नाम के आगे और पीछे नहीं लगा सकते हैं ‘भारत रत्न’, जानें क्या कहता है नियम
पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और एमएस स्वामिनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की है. लेकिन आज हम आपको भारत रत्न से जुड़े कुछ तथ्य बताने वाले हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए तीन हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामिनाथन का नाम शामिल है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे पीछे भारत रत्न नहीं लगा सकता है. आज हम आपको इससे जुड़े नियम बताने वाले हैं.
क्या कहता है नियम
संविधान के नियमों के मुताबिक भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति अपने नाम के आगे भारत रत्न नहीं लगा सकता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में 'भारत रत्न' का प्रयोग नहीं कर सकते हैं. हालांकि वे अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में 'राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न' या 'भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता' जोड़ सकते हैं. लेकिन सीधे तौर पर वो अपने नाम के आगे भारत रत्न नहीं लगा सकते हैं, भारत का कानून उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता है.
पुरस्कार का डिजाइन
पहले भारत रत्न की डिजाइन में 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण पदक था और इस पर सूर्य बना हुआ था. जिसके ऊपर हिंदी में भारत रत्न लिखा हुआ था और नीचे की तरफ पुष्पहार था. इसके पीछे राष्ट्रीय चिन्ह और वाक्य लिखा होता था. इसके बाद रत्न में बदलाव करते हुए तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बनाया गया. वहीं इसके नीचे चांदी में भारत रत्न लिखा रहता है.
भारत रत्न मिलने पर क्या सुविधा मिलती ?
• भारत रत्न पाने वाल व्यक्तियों को भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है. हालांकि इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है.
• वहीं उस व्यक्ति को सरकारी सुविधाएं भी मिलती हैं. उदाहरण के लिए भारत रत्न पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ़्त यात्रा की सुविधा मिलती है.
• भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है.
• भारत रत्न पाने वाले व्यक्तियों को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति,उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है.
• सरकार वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस में उन्हें जगह देती है. जिसका इस्तेमाल वो सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है.
• इसके अलावा राज्य सरकार भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं.
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Source: IOCL





















