World Bank: वर्ल्ड बैंक के लगातार झटके; पहले भारत, फिर पाकिस्तान और अब श्रीलंका की GDP का घटाया अनुमान
Sri Lanka GDP Estimate By World Bank: श्रीलंका के लिए अच्छी खबर नहीं है और वर्ल्ड बैंक ने इसकी जीडीपी को लेकर अनुमान दिया है कि ये घटकर आएगी. जानें कितना रहेगा श्रीलंका का जीडीपी.

Sri Lanka GDP: वर्ल्ड बैंक ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की जीडीपी में इस साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट की आशंका जताई है. वैश्विक संस्था ने अपनी अपडेट रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका में मांग कम बनी हुई है, रोजगार और आय में गिरावट आई है और सप्लाई में आ रही बाधा से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका के मौद्रिक, विदेशी और वित्तीय असंतुलन और अस्थिर राजनीतिक स्थिति के कारण देश की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है. वर्ल्ड बैंक ने आर्थिक संकट के मूल कारणों को दूर करने और भविष्य में ऐसे संकटों से बचने के लिए मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण पर जोर दिया है. मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के वर्ल्ड बैंक प्रतिनिधि फारिस एच हदाद-जेर्वोस ने कहा, श्रीलंका पर आर्थिक संकट का गहरा असर पड़ा है. पांच लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं और वर्ष 2021 और 2022 में 27 लाख नए लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं.
वर्ल्ड बैंक ने गिनाए श्रीलंका के लिए ये आर्थिक जोखिम
उन्होंने कहा, लंबे आर्थिक संकट के असर के साथ ही लोन रीस्ट्रक्चरिंग में सुस्ती, विदेशों से सीमित वित्तीय मदद और वैश्विक अनिश्चितता के कारण देश के आर्थिक विकास के लिए काफी जोखिम है.
ये तथ्य हैं श्रीलंका के लिए अच्छे
वर्ल्ड बैंक का कहना है कि इस साल और आगे आने वाले समय में भी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां बनी रहेंगी. प्रतिकूल विदेशी व्यापार संतुलन से घरेलू व्यापार, आर्थिक गतिविधियां, रोजगार और इनकम प्रभावित हो सकती है. सरकार के सुधार कार्यक्रमों को मजबूती से लागू करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों से वित्तीय मदद प्राप्त होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा और देश में पूंजी आनी शुरू होगी और रोजगार के अवसर फिर बनेंगे.
1948 के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका
श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. पिछले महीने उसे आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला था जिससे अरबों डॉलर के कर्ज में डूबे देश को जीवनदान मिला. कोविड-19 महामारी, ईंधनों के बढ़ते दाम, करों में लोक लुभावनी कटौती और 50 फीसदी से ज्यादा की महंगाई दर ने श्रीलंका की कमर तोड़ कर रख दी है. दवाओं, ईंधन और अन्य जरूरी सामग्रियों की कमी से जीवन यापन का खर्च आसमान पर चला गया.
मई 2022 में श्रीलंका कर्ज की देनदारी से चूका
इन सब घटनाक्रमों से परेशान जनता ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और पिछले साल गोटाबाया राजपक्षे की सरकार को उखाड़ फेंका. श्रीलंका के इतिहास में पहली बार पिछले साल मई में श्रीलंका कर्ज की देनदारी में चूक गया था.
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