एक्सप्लोरर

जर्मन चांसलर की भारत यात्रा से सामरिक गठजोड़ हुआ और मजबूत, रक्षा और व्यापार सहयोग के जुड़ेंगे नए आयाम

जर्मन चांसलर शोल्ज के भारत दौरे से ये साफ है कि भविष्य में दोनों देशों में स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा. सुरक्षा और रक्षा सहयोग के नए पहलुओं पर भी दोनों देश फोकस करेंगे.

भारत और जर्मनी के बीच सहयोग बढ़ने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज की दो दिवसीय भारत यात्रा पूरी हो चुकी है. इस यात्रा के दौरान  दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी आयामों के साथ ही महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. ये यात्रा भारत-जर्मन सामरिक गठजोड़ को और मजबूत बनाने का अवसर बनी.

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 25 फरवरी को नई दिल्ली पहुंचे थे. एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में ओलाफ शोल्ज जर्मनी के नए चांसलर बने थे. जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा थी.

सामरिक गठजोड़ हुआ और मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज दोनों ही नेताओं ने 25 फरवरी को ही द्विपक्षीय वार्ता कर आपसी संबंधों को नई ऊंचाई देने पर सहमति जताई. स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, निवेश, रक्षा और नयी प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन समेत अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की थी. दोनों नेताओं के बीच बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध और हिन्द- प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी विस्तार से बातचीत हुई. दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत-जर्मनी सहयोग को बढ़ावा देने और व्यापार संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी. इस दौरान दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में साम काम करने का फैसला किया है. दोनों नेताओं के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.

सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति

साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा कि बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुसार, भार-जर्मनी अपने संबंधों में नए और आधुनिक पहलू भी जोड़ रहे हैं.  पिछले वर्ष पीएम मोदी की जर्मनी की यात्रा के दौरान दोनों देशों ग्रीन एंड सस्टेनेंबल डेवलपमेंट पार्टनिरशिप (हरित और टिकाऊ विकास गठजोड़) की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने ज़ोर दिया कि सुरक्षा और रक्षा सहयोग भारत-जर्मनी के बीच सामरिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है. इस दिशा में जिन आयामों पर फिलहाल नहीं विचार किया गया है, भविष्य में दोनों देश उस पर मिलकर प्रयास करेंगे. दोनों देशों ने इस पर भी सहमति जताई कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है. आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग रहा है और ये आगे भी जारी रहेगा.

कारोबारियों के बीच महत्वपूर्ण करार

2022 में भी पीएम मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठकें हुईं थी. प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज के बीच 16 नवंबर को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के बाली में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. उससे पहले दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक पिछले साल 2 मई को हुई थी, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठवीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में हिस्सा लेने बर्लिन गये थे. पीएम मोदी ने माना कि इन बैठकों में हुई चर्चाओं से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई गति और ऊर्जा मिली है. जर्मन चांसलर शोल्ज के साथ कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी आया था.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष सीईओ से भी मुलाकात की. इस दौरान हुई चर्चा में डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, आईटी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों को प्रमुखता से शामिल किया गया.दोनों देशों की कंपनियों के बीच कुछ महत्वपूर्ण करार भी हुए.

यूरोप में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

कई क्षेत्रों में जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में  पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. लोकतांत्रिक मूल्यों, नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बहुपक्षवाद, साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार जैसे मसलों भारत और जर्मनी के साझा उद्देश्य हैं. हाल के कुछ सालों में जर्मनी उच्च शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है. भारत और जर्मनी के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और भारत पर काम करने वाले जर्मन विद्वानों की एक लंबी परंपरा रही है. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.  जर्मनी, भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं और इन अवसरों के प्रति जर्मनी रुचि भी दिखा रहा है, जो भारत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का जिक्र किया था.

