एक्सप्लोरर

IAS Success Story: हमेशा अव्वल रहने वाली आशिमा को बार-बार यूपीएससी में मिली असफलता, फिर कैसे क्रैक किया उन्होंने ये एग्जाम?

बचपन से लेकर आईआईटी बॉम्बे तक के सफर में हमेशा आगे रहने वाली आशिमा को जब यूपीएससी में नहीं मिली सफलता तो वे हो गईं थी बहुत निराश. फिर इस घटना ने किया उन्हें प्रेरित.

Success Story Of IAS Ashima Mittal: जयपुर, राजस्थान की रहने वाली आशिमा मित्तल उन स्टूडेंट्स में से आती हैं जिनका सफलता के साथ चोली-दामन का साथ रहता है. बचपन से ही आशिमा पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं. क्लास में अव्वल आने के साथ ही जो भी कांपटीशन वे देती थी लगभग सभी में चयनित हो जाती थीं, इनमें से कुछ कांपटीशन तो नेशनल लेवल के थे. बचपन से ऐसे अंक आने के कारण उन्हें और उनके परिवार दोनों को यह विश्वास हो गया था कि आशिमा में इतनी क्षमताएं हैं कि मेहनत करके वे कोई भी एग्जाम एक बार में निकाल सकती हैं. स्कूल से आईआईटी बॉम्बे तक का उनका सफर कटा भी ऐसे ही. यहां तक कि उन्हें अपने ऊपर इतना कांफिडेंस हो गया था कि जेईई का फॉर्म भरते समय उन्होंने केवल एक ऑप्शन ही भरा था आईआईटी बॉम्बे, जिसका सपना वे बचपन से देखती थी. किस्मत और मेहनत का कमाल देखो, हुआ भी यही. आशिमा की बहुत अच्छी रैंक आयी और उन्हें उनके मन का आईआईटी बॉम्बे ही मिला. यहां से उन्होंने चार साल ग्रेजुएशन किया और सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री लेकर निकली.

कब आया आशिमा को यूपीएससी का ख्याल

आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग करने के बाद आशिमा ने कुछ समय तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की. जब आशिमा छोटी थी तभी उनके परिवार को लगता था कि उन्हें सिविल सर्विसेस में जाना चाहिए. नौकरी के दौरान आशिमा को भी यह ख्याल आया. इस नौकरी से उन्हें सुविधाएं, पैसा सब मिल रहा था पर संतुष्टि नहीं मिल रही थी. आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने की योजना बनाई. जैसा कि आज तक उन्होंने केवल सफलता का स्वाद ही चखा था इसलिए वे और उनका परिवार दोनों ही कांफिडेंट थे कि उन्हें सफलता मिलेगी ही. पर शायद कहीं कोई कमी रह गयी या जिंदगी आशिमा को यह सिखाना चाहती थी कि वो हमेशा एक सी नहीं रहती. और साक्षात्कार तक पहुंचने के बाद भी आशिमा का चयन नहीं हुआ. यह उनके लिये काफी डिप्रेसिव फेज़ था, जिससे निकलने में उन्हें काफी समय लगा.

IAS Success Story: हमेशा अव्वल रहने वाली आशिमा को बार-बार यूपीएससी में मिली असफलता, फिर कैसे क्रैक किया उन्होंने ये एग्जाम?

मान लिया था कि यूपीएससी मेरे लिए नहीं

खुद को असफलता के डिप्रेशन से निकालने के लिए आशिमा ने अपनी हॉबीज़ को टाइम देना शुरू किया. इसी दौरान एक सरकारी संस्थान में इंटर्नशिप के दौरान उन्हें राजस्थान के एक गांव में जाने का मौका मिला. एक घर को विजिट करते समय उन्होंने देखा कि एक तीन साल की बच्ची है जो अपनी जगह से हिल भी नहीं पाती और यूं ही ज़मीन पर पड़ी रहती है. आशिमा ने उसकी मां से पूछा तो वे बोलीं कि वह पैदा होने से लेकर आज तक ऐसी ही है और उनके पास कभी इतना पैसा नहीं रहा कि वे उसे डॉक्टर को दिखा दें. आशिमा को इस बात ने अंदर तक हिला दिया कि तीन साल में उन्हें कभी डॉक्टर के पास जाने का अवसर नहीं मिला. उन्होंने इस बारे में अपनी मां से बात करी और दोनों ने मिलकर यह तय किया कि कोई तो कारण होगा जो आशिमा वहां गयीं. इसे ईश्वर का संदेश समझ लें या आशिमा की कचोटती आत्मा उन्होंने सोचा कि अगर सच में ऐसे लोगों के लिये कुछ करना चाहती हैं तो उन्हें सिविल सेवा ही चुननी होगी. इस इरादे के साथ आशिमा दोबारा परीक्षा देने के लिये तत्पर हुयीं वरना पहली बार साक्षात्कार तक पहुंचने के बाद भी न चयनित होने पर वे मान चुकी थीं कि शायद सिविल सर्विसेस उनके लिये है ही नहीं.

