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हार्ट फेल्योर से बचना है तो रोजाना करें एक्सरसाइज

न्यूयॉर्क: एक्टिव ना रहने से आपके हार्ट पर बहुत ज्यादा इफेक्ट पड़ता है. हाल ही में आई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है. क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, एक्सरसाइज में कमी और बहुत ज्यादा वेट का संबंध हार्ट फेल्योर से जुड़ा हुआ है. इसका इलाज बहुत मुश्किल है. हार्ट फेल्योर उस स्थिति में होता है, जब हार्ट शरीर की मांग के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त खून की आपूर्ति करने में अक्षम हो जाता है. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- अमेरिका के टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथ वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के सहायक प्रोफेसर जरेट बेरी ने कहा कि पहले की रिसर्च में लगातार पाया गया है कि शारीरिक व्यायाम का कम स्तर, उच्च बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) से हार्ट फेल्योर की संभावना का जोखिम बढ़ जाता है. लेकिन यह अध्ययन बताता है कि इनका जुड़ाव हार्ट फेल्योर के प्रिजव्र्ड इजेक्शन फ्रैक्शन से साफ तौर पर है. इस तरह के हार्ट फेल्योर का इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है. हार्ट फेल्योर को समान रूप से उप प्रकारों में बांटा गया है- हार्ट फेल्योर विद प्रिजव्र्ड इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफपीईएफ) और हार्ट फेल्योर विद रिडयूस्ड इजेक्शन फ्रैक्शन (एचएफआरईएफ). इजेक्शन फ्रैक्शन दिल की हर धड़कन के साथ प्रवाहित होने वाले खून की मात्रा को दर्शाता है. हार्ट फेल्योर का इलाज- हार्ट फेल्योर का इलाज करने के लिए यूं तो कई तरह के उपचार विकसित किए गए हैं, लेकिन रिड्यूस्ड इजेक्शन फ्रैक्शन हर्ट फेल्योर के अलावा दूसरे प्रकार के इलाज का कोई प्रामाणिक तरीका नहीं है.
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Source: IOCL





