भारत-जर्मनी के बीच व्यापार संबंध

भारत-जर्मनी व्यापार और निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भागीदार हैं. जर्मनी, भारत के साथ व्यापार बढ़ाने को लेकर काफी उत्सुक है. भारत भी नए बाजार की तलाश में है. ब्राजील, जर्मनी, नीदरलैंड्स जैसे देशों के साथ भारत का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. यही वजह है कि भारत के पहले 10 निर्यातक देशों की सूची में ये सभी देश शामिल हो गए हैं. जर्मनी भारत के शीर्ष 10 वैश्विक व्यापार साझेदारों में से एक है. साल 2000 से जर्मनी भारत का 8वां सबसे बड़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक देश है. भारत में करीब 1800 जर्मन कंपनियां कारोबार कर रही हैं और इनसे हजारों लोगों को नौकरियां मिली हुई है. भारत भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. 2021-22 में दोनों देशों के बीच करीब 25 अरब डॉलर का आपसी व्यापार हुआ था, जो एक साल पहले 21.76 अरब डॉलर था.

जर्मनी भी व्यापार बढ़ाने को है इच्छुक

दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत हों,  इसके लिए जर्मनी भारत और यूरोप में व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना चाहता है. ये तभी संभव हो पाएगा, जब भारत और यूरोपीय संघ के बीच जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हो. भारत की यात्रा के दौरान जर्मन चांसलर शोल्ज ने इसके महत्व का भी जिक्र किया. उन्होंने भारत को भरोसा दिलाया कि वे खुद इस प्रस्तावित करार के जल्द क्रियान्वयन के लिए व्यक्तिगत तौर पर नजर रखेंगे. शोल्ज का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौता के पूरे होने और निवेश सुरक्षा समझौतों से भारत-जर्मनी व्यापार को बड़ा सहयोग मिलेगा, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेता इस समझौते को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. शोल्ज का मानना है कि भारत के पास असीम प्रतिभा है और जर्मनी उसका लाभ उठाना चाहता है. शोल्ज भारतीय प्रतिभा को जर्मनी ले जाना चाहते हैं.

अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार पर सहमत

दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि वैश्विक वास्तविकताओं और बदलते हालात के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार होना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए जी 4 के तहत भारत-जर्मनी के बीच सक्रिय भागीदारी से ये स्पष्ट होता है. सितम्बर में भारत में जी20 का सालाना शिखर सम्मेलन होना है. इसमें हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के चांसलर शोल्ज इस साल एक बार और भारत आएंगे.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिले जर्मन चांसलर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कहा है कि भारत और जर्मनी नयी और उभरती वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से 25 फरवरी को मुलाकात की थी. इसके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कहा कि जर्मनी, यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत के शीर्ष निवेशकों में भी शामिल है. उनका मानना है कि भारत और जर्मनी जीवंत, बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में नयी और उभरती वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. राष्ट्रपति मुर्मू का ये भी मानना है कि जर्मनी ने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

भारत दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ राजनयिक संबंधों को स्थापित करने वाले चुनिंदा देशों में से एक है. 2001 में ही दोनों देश सामरिक साझेदारी से जुड़े करार पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. अंतर-सरकारी परामर्श (Intergovernmental Consultations) से इस साझेदारी को बढ़ाने में मदद मिली है. छठां आईजीसी दो मई 2022 को बर्लिन में हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत करना चाहते हैं. भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, भारत एक बड़ा बाज़ार भी है. आर्थिक और सामरिक लिहाज से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत, जर्मनी के लिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. वैश्विक मंच पर भी भारत का रुतबा तेजी से बढ़ रहा है और जर्मन चांसलर शोल्ज भी चाहते हैं कि इसका लाभ जर्मनी को भी मिले. जर्मनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर भी चिंतित हैं. वो चाहता है कि भारत के साथ मिलकर दूसरे देश चीन के दबदबे को कम करने की दिशा में काम कें. इस लिहाज से भी जर्मन चांसलर भविष्य में भारत-जर्मनी के संबंधों को और मजबूत करने के हिमायती हैं. 