दूसरी बार में नहीं मिली मनचाही रैंक

आशिमा का दूसरी बार में साल 2016 में चयन तो हो गया पर पर उनकी रैंक आयी 328 और उन्हें आईआरएस (आईटी) सेवा मिली. आशिमा को इसमें नहीं जाना था. उन्होंनें ज्वॉइन तो कर लिया पर फिर से तैयारी करने लगी. जब आशिमा का दूसरी बार में भी मनचाहा सेलेक्शन नहीं हुआ तो उनके पिताजी ने उन्हें निराश देखकर सोचा कि देखना एक दिन मेरी बेटी का टॉप 20 में सेलेक्शन होगा. अपने पिता के इस कांफिडेंस ने आशिमा का कांफिडेंस भी बढ़ाया और आशिमा इस साल दोगुनी मेहनत से जुट गयीं. कुल मिलाकर तीन प्री, तीन मेन्स और तीन इंटरव्यू देने के बाद आशिमा का तीसरी बार में एआईआर रैंक 12 के साथ साल 2017 में चयन हुआ और उन्हें उनके मन का आईएएस का पद मिला.

आशिमा का अनुभव

आशिमा कहती हैं कि इस परीक्षा को गंभीरता से देने वाले हार्ड वर्क से कभी नहीं डरते पर इस परीक्षा में सफलता के लिए मेहनत के साथ-साथ धैर्य की भी बहुत जरूरत होती है. एक बार लिस्ट में नाम न होने का मतलब होता है आपकी डेढ़ साल की मेहनत का कोई परिणाम नहीं आया पर ऐसे में हिम्मत हारने के बजाय दोगुनी लग्न से प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. एक साक्षात्कार में आशिमा कहती हैं कि उन्होंने प्री के लिये खूब प्रैक्टिस टेस्ट दिये. जिस दिन परीक्षा होती थी उस दिन तक वो 50-60 पेपर दे चुकी होती थी, इससे कई प्रश्न तो पिछले सालों के पेपर से ही आ जाते थे. ठीक इसी तरह वे ऐस्से के पेपर के लिये, जिसमें उनके काफी कम अंक आये थे, प्रैक्टिस को बहुत महत्व देती हैं. उनका कहना है कि केवल पढ़ना काफी नहीं होता उसको बार-बार दोहराना भी जरूरी है. एग्जाम के दिन तक पढ़ने को वो गलत नहीं मानती केवल यह सलाह देती हैं कि पेपर के एक दिन पहले ठीक से सोयें क्योंकि घबराहट में नींद नहीं आती.

आशिमा की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जिंदगी कई बार जैसा सोचो वैसा रूप नहीं लेती पर हमें हार नहीं माननी चाहिए. अगर सच्चे दिल से कुछ चाहों तो वो पूरा जरूर होता है भले उसमें समय लगे.

Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया शशि थरूर का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया थरूर का पहला रिएक्शन, क्या कहा?
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी Ex-आर्मी अफसर पाकिस्तान में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी PAK में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!

वीडियोज

Bollywood News: सलमान की स्टार पावर ने बनाई नई रणनीति, बैटल ऑफ गलवान’ के चलते आदित्य चोपड़ा ने ‘अल्फा’ की रिलीज बदल दी (28.12.2025)
Naagin 7: Hype vs Reality!🐍Naagin 7 के पहला एपिसोड का जादू दर्शको पर रहा बरकरार या Flop? #sbs
Top News Fatafat: आज की बड़ी खबरें, फटाफट | UP | Crime News| Madhya pradesh | ABP news
Digvijay Singh Post: RSS-बीजेपी का संगठन मजबूत..कांग्रेस क्यों मजबूर? | Breaking | Rahul Gandhi
Digvijaya Singh के पक्ष में JDU की एंट्री, Congress को दी सीख! | JDU | CWC Meeting | Bihar

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया शशि थरूर का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'...इसमें कोई शक नहीं', दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचे बवाल पर आया थरूर का पहला रिएक्शन, क्या कहा?
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
SIR In UP: 2.89 करोड़ नाम ड्राफ्ट सूची से हटेंगे, CEO नवदीप रिणवा ने हर शंका पर दिया जवाब
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
सलमान खान अब भी हैं बॉक्स ऑफिस किंग, डिटेल में रिकॉर्ड देखेंगे तो यकीन हो जाएगा
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी Ex-आर्मी अफसर पाकिस्तान में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
आसिम मुनीर का कट्टर विरोधी PAK में आंतकी घोषित, इमरान खान का करीबी होने की मिली सजा!
Year Ender 2025: इस साल रोहित शर्मा ने तोड़े 50 बड़े रिकॉर्ड, कई दिग्गजों को छोड़ा पीछे; हिटमैन के नाम नए 'वर्ल्ड रिकॉर्ड'
इस साल रोहित शर्मा ने तोड़े 50 बड़े रिकॉर्ड, कई दिग्गजों को छोड़ा पीछे; हिटमैन के नाम नए 'वर्ल्ड रिकॉर्ड'
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
Citizenship Rules: इन देशों की नागरिकता मिलना सबसे ज्यादा मुश्किल, बना रखें हैं कड़े नियम
इन देशों की नागरिकता मिलना सबसे ज्यादा मुश्किल, बना रखें हैं कड़े नियम
Embed widget