Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में जिस जगह आतंकी हमला हुआ वहां से कितनी दूर है पाकिस्तान बॉर्डर? जान लीजिए जवाब
Pahalgam Terror Attack: सोशल मीडिया पर कुछ लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब तक आतंकी बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंच चुके होंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये कितना मुमकिन है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है. दोनों तरफ से कई तरह के बयान आ रहे हैं और माना जा रहा है कि भारत जल्द से जल्द पाकिस्तान को इस कायराना हरकत का जवाब दे सकता है. फिलहाल कुछ लोगों को उन आतंकियों के खात्मे की भी चिंता है, जिन्होंने इस पूरे हमले को अंजाम दिया. सोशल मीडिया पर कुछ लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब तक आतंकी बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंच चुके होंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये कितना मुमकिन है और पहलगाम से पाकिस्तान बॉर्डर कितनी दूर है.
पहलगाम में किस जगह हुआ था आतंकी हमला?
पहलगाम कश्मीर का सबसे खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है और इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहते हैं. यहां लोग सबसे ज्यादा घूमने के लिए आते हैं. इसलिए आतंकियों ने हमला करने के लिए पहलगाम की अलग-अलग जगहों पर रेकी की थी. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में स्थित बैसरन घाटी एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट है. इसे आतंकियों ने हमला करने के लिए चुना था. आतंकियों ने 22 अप्रैल घाटी पर हमला किया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. आतंकियों ने हमला करने से पहले जम्मू कश्मीर में स्थित कई इलाकों की रेकी की थी. इसमें पहला नाम आरू घाटी का है, लेकिन आतंकियों ने आरू घाटी छोड़ कर बैसरन घाटी पर हमला किया था. बैसरन पहलगाम से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
कितने आतंकियों ने दिया था हमले को अंजाम?
रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमला एक बड़ी रणनीति का हिस्सा था, जिसे चार आतंकियों और उनके लोकल सहयोगियों ने अंजाम दिया. इन 4 आतंकियों में दो पाकिस्तानी थे, उनका नाम मूसा और अली है. यह आतंकी अपने लोकल कॉन्टैक्ट की मदद से पहलगाम पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि पहलगाम में हुए हमले को लेकर यह आतंकी पहले से अलग-अलग जगहों पर रेकी कर रहे थे. इनका पाकिस्तान आर्मी से भी कनेक्शन बताया जा रहा है.
पहलगाम से कितनी दूर है बॉर्डर?
पहलगाम से पाकिस्तान का बॉर्डर यानी एलओसी करीब 150 किमी दूर है. इस हिसाब से पहलगाम से पाकिस्तान बॉर्डर तक अगर आतंकी पैदल चलकर जाते हैं तो उन्हें कम से कम 30 से ज्यादा घंटे लगेंगे. यानी आतंकियों के तुरंत बॉर्डर पार करने की संभावना काफी कम है. बॉर्डर पर भारी संख्या में भारतीय सेना के जवान तैनात रहते हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है कि पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान पहुंच चुके होंगे, वो लगभग नामुमकिन है.
बॉर्डर क्रॉस करना कितना मुश्किल?
आतंकियों के लिए बॉर्डर क्रॉस करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि बॉर्डर पर सबसे कड़ी सिक्योरिटी होती है. ऐसे में किसी भी आतंकी हमले के बाद बॉर्डर क्रॉस करके जाना सबसे मुश्किल काम है. इसी के चलते यह आतंकी घने जंगलों या अपनी बनाए गए ठिकानों पर छिप जाते हैं. ज्यादातर आतंकी कुछ महीनों तक छिपे रहने के बाद मौका मिलते ही भागने की कोशिश करते हैं.
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