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कैसे होता है एक IAS का तबादला और पोस्टिंग, जानिए

आईएएस ऑफिसर्स के ट्रांसफर और पोस्टिंग के कुछ आधारभूत नियम और स्थितियां होती हैं. मोटे तौर पर कहा जाये तो आईएएस का ट्रांसफर इसलिये किया जाता है ताकि सत्ता की पावर कुछ खास लोगों या समूहों तक न सीमित रह जाये

IAS Transfers And Postings: इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस के अंतर्गत आने वाले आईएएस और आईपीएस पदों का अपनी ही रुतबा होता है. जहां इनकी पोस्टिंग होती है, वह एरिया पूर्णतः इनके अधिकार क्षेत्र में आता है. किसी एरिया विशेष में पावर का दुरुपयोग न होने लगे इसलिये इन अधिकारियों का ट्रांसफर कुछ कुछ समय में कर दिया जाता है. हालांकि इसके अलावा भी कई कारण हैं जो ट्रांसफर का कारण बनते हैं या जिन के आधार पर अधिकारी अपने ट्रांसफर की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ कारकों के बारे में.

विवाह की स्थिति में -

ट्रांसफर या पोस्टिंग का अधिकार जिसे विभिन्न कैडर्स में आवंटन भी कहा जा सकता है, राज्य सरकार से परामर्श करने के बाद केन्द्र सरकार करती है. सरकार एक अधिकारी का ट्रांसफर दूसरे कैडर में कर सकती है अगर दो अधिकारियों के बीच विवाह हुआ है तो. पति का पत्नी के कैडर में या पत्नी का पति के कैडर में ट्रांसफर हो सकता है और अधिकारी इस बाबत सरकार से प्रार्थना भी कर सकते हैं. हालांकि जिस कैडर में दोनों अधिकारियों को भेजा जाना है वहां की सरकार का नये अधिकारी को अपने यहां नियुक्ति की आज्ञा देनी होती है. अगर राज्य सरकार नहीं मानती तो दोनों अधिकारियों यानी पति-पत्नी को किसी तीसरे कैडर में एक साथ भेज दिया जाता है. ऐसी कंडीशन में वे एक-दूसरे के कैडर में नहीं जा पाते.

कैडर ट्रांसफर के अन्य कारक –

  • इंटरस्टेट कैडर ट्रांसफर करने की आज्ञा असाधारण केसेस में अत्यंत कठिनाई होने की स्थिति में दी जा सकती है.
  • अंतर कैडर ट्रांसफर अधिकारी को उसके होमटाउन में नहीं मिल सकता.
  • अगर किसी और केंद्रीय सेवा, राजकीय सेवा या कोई भी सरकारी नौकरी कर रहे व्यक्ति से विवाह होता है तो कैडर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा.
  • 'अत्यधिक कठिन परिस्थिति - एक्सट्रीम हार्डशिप' अंतर-कैडर ट्रांसफर के लिए आधार बन सकती है. आवंटित राज्य की जलवायु या वातावरण के कारण अधिकारी या उसके परिवार के जीवन पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या का खतरा आने पर ट्रांसफर किया जा सकता है.
  • ऐसे केसेस में एजेंसी या विशेषज्ञों का समूह पहले इस बात की सत्यता परखता है, तभी निर्णय होता है.
  • अगर किसी प्रकार का गंभीर जान का जोखिम या खतरा अधिकारी या उसके परिवार को होता है तो भी ऊपर बतायी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ट्रांसफर संभव हो सकता है.
  • जान का खतरा या हेल्थ खराब होने के खतरे के आधार पर अधिकारी को तीन साल तक के लिये कहीं और भेजा जा सकता है. तीन साल बाद पुराने एरिया का फिर से मुआयना किया जाता है. अगर सब ठीक पाया जाता है तो अधिकारी की पुनः वहां पोस्टिंग कर दी जाती है.

कुल मिलाकर तबादलों का मुख्य उद्देशिय एरिया विशेष के अनुरूप बेस्ट आईएएस अधिकारी की नियुक्ति है ताकि वे अपना काम पूरा ईमानदारी और बिना किसी दबाव के कर सकें. हालांकि समय के साथ इसमें भी सुधार आया है. अब राजनीतिक सिफारिशें, सत्तारूढ़ राजनैतिक दलों का दबाव और राजनैतिक संरक्षण एक ईमानदार ऑफिसर की राह में बाधा नहीं बनते.

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