भारत के इस बड़े वकील से दाऊद इब्राहिम ने कही थी सरेंडर करने की बात, बेहद दिलचस्प है किस्सा
Dawood Ibrahim Surrender Story: दाऊद करने वाला था सरेंडर इस बड़े वकील को कहा था सरकार से बात करने के लिए. लेकिन कुछ शर्तों की वजह से नहीं हो सका सरेंडर. पढ़ें क्या हुआ था उस वक्त.

Dawood Ibrahim Surrender Story: दाऊद इब्राहिम भारत का सबसे मोस्ट वांटेड क्रिमिनल कहा जाता है. 1993 के मुंबई धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम दुबई भाग गया था. उसका हालिया ठिकाना पाकिस्तान में बताया जाता है. दाऊद इब्राहिम न सिर्फ भारत में मोस्ट वांटेड है. बल्कि इंटरनेशनल पुलिस यानी इंटरपोल की ओर से उसे लेकर रेड कॉर्नर नोटिस भी इशू किया गया है. मुंबई धमाकों के साथ-साथ कई गुनाहों में उसका नाम दर्ज है.
उस पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. पिछले गई सालों से वह फर्जी नाम बदल बदल कर और लोकेशन चेंज कर के रह रहा है. लेकिन एक समय था जब दाऊद इब्राहिम खुद ही सरेंडर करना चाहता था. यह बात उसने भारत के मशहूर वकील को बताई थी. हालांकि दाऊद इब्राहिम ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी थीं. क्यों होते-होते रह गया दाऊद इब्राहिम का सरेंडर चलिए बताते हैं आपको यह दिलचस्प किस्सा.
दाऊद ने राम जेठमलानी से कहा था सरेंडर के लिए
राम जेठमलानी का नाम भारत का सबसे चर्चित और सबसे हाई प्रोफाइल वकीलों में आता है. उन्होंने मुंबई अंडरवर्ल्ड के हाजी मस्तान से लेकर आसाराम बापू तो संसद हमले के आरोपी अफजल गुरू तक का केस लड़ा था. 1993 में जब मुंबई हमले हुए तो उसके बाद दाऊद इब्राहिम ने राम जेठमलानी से संपर्क किया. राम जेठमलानी उन दिनों भी भारत के तगड़े वकीलों में गिने जाते थे. दाऊद इब्राहिम में राम जेठमलानी से मिलकर खुद को सरेंडर करने की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि दाऊद इब्राहिम ने इसके कुछ शर्ते रखीं थी.
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क्या थी सरेंडर की शर्त?
राम जेठमलानी ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार को दाऊद इब्राहिम की सरेंडर करने की इच्छा को बताया. तो साथ ही राम जेठमलानी ने दाऊद की शर्त के बारे में भी बताया. दाऊद ने तीन शर्तें रखी थी. पहली यह कि भारत आने पर उसका एनकाउंटर न किया जाए.दूसरी उसपर सिर्फ मुंबई ब्लास्ट का ही केस चलाया जाए. तीसरी उसे गिरफ्तार न किया जाए और ना ही उसे जेल में रखा जाए. बल्कि उसे किसी घर में नजर बंद किया जाए. उसे डर था कि जेल में रखने के बाद पुलिस उसके साथ बुरा व्यवहार करेगी.
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शरद पवार ने कर दिया मना
महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने राम जेठमलानी द्वारा दिए गए दाऊद इब्राहिम के सरेंडर प्रस्ताव पर अधिकारियों और कुछ अहम लोगों से बातचीत की उनकी सलाह ली. दाऊद की पहली शर्त को मान लिया गया. लेकिन बाकी दूसरों को नहीं माना गया. इसके बाद में दाऊद को लेकर इस मामले में कोई सूचना सरकार की ओर से नहीं आई. और न ही इस बारे में कोई बातचीत की गई.
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