन्होंने इसका इस्तेमाल इसलिए किया ताकि लोगों के दिमाग की गतिविधि पर नजर रख सके.
सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
जब इसका परिणाम मिला तो वह काफी ज्यादा आश्चर्यजनक था. शिक्षकों ने उनके निबंध को चेक करते समय उनकी लिखावट में गहराई और भावनात्मकता की कमी पाई. इसके अलावा मस्तिष्क की उत्तेजना भी चैटजीपीटी प्रयोग करने वालों में कम पाई गई थी. गूगल का प्रयोग करके लिखने वाले लोगों में चैटजीपीटी यूज करने वाले लोगों के दिमाग से ज्यादा सक्रियता देखी गई थी. इसके अलावा टीचर का कहना था कि इन लोगों के निंबध में थोड़ी गहराई थी. वहीं, जिन लोगों ने खुद के दिमाग से निबंध को लिखा था. उनके निबंध से टीचर ने ज्यादा जुड़ाव महसूस किया था. इसके अलावा मानसिक गतिविधि भी उन लोगों में सबसे अच्छी और उच्चतम पाई गई थी.
AI टूल्स पर कम निर्भर रहने के परिणाम
शोध के अनुसार, जो लोग इन AI टूल्स पर ज्यादा निर्भर होते हैं, उन के दिमाग में सबसे कम गतिविधि थी. साथ ही साथ उनकी याद्दाश्त भी काफी कमजोर हो गई थी. वह लोग जो शुरुआती सालों में जब दिमाग को ग्रोथ होता रहता है, उस समय इन टूल्स का प्रयोग करते हैं. उनका दिमाग शुरूआत से ही काफी कमजोर होता है. इसलिए AI के टूल्स का प्रयोग लिमिट के साथ करना चाहिए वरना दिमाग अपनी क्षमता को पूरी तरीके से खो देगा.
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Source: IOCL