ये भी पढ़ें:

रूस से नजदीकी के बावजूद भारत से मजबूत रक्षा संबंध चाहता है अमेरिका, विदेश मंत्री ब्लिंकन की यात्रा से बढ़ेगी साझेदारी

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

अचानक दिल्ली क्यों पहुंचे डीके शिवकुमार, क्या हाईकमान से फिर होगी मीटिंग, खुद दिया जवाब
अचानक दिल्ली क्यों पहुंचे डीके शिवकुमार, क्या हाईकमान से फिर होगी मीटिंग, खुद दिया जवाब
Chhattisgarh: अंबिकापुर में कोयला खदान के विस्तार के विरोध में बवाल, पुलिस पर पथराव
छत्तीसगढ़: अंबिकापुर में कोयला खदान के विस्तार के विरोध में बवाल, पुलिस पर पथराव
KL Rahul Record: डेथ ओवरों में केएल राहुल ने रचा नया कीर्तिमान, बने सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज!
डेथ ओवरों में केएल राहुल ने रचा नया कीर्तिमान, बने सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज!
मदनी के जिहाद वाले बयान पर गुस्से में आए गिरिराज सिंह, बोले- 'इनकी जरूरत नहीं, इस्लामिक देश भेज दो'
मदनी के जिहाद वाले बयान पर गुस्से में आए गिरिराज सिंह, बोले- 'इनकी जरूरत नहीं, इस्लामिक देश भेज दो'
Advertisement

वीडियोज

मौलाना मदनी को जिहाद पसंद है !
'जिहाद' वाला पाठ फैलाएंगे फसाद?
कोयला खदान पर छिड़ा संग्राम,  ग्रामीण ने पुलिस को खदेड़ा!
Bollywood News: बॉलीवुड गलियारों की बड़ी खबरें | KFH
Silver ने बाजार में मचाया तूफान | Gold–Silver Record High Explained | Rupee Crash Impact| Paisa Live
Advertisement
Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अचानक दिल्ली क्यों पहुंचे डीके शिवकुमार, क्या हाईकमान से फिर होगी मीटिंग, खुद दिया जवाब
अचानक दिल्ली क्यों पहुंचे डीके शिवकुमार, क्या हाईकमान से फिर होगी मीटिंग, खुद दिया जवाब
Chhattisgarh: अंबिकापुर में कोयला खदान के विस्तार के विरोध में बवाल, पुलिस पर पथराव
छत्तीसगढ़: अंबिकापुर में कोयला खदान के विस्तार के विरोध में बवाल, पुलिस पर पथराव
KL Rahul Record: डेथ ओवरों में केएल राहुल ने रचा नया कीर्तिमान, बने सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज!
डेथ ओवरों में केएल राहुल ने रचा नया कीर्तिमान, बने सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज!
मदनी के जिहाद वाले बयान पर गुस्से में आए गिरिराज सिंह, बोले- 'इनकी जरूरत नहीं, इस्लामिक देश भेज दो'
मदनी के जिहाद वाले बयान पर गुस्से में आए गिरिराज सिंह, बोले- 'इनकी जरूरत नहीं, इस्लामिक देश भेज दो'
Year Ender 2025: बड़े बजट की इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर हाल रहा बेहाल, ऋतिक से लेकर सलमान तक की फिल्में हैं शामिल
बड़े बजट की इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर हाल रहा बेहाल, ऋतिक से लेकर सलमान तक की फिल्में हैं शामिल
Explained: क्या वाकई सर्दियां प्यार का मौसम है, ठंड में पार्टनर की तलाश क्यों होती, कैसे '4 महीने का इश्क' परवान चढ़ता है?
Explained: क्या वाकई सर्दियां प्यार का मौसम है, ठंड में पार्टनर की तलाश क्यों होती, कैसे '4 महीने का इश्क' परवान चढ़ता है?
Blood Formation Process: इंसान के शरीर में कैसे बनता है खून, इसमें हड्डियां कैसे करती हैं मदद?
इंसान के शरीर में कैसे बनता है खून, इसमें हड्डियां कैसे करती हैं मदद?
अक्टूबर में भारत ने खरीदा 14.7 बिलियन डॉलर का सोना, जानें देश में किसने खरीदा सबसे ज्यादा गोल्ड?
अक्टूबर में भारत ने खरीदा 14.7 बिलियन डॉलर का सोना, जानें देश में किसने खरीदा सबसे ज्यादा गोल्ड?
Embed widget