क्या वाकई प्लेन की सबसे सेफ सीट होती है सीट नंबर 11A? जानें क्या है इसका सच
12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश ने देश को झकझोर कर रख दिया है. विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई. लेकिन इस भयानक हादसे में एक व्यक्ति की जान बच गई.

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश ने देश को झकझोर कर रख दिया है. एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी और टेक ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानी नगर इलाके में क्रैश हो गई. इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई. लेकिन इस भयानक हादसे में एक व्यक्ति की जान बच गई, जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है.
इस विमान हादसे में जिस यात्री की जान बची उसका नाम विश्वास कुमार है. बताया जा रहा है कि इस भयानक हादसे में बचने वाले यात्री विश्वास का हॉस्पिटल में इलाज जारी है. इस विमान में विश्वास कुमार प्लेन की सीट नंबर 11A पर बैठे हुए थे. विश्वास कुमार रमेश बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे थे और उनकी सीट नंबर 11A थी. लोग अब इस सीट नंबर को सबसे सेफ मान रहे हैं, क्योंकि यही वह सीट थी जिससे विश्वास की जान बची. ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या वाकई सीट नंबर 11A प्लेन की सबसे सेफ सीट होती है?
कैसे बचे सीट नंबर 11A के यात्री विश्वास
विश्वास कुमार रमेश बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे थे और उनकी सीट नंबर 11A थी. लोगों के बीच विश्वास कुमार की चर्चा लगाता जारी है. इसके साथ ही विश्वास का मलबे से बाहर निकलते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, ऐसे में वीडियो के वायरल होने के बाद लोग हैरान रह गए और जानना चाहते हैं कि आखिर उन्होंने जान कैसे बचाई.
विश्वास ने बताया कि प्लेन का जो हिस्सा एक हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर गिरा, वो हिस्सा वही था जिस सीट पर विश्वास बैठे थे और उनके आसपास थोड़ा खुला स्पेस था, जिससे वो बाहर निकल पाए. जबकि बाकी लोगों की तरफ शायद दीवारें या रुकावटें थीं, इसलिए वे बाहर नहीं निकल सके. विश्वास ने बताया कि हादसे के वक्त वो सीट समेत नीचे निकल आए.
क्या सीट नंबर 11A है प्लेन की सबसे सेफ सीट?
अहमदाबाद हादसे में बचने वाले यात्री विश्वास कुमार प्लेन की सीट नंबर 11A पर बैठे हुए थे. तभी से ही इस सीट को प्लेन की सबसे सेफ सीट कहा जा रहा है. यह सीट बिजनेस और इकोनॉमी क्लास के बीच एक दरवाजे के पास होती है, जिसे इमरजेंसी एग्जिट कहा जाता है. इस दरवाजे के ठीक पीछे 11A से लेकर 11F तक सीटें होती हैं. इमरजेंसी के समय यह दरवाजा बाहर निकलने का रास्ता बन जाता है.
ज्यादातर विमान हादसों में आगे का हिस्सा ज्यादा डैमेज होता है. वहीं विमान हादसों में पीछे की सीटें अक्सर बच जाती हैं और ये सेफ सीटें मानी जाती हैं. विमान की पीछे की मिडल सीट पर मौत का खतरा 28 प्रतिशत तक होता है. जबकि विमान के बीच की आइल सीट पर यह खतरा 44 प्रतिशत तक होता है.
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Source: IOCL






















