अगर मंगल ग्रह पर फोड़ दिए जाएं सारे परमाणु बम तो क्या होगा, क्या हमें मिल जाएगी नई पृथ्वी?
वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में जुटे हुए हैं. लगातार कोशिश जारी है, इसी बीच मंगलग्रह पर परमाणु हमले की बात कही जा रही है. चलिए जानते हैं कि क्या होगा अगर मंगल ग्रह पर परमाणु हमला हो जाए?

अगर पृथ्वी पर मौजूद सबसे खतरनाक हथियारों की बात करें तो उसमें सबसे पहला नाम परमाणु बम का आता है. परमाणु बम न सिर्फ किसी देश को बल्कि यह एक पूरी सभ्यता को खत्म करने की क्षमता रखता है. अगर सरल शब्दों में समझें तो इसका मतलब होता है परमाणु हमले से सिर्फ एक देश के लोगों को ही नुकसान नहीं होता बल्कि वहां पर मौजूद मानव सभ्यता के साथ पर्यावरण पूरी तरह नष्ट हो सकते हैं.
यही कारण है कि जब दो परमाणु शक्ति संपन्न देश आपस में लड़ते हैं तो दुनिया के बाकी देशों की टेंशन बढ़ जाती है. परमाणु बम को लेकर हमारे मन में तरह-तरह के सवाल उठते हैं, उनमें से एक सवाल है कि अगर सारे परमाणु बम मंगल ग्रह पर फोड़ दिए जाएं तो क्या हमें एक नई पृथ्वी मिल सकती है? चलिए आपको बताते हैं इस सवाल का जवाब.
मंगल ग्रह पर क्या होगा बदलाव?
Science2.0 में Robert Walker के एक छपे लेख में बताया गया था कि परमाणु बम मंगल ग्रह पर कोई बदलाव नहीं ला सकते हैं. लेख के शीर्षक में बताया गया था कि A Million 100 Megaton Nukes Can't Do It अगर इसको हिंदी में देखें तो एक मिलियन 100 मेगाटन के परमाणु बम भी ऐसा नहीं कर सकते. इसको लेकर एलन मस्क ने सुझाव दिया था कि मंगल के ध्रुवों पर परमाणु विस्फोट करके बर्फ पिघलाई जाए, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड निकले और मंगल पर ग्रीनहाउस इफेक्ट हो सके. उनका कहना था कि इससे वातावरण गरम होगा और वहां दबाव और तापमान में थोड़ा बदलाव आएगा. लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह पता नहीं है कि मंगल पर कितना ड्राइ बर्फ है. रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह पर कम से कम बर्फ 10,000 क्यूबिक किलोमीटर है, जो मंगल के वायुमंडल से दोगुना है, लेकिन यह 10 गुना नहीं होगा. अगर पर्याप्त मात्रा में कार्बन डाइऑस्कसाइड रिलीज नहीं होगी तो वायुमंडल मे ज्यादा बदलाव नहीं होगा. परमाणु बमों की ऊर्जा वहां के तापमान और दबाव को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं है.
हो सकती हैं दिक्कतें
परमाणु बम का विस्फोट करके हम मंगल को पृथ्वी में तो शायद नहीं बना सकते हैं, लेकिन इससे कई तरह के नुकसान जरूर हो सकते हैं. जैसे कि इसके विस्फोट से मंगल ग्रह पर भारी मात्रा में रेडिएशन फैलने की संभावना होगी. इससे हो सकता है मंगल ग्रह पर इंसानी कॉलोनी बसाने का सपना अधूरा ही रह जाए. ऐसे में सिर्फ बम से वातावरण बनाना विज्ञान के वर्तमान स्तर पर असंभव है.
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Source: IOCL






















