Dilip Kumar Death: 'ट्रेजेडी किंग' दिलीप कुमार के 10 दर्द भरे गाने, जिन्होंने सुनकर रो पड़ेगा दिल
दिलीप कुमार अपनी एक्टिंग से हर किरदार में गहराई से उतर गए. उन्होंने न सिर्फ अपनी एक्टिंग से बल्कि अपने गानों से भी लोगों को खूब रुलाया
दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के रूप में बॉलीवुड के एक युग का अंत हो गया. उन्होंने 98 साल की उम्र में मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली. इस खबर ने हिन्दी सिनेमा के करोड़ों प्रेमियों का दिल तोड़ दिया. आज हर कोई उन्हें याद करके गमगीन है. बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां हो या उनके फैंस हर कोई हिन्दी सिनेमा में उनके योगदान को लेकर चर्चा कर रहा है.
हिन्दी सिनेमा में दिलीप कुमार को हमेशा ट्रेजेडी किंग के रूप में याद किया जाएगा. दिलीप कुमार को ट्रेजेडी किंग का खिताब यूं हीं नहीं दिया गया था. उनकी बेमिसाल एक्टिंग हर किरदार को जीवंत कर दिया करती थी. उन्होंने कई फिल्मों में गंभीर हीरो का किरदार निभाकर हमेशा के लिए अमर कर दिया.
फिल्म ‘देवदास’ हो या ‘मुगल-ए-आजम में सलीम, ‘दाग’ फिल्म का शंकर या फिल्म ‘गंगा जमुना’ में विधवा मां का बेटा गंगा, दिलीप कुमार अपनी एक्टिंग से हर किरदार में गहराई से उतर गए. उन्होंने न सिर्फ अपनी एक्टिंग से बल्कि अपने गानों से भी लोगों को खूब रुलाया. आईए आपको सुनाते हैं दिलीप के 10 सुपरहिट दर्द भरे गाने, जिन्होंने लोगों को रोने के लिए मजबूर कर दिया.
आदमी (1968 )
आज पुरानी राहों से, कोई मुझे आवाज़ ने दे.
दाग (1952)
ऐ मेरे दिल कहीं और चल, ग़म की दुनिया से दिल भर गया..
आरजू (1950)
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल..
मेला (1948)
गाए जा गीत मिलन के..
तराना (1966)
सीने में सुलगते हैं अरमान..
गोपी (1970)
सुख के सब साथी, दुख में ना कोई
फुटपाथ (1953)
शाम ए ग़म की कसम...
आदमी (1958)
ना आदमी का कोई भरोसा
आरजू (1950)
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहां कोई..
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