विंबलडन के इस मैच के टिकट की कीमत थी 12 लाख रुपये, जानें क्या है महंगे टिकट का रिकॉर्ड
Wimbledon 2025: विंबलडन 2025 इस बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है. एक साल इसके फाइनल मैच के टिकट की कीमत 12 लाख रुपये से ज्यादा की थी. चलिए जानें कि वो मैच कब खेला गया था.

टेनिस का सबसे पुराना और सबसे बड़ा विंबलडन टूर्नामेंट इस वक्त इंग्लैंड में चल रहा है. पूरी दुनिया में विंबलडन का क्रेज देखने को मिलता है. भारतीय क्रिकेटर से लेकर फिल्म स्टार तक हर कोई इसे देखने के लिए इंग्लैंड पहुंच रहा है. इस बार यह ग्रैंड स्लैम टूर्नांमेंट का 138वां सीजन है. बीते दिन हमने आपको विंबलडन के एक टिकट की कीमत के बारे में बताया था और इस बात की भी जानकारी दी थी कि इसका एक वीआईपी टिकट कितने का आता है. दरअसल विंबलडन का फाइनल मैच देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ता है और ऐसे में टिकट के दाम भी बढ़ जाते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि विंबलडन के किस मैच के टिकट की कीमत 12 लाख रुपये थी.
किस साल खेला गया था वो मैच
विंबलडन का यह मैच पिछले साल 2024 में खेला गया था, जो कि नोवाक जोकोविच और कार्लोस अल्काराज के बीच हुआ था. उस दौरान इस मैच के टिकट का प्राइस करीब 5.8 लाख रुपये से शुरू हुआ था. वहीं यूएसए करेंसी में टिकट की हाईएस्ट कीमत 10,000 डॉलर से भी ज्यादा थी. अलग-अलग वेबसाइट पर टिकट के दाम अलग-अलग ही देखने को मिलते हैं, लेकिन फाइनल मुकाबले के हाईएस्ट टिकट की कीमत 12 लाख रुपये से भी ज्यादा थी. दावा किया जा रहा था कि यह इतिहास के किसी भी टूर्नामेंट का सबसे महंगा मैच था, क्योंकि उसके पहले कोई भी टिकट इतनी कीमत के नहीं बिके थे.
सेंटर कोर्ट के टिकट की कीमत
फैंस के लिए इतने महंगे टिकट खरीदना बहुत मुश्किल होता है. साल 2024 में विंबलडन की आधिकारिक वेबसाइट पर फाइनल के लिए सेंटर कोर्ट सीट के टिकट की कीमत 275 पाउंड यानि लगभग 29,172.56 रुपये के आसपास रखी गई थी. लेकिन ऑनलाइन टिकट रीसेलिंग फॉर्म में इसी टिकट को लाखों में बेचा गया था. यही वो फाइनल मुकाबला था, जिसके टिकट की कीमत 12 लाख रुपये भी ज्यादा कीमत की बिकी थी.
कब से शुरू हुआ था विंबलडन
विंबलडन की शुरुआत की बात करें तो इस ग्रैंड स्लैम की शुरुआत 1868 में की गई थी. उस वक्त इसको विंबलडन न कहकर कॉकेट कहा जाता था. तब इसका आयोजन ऑल इंग्लैंड क्लब कराता था. उस दौर में कॉकेट क्लब और ऑल इंडिया टेनिस की शुरुआत सिर्फ छह लोगों ने मिलकर की थी. फिर बाद में 1877 में इस टूर्नामेंट का नाम विंबलडन रखा गया था. आज इसमें 500 से ज्यादा मेंबर हैं और इस बार 138वां सीजन खेला जा रहा है.
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