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​​कई असफलताओं का सामना करने के बाद अनिरुद्ध को मिली यूपीएससी में सफलता, जानें सक्सेस स्टोरी

​अनिरुद्ध का लक्ष्य आईएएस या आईपीएस बनना था. इसलिए उन्होंने डिफेंस सर्विसेज को छोड़ दिया और फिर से तैयारी करने में जुट गए.

यूपीएससी की परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यार्थी भाग लेते है लेकिन सफलता कुछ अभ्यर्थियों को ही मिल पाती है. कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को ही सफलता हासिल हो पाती है. इस लेख में आपको ऐसे ही एक आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार की कहानी के बारे में पता चलेगा, जिन्होंने असफलताओं से परेशान होकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना छोड़ दिया था. लेकिन बाद में उन्होंने फिर से तैयारी शुरू की और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया.

वर्ष 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में 146 वीं रैंक प्राप्त करने वाले अनिरुद्ध कुमार बिहार के जहानाबाद के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई लिखाई जहानाबाद में ही पूरी की. नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण अनिरुद्ध का बचपन डर में निकला. आसपास के माहौल को देखते हुए उनके चाचा ने उन्हें बचपन में ही कलेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया और चाचा की बात को अनिरुद्ध के मन में रखा. अगर इनके परिवार की बात करें तो अनिरुद्ध कुमार के पिताजी रेलवे में नौकरी किया करते थे और इसी दौरान उनके पिताजी का ट्रांसफर कानपुर भी हुआ था. इसलिए अनिरुद्ध कुमार अपने परिवार के साथ कानपुर आ गए थे और बाद में उनकी पढ़ाई लिखाई कानपुर में ही हुई थी.

अनिरुद्ध ने कानपुर के ही एचबीटीआई से बीटेक की डिग्री प्राप्त की ओर बीटेक के बाद वे इंफोसिस में नौकरी करने लगे. इसी दौरान अनिरुद्ध कुमार के जीवन में एक ऐसी घटना हो गई जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवा अधिकारी बनने के लिए दोबारा से तैयारी करना शुरू कर दिया तो हुआ ये था कि अनिरुद्ध कुमार के पिता ने अपनी कमाई से कानपुर में एक जमीन खरीदी थी जिस पर दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया. उनके परिवार वालों ने इसकी शिकायत कानपुर के एसएसपी से की ओर एसएसपी ने स्थानीय थाने को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश भी दिए. इसके बाद वो जमीन अनिरुद्ध कुमार के परिवार को वापस मिल भी गई. इस घटना का अनिरुद्ध पर काफी गहरा असर हुआ और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया.

आईएएस या आईपीएस बनना था लक्ष्य

अनिरुद्ध कुमार ने 2012 में इस परीक्षा के लिए अपना पहला प्रयास किया लेकिन वे इंटरव्यू तक नहीं पहुंच सके और दूसरे प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. फिर अनिरुद्ध ने पीसीएस की तैयारी करना शुरू किया और उन्होंने तीन बार पीसीएस की परीक्षा दी और तीनों बार सफलता प्राप्त की लेकिन उन्हें लगा कि ये उनका लक्ष्य नहीं है. जिसके बाद उन्होंने फिर से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया. वर्ष 2015 में उनकी शादी आरती सिंह से हुई और आरती और वे दोनों मिलकर यूपीएससी की तैयारी करने में जुट गए.

इसके बाद आरती और अनिरुद्ध दोनों ने ही 2016 में यूपीएससी की परीक्षा दी. 2016 की यूपीएससी की परीक्षा में अनिरुद्ध कुमार की पत्नी आरती सिंह का आईपीएस में चयन हो गया लेकिन उन्हें डिफेंस सर्विसेज मिली. अनिरुद्ध का लक्ष्य आईएएस या आईपीएस बनना ही था. इसलिए उन्होंने डिफेंस सर्विसेज को छोड़ दिया और फिर से तैयारी करने में जुट गए. अगले ही प्रयास में अनिरुद्ध कुमार को यूपीएससी की परीक्षा में 146 वीं रैंक मिली और आईपीएस के लिए उनका चयन हो गया.

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