Lok Sabha Election 2024: 36 साल बाद भरूच दोहरा सकता है इतिहास, क्या सच में आमने-सामने होंगी इन दो दिग्गजों की बेटियां?
Election Latest News: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस का निशाना अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी है.
Loksabha Election 2024 Hot Seat: पांच राज्यों में इस महीने होने वाले विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है. इस चुनाव को अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. इसलिए बीजेपी और सभी विपक्षी दलों ने अभी से विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी का टारगेट जहां अपने विजयी रथ को कायम रखना है, तो वहीं कांग्रेस फिर से सत्ता में वापस आना चाहती है.
लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए गुजरात काफी अहम राज्य है. यह बीजेपी का गढ़ है. यहां 25 साल से जहां बीजेपी राज्य में काबिज है तो लोकसभा में भी उसका दबदबा है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटें जीती थीं. कई सर्वे यह बता रहे हैं कि इस बार भी बीजेपी सभी सीटें जीतेगी, लेकिन कांग्रेस सरेंडर करने के मूड में नहीं है.
अभी से चर्चा में यह सीट
इसी के तहत उसने कभी कांग्रेस के गढ़ रहे भरूच लोकसभा सीट पर तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी यहां से अपने पूर्व दिग्गज नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज को उतारना चाहती है. वहीं बीजेपी इस बार मौजूदा बीजेपी सांसद मनसुख वसावा की जगह किसी महिला को ही उतारने की तैयारी में है. इन दोनों की टक्कर की वजह से यह सीट अभी से चर्चा में है. इसे लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे हॉट सीट माना जा रहा है.
कट सकता है मौजूदा सांसद का टिकट
भरूच से अभी मनसुख वसासा सांसद हैं. वह बीजेपी से लगातार छह बार जीत रहे हैं. पर चर्चा है कि पिछले कुछ समय से उन्होंने जिस तरह के बयान दिए हैं उससे पार्टी उनसे नाराज है. ऐसे में बीजेपी इस बार उनका टिकट काट सकती है. इसके अलावा यह भी चर्चा है कि बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को देखकर अपना प्रत्याशी तय कर सकती है.
1989 में आमने सामने थे पटेल और देशमुख
चर्चा है कि अगर कांग्रेस ने यहां से मुमताज को अपना उम्मीदवार बनाया तो बीजेपी यहां अपने दिग्गज नेता चंदूभाई देशमुख की बेटी डॉ. दर्शना देशमुख को उम्मीदवार बना सकती है. अगर ऐसा होता तो यहां का मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा. बता दें कि इससे पहले चंदूभाई देशमुख और अहमद पटेल 1989 में आमने-सामने थे. तब चंदूभाई ने 1989 में तीन बार से लगातार जीत रहे अहमद पटेल को 1 लाख 15 हजार वोटों से हराया था. ऐसे में एक बार फिर पटेल और देशमुख की टक्कर पर सबकी नजर रहेगी.
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