न्यूक्लियर प्लांट पर बम गिरने से कैसे मचती है तबाही, क्या ये परमाणु बम फटने जैसा होता है?
रूस-यूक्रेन जंग में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने उसके चेर्नोबल न्यूक्लियर पावर प्लांट को निशाना बनाया है. इस पावर प्लांट पर ड्रोन से हमला किया गया है.

Russia Drone Attack on Chernobyl Nuclear Plant: यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने उसके चेर्नोबल न्यूक्लियर पावर प्लांट को निशाना बनाया है. इस पावर प्लांट पर ड्रोन से हमला किया गया है, जिससे बड़े स्तर की तबाही की आशंका है. यूक्रेन का कहना है इससे वैश्विक परमाणु ऊर्जा खतरे में पड़ गई है. आइए जानते हैं कि न्यूक्लियर प्लांट पर बम गिरने से कैसे मचती है तबाही और क्या यह तबाही परमाणु बम जैसी होती है?
बता दें, दुनिया के सबसे शक्तिशाली हथियारों में परमाणु बम पहले नंबर पर आता है. इसके हमले की गवाह दुनिया एक बार बन चुकी है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई थी. ऐसे में किसी भी न्यूक्लियर प्लांट पर हमला भी भीषण तबाही मचा सकता है.
रेडिएशन का सबसे ज्यादा खतरा
परमाणु बम के हमले से तबाही में सबसे खतरनाक होता है उसका रेडिएशन. दरअसल, जब भी परमाणु बम से हमला होता है तो विस्फोट की एक सीमित मात्रा में नुकसान फैलाता है. हालांकि, इसका रेडिएशन काफी दूर तक फैल सकता है और सालों साल तक बना रहता है. ऐसे में न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमले में भी रेडिएशन फैलने का खतरा होता है. इस रेडिएशन से पावर प्लांट के आसपास के क्षेत्र में जीवन पूरी तरह समाप्त हो सकता है.
परमाणु आपदा का गवाह है चेर्नोबल पावर प्लांट
बता दें, दुनिया चेर्नोबल पावर प्लांट में इतिहास की सबसे खतरनाक परमाणु आपदा की गवाह रह चुकी है. 26 अप्रैल, 1986 को इस पावर प्लांट में एक हादसा हुआ था. चेर्नोबल पावर प्लांट में एक सुरक्षा परीक्षण किया गया था, जो नियंत्रण से बाहर हो गया और यहां एक साथ कई विस्फोट हुए थे. इस हादसे में 31 लोगों की तुरंत मौत हो गई थी. हालांकि, इसके बाद इसका रेडिएशन काफी दूर तक फैला, जिसने कई सालों तक लोगों को अपना शिकार बनाया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चेर्नोबल हादसे के बाद फैले रेडिएशन के कारण हजारों लोगों की कैंसर से मौत हुई थी.
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Source: IOCL






















