IIT Kanpur Convocation Ceremony: दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले आईआईटी कानपुर ने बनाया बायो-बबल
IIT: आईआईटी कानपुर का 54वां दीक्षांत समारोह 28 दिसंबर 2021 को आयोजित होगा. कोरोना को देखते हुए आईआईटी कानपुर ने बायो-बबल बनाया है.
IIT Kanpur: एक बार फिर कोरोना के चलते एहतियात बरतने की आवश्यता आ पड़ी है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) कानपुर का 54 वां दीक्षांत समारोह 28 दिसंबर 2021 को आयोजित होगा. हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले इस दीक्षांत समारोह से पहले लोगों की विभिन्न स्वास्थ्य जांच कर आईआईटी प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जबकि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि होंगे.
इस मौके पर करीब 1,700 छात्र-छात्राएं डिग्रियां प्राप्त करेंगे. 80 पुरस्कार और मेडल प्रदान किए जाएंगे. दीक्षांत समारोह (Convocation Ceremony) के दूसरे सत्र में 21 छात्रों को उत्कृष्ट पीएचडी थीसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा तीन प्रतिष्ठित व्यक्तियों प्रो. रोहिणी एम. गोडबोले, सेनापति 'क्रिस' गोपालकृष्णन, और पं. अजय चक्रवर्ती को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जाएगी.
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बायो-बबल के अंदर होगा दीक्षांत समारोह
आईआईटी कानपुर एक वर्ष बाद दीक्षांत समारोह की मेजबानी कर रहा है. पिछले वर्ष कार्यक्रम वर्चुअल मोड में आयोजित हुआ था. संस्थान ने दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले उपस्थित सभी लोगों के आरटी-पीसीआर परीक्षण (RTPCR Test) करने की व्यवस्था की है. दीक्षांत समारोह के दिन एक बार फिर से रैपिड एंटीजन टेस्ट भी होगा. यह भारत में पहली बार होगा जहां बायो-बबल के अंदर दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा. दीक्षांत समारोह के बारे में आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा कि जैसा कि हम सम्मानित आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 54वें दीक्षांत समारोह को हाइब्रिड मोड में मनाने जा रहे हैं, यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करें. इसलिए, कोविड-19 महामारी के लगातार बदलते परिदृश्य को देखते हुए, हम परिसर के अंदर अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं. शारीरिक रूप से कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहले परीक्षण किए जाने हैं.
बायो-बबल
बायो-बबल एक अवधारणा है जिसे हाल ही में खेल के क्षेत्र में विकसित किया गया है. विशेष रूप से क्रिकेट में, जहां एक जैव-सुरक्षित वातावरण बनाया जाता है ताकि नोवल कोरोना वायरस के प्रसार के जोखिम को कम किया जा सके. यद्यपि यह अवधारणा अब कई क्षेत्रों में फैल गई है, यह संभवत: पहली बार है कि किसी उच्च शिक्षण संस्थान ने अपने दीक्षांत समारोह के लिए इस तरह के उपायों को अपनाया है. यह सभी के लिए समग्र कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आई आई टी (IIT) कानपुर के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
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