Coronavirus: अगर नया वेरिएन्ट सामने नहीं आता है, तो हल्की होगी तीसरी लहर, अक्टूबर में आएगा पीक- रिसर्च
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को आईआईटी के सूत्र मॉडल से समझा जा सकता है. रिसर्च के मुताबिक, अगर इम्यूनिटी से बचनेवाला कोरना वायरस में बदलाव होता है, तो तीसरी लहर का आकार महत्वूपूर्ण हो सकता है.
अगर कोरोना वायरस का तेजी से फैलनेवाला म्यूटेंट सामने नहीं आता है, तो तीसरी कोविड अक्टूबर और नवंबर के बीच मात्र एक लहर हो सकती है. तेजी से फैलनेवाले म्यूटेंट की सूरत में कोविड की तीसरी लहर पहली लहर के बराबर होगी. हालांकि, अगर कोरोना वायरस में म्यूटेंट होता जिसमें इम्यूनिटी से बचने की क्षमता होती है, तो तीसरी लहर का आकार महत्वपूर्ण हो सकता है. कोरोना की तीसरी लहर की संभावना का अनुमान महामारी के लिए सूत्र मैथेमेटिकल मॉडल से लगाया गया है.
कैसा होगा कोरोना की तीसरी लहर का स्वरूप?
आईआईटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर के जैसी डरावनी नहीं हो सकती. अगर कोरोना के नए वेरिएन्ट का हमला नहीं होता है, तो तीसरी लहर हलकी हो सकती है. गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने कोरोना की दूसरी लहर के चरम का करीब सटीक अनुमान लगाया था. उनका ये मैथेमेटिकल मॉडल इस महीने संक्रमण के मामलों की बढ़ोतरी को दर्शाता है. अनुमान है कि अक्तूबर में बदतर स्थिति में रोजाना एक लाख से ज्यादा मामले चरम पर पहुंच सकते हैं. राष्ट्रीय 'सुपर मॉडल' सूत्र में शामिल आईआईटी कानपुर के मनिंदर अग्रवाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "अगस्त के अंत और पूरे सितंबर में मामूली बढ़ोतरी होगी क्योंकि लॉकडाउन उठा लिया गया है. ये किसी नए वेरिएन्ट की वजह से नहीं होगा. किसी नए वेरिएन्ट के बिना तीसरी लहर की गंभीरता कम होगी."
IIT के वैज्ञानिकों का मॉडल सूत्र से चलता है पता
दैनिक मामलों का चरम बहुत कम हो सकता है यानी करीब मात्र 50,000. उसको स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया, "अगर तीसरी लहर आती है, तो अस्पताल पर बोझ पहली लहर की स्थिति के मुकाबले उससे भी कम होगा." शोधकर्ताओं ने विश्लेषण, ग्राफ को जुलाई के शुरू में जारी किया था, जिससे पता चलता है कि कुल संख्या आखिरकार अक्तूबर में चरम पर होने के बाद कम होने लगेगी और दिसंबर में नहीं के बराबर होने की उम्मीद है. नए मॉडल के मुताबिक, अच्छी खबर है कि है कि संभावित तीसरी लहर के कम गंभीर होने की संभावना है, लेकिन सुरक्षा को कम करने का कोई कारण नहीं है. कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार जारी रखा जाना चाहिए. फायदा हासिल करने के लिए टीकाकरण को जरूर तेज किया जाना चाहिए.
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