सावधान, शराब के सेवन से बढ़ता है स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा
क्या आप जानते हैं धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन अनियमित हृदय गति के जोखिम को बढ़ाता है, जो आगे चलकर स्ट्रोक, डिमेंशिया, हार्ट फेज और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन के रूप में जाना जाता हैं. जानिए, इससे संबंधित नई रिसर्च क्या कहती है.

नई दिल्लीः क्या आप जानते हैं धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन अनियमित हृदय गति के जोखिम को बढ़ाता है, जो आगे चलकर स्ट्रोक, डिमेंशिया, हार्ट फेज और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन के रूप में जाना जाता हैं. जानिए, इससे संबंधित नई रिसर्च क्या कहती है.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, एट्रियल फाइब्रिलेशन में दिल के ऊपरी हिस्से एट्रिया में अनियमित धड़कन होती है, जबकि वेंट्रिकल्स में रक्त को पहुंचाने के लिए इसे नियमित रूप से धड़कने की जरूरत होती है.
क्या कहते हैं डॉक्टर्स- हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा कि उन लोगों में इसका जोखिम अधिक रहता है जो शराब अधिक पीते हैं. इस स्थिति में, एट्रियल वाला हिस्सा अनियमित रूप से सिकुड़ता है, जिसकी गति कई बार 400 से 600 गुना प्रति मिनट की हो सकती है.
एट्रियल फाइब्रिलेशन के लक्षण- एट्रियल फाइब्रिलेशन के कुछ लक्षणों में दिल तेजी से धड़कना, अत्यधिक चिंता महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई, थकान, हल्कापन और सिंकोप शामिल हैं.
कैसे बचें इस समस्या से- डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अन्य स्थितियों के साथ, आपके दिल के स्वास्थ्य को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और जोखिम को कम करें. कम उम्र में किए गए जीवन शैली संबंधी बदलाव दिल को किसी भी नुकसान से बचा सकते हैं. बचपन से ही ऐसी आदतों को जन्म देना जरूरी है जो आगे चलकर लाभदायक साबित हों. बुजुर्ग लोग खाने, पीने और स्वस्थ जीवन शैली के मामले में एक उदाहरण पेश कर सकते हैं.
ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुन क्रूउष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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Source: IOCL























