Delhi Women Employment: सर्विस सेक्टर में महिलाओं की संख्या में गिरावट, हर चार कर्मचारियों में केवल एक महिला
Delhi Women Employment: दिल्ली सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी में सेवा क्षेत्र की नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी कम होती जा रही है. आइए जानते हैं क्या कहती है रिपोर्ट.

Delhi Women Employment: दिल्ली सरकार ने स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क 2024 की एक नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि राजधानी में सेवा क्षेत्र की अलग-अलग नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी में काफी ज्यादा गिरावट आई है. इस रिपोर्ट ने महिलाओं की रोजगार, वेतन और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बारे में काफी चिंताजनक आंकड़े दिखाए हैं.
सेवा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में गिरावट
रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में प्रोफेशनल और टेक्निकल कामों में लगी महिलाओं का प्रतिशत 2020-21 में 28.5% से घटकर 2022-23 में 21.3% हो चुका है. इससे साफ जाहिर होता है कि पिछले कुछ सालों में काफी कम महिलाएं इन कुशल नौकरियों तक पहुंच पा रही हैं. सिर्फ रोजगार ही नहीं बल्कि वेतन में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं का औसत वेतन 2021-22 में 1.13 से घटकर 2023-24 में 0.87 हो गया है. इससे पता चलता है कि पुरुषों के तुलना में महिलाओं को वेतन भी काम मिल रहा है.
इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि वे महिलाएं जो काम करना चाहती हैं लेकिन उन्हें उचित रोजगार नहीं मिल रहा उनका प्रतिशत 2017-18 में 11.1% से बढ़कर 2023-24 में 14.5% हो गया है.
क्यों कम हो रहीं महिलाएं
अगर हम महिलाओं के वर्क फोर्स में शामिल न होने की वजह की बात करें तो कई कारण सामने आते हैं. जिसमें सार्वजनिक शौचायलयों की कमी, असुरक्षित सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में कमी के कारण सबसे पहले सामने आते हैं.
महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व
इस रिपोर्ट में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर भी प्रकाश डाला गया है. आपको बता दें कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अगर महिलाओं की जीती गई सीटों का प्रतिशत निकालें तो वह मात्र 7.14% है. यह पिछले 10 सालों में सबसे कम है. हालांकि 2015 में 9.8% से बढ़कर 2025 में 13.73% महिलाओं ने चुनाव लड़ा था. 70 सीटों में से केवल 5 महिलाएं ही विधायक चुनी गई.
इन सेक्टर्स में दिखा बदलाव
इन सभी चुनौतियों के बावजूद भी दिल्ली ने कई सकारात्मक विकास भी देखे हैं. राजधानी में कम वजन वाले बच्चों और मातृ मृत्यु दर में कमी आई है. इसी के साथ मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स में भी काफी सुधार हुआ है. इसी के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में भी दिल्ली में प्रगति देखने को मिली. रिन्यूएबल सोर्सेस सेफ बिजली उत्पादन 2015-16 में 0.71% था. 2022-23 में यह बढ़कर 27.24% हो गया. इससे सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का निर्माण होता है. इतना ही नहीं बल्कि एमएसएमई क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. 2022-23 में 1.78 लाख पंजीकृत इकाइयां थी. लेकिन यह संख्या 2030 24 में बढ़कर 4.019 लाख हो गई है. इसी के साथ स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. 2024 तक दिल्ली में स्टार्टअप इंडिया के तहत 14000 से ज्यादा स्टार्टअप को मान्यता दी गई.
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Source: IOCL






















