एक्सप्लोरर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों नहीं हो रहा है यकीन?

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में एक दुविधा सी स्थिति बन रही है. एक ओर आरबीआई खुद की क्रिप्टकरेंसी लाने की बात करता है तो दूसरी ओर इसको जुआं बताकर बैन लगाने की मांग करता है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात कही है. उन्होंने पुरजोर तरीके से क्रिप्टो करेंसी का विरोध करते हुए कहा कि क्रिप्टो 'जुआ के अलावा कुछ नहीं' है और क्रिप्टो करेंसी का 'मूल्य सिर्फ एक छलावा है.'

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टो का समर्थन करने वाले इसे एक संपत्ति या वित्तीय उत्पाद कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप’ भी नहीं है. 

आरबीआई गवर्नर के क्रिप्टो को लेकर बयान चौंकाने वाले नहीं है लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों देश की सेंट्रल बैंक को क्रिप्टो पर भरोसा नहीं है. कहीं ऐसा तो नहीं कि क्रिप्टो का विरोध हमें विकास की राह में बाकी दुनिया से पीछे कर दे. 

इस मामले को समझने के लिए हमने क्रिप्टोकरेंसी के जानकार और रिफ्लैक्सिकल के फाउंडर अजीत खुराना से बात की है. लेकिन उससे पहले आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में कुछ बेसिक बातें जानना जरूरी हैं.

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी 
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी कई प्रकार की है जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन इन सभी की अपनी विशेषताएं होती हैं.

क्यों करना चाहते हैं लोग क्रिप्टो में निवेश 
इस सवाल का जवाब हमने अजीत खुराना से पूछा तो उन्होंने बताया कि लोग 'FOMO'यानि फीलिंग ऑफ मिसिंग आउट से बचने के लिए क्रिप्टो में धड़ल्ले से निवेश कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोग नहीं चाहते कि कुछ हजार रुपये लगाकर करोड़ो कमाने के इस मौके से वो छूट जाएं. यही वजह है कि क्रिप्टो का बाजार इतनी तेजी से बढ़ रहा है. 

इसके बाद हमने अजीत से जानना चाहा कि आखिर जब देश के नागरिकों को फायदा दिख रहा है तो आरबीआई क्रिप्टो का विरोध क्यों कर रही हा और इसको बैन करने की बात कर रहा है.
 
इस पर अजीत का कहना है कि किसी भी देश में आधिकारिक करेंसी या मुद्रा को कंट्रोल,  कितनी मुद्रा छपेगी, किस तरह की मुद्रा आर्थिक कामों के लिए इस्तेमाल की जाएगी, पेमेंट सिस्टम कैसे चलेगा जैसे चीजें वहां की सरकार या सेंट्रल बैंक तय करती है.

अजीत ने बताया, 'अगर सिस्टम में लोग अचानक किसी दूसरी मुद्रा पर भरोसा दिखाने लगते हैं तो ये सेंट्रल बैंक और देश की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी की बात होती है. क्रिप्टोकरेंसी के साथ भी यही है, क्योंकि ये एक वैकल्पिक पेमेंट सिस्टम है तो जिन लोगों का बिटकॉइन और क्रिप्टोकरंसी में ज्यादा झुकाव होता है यानि वो इसे डॉलर, रूपए , पाउंड से बेहतर पैसा मानते हैं. 

अगर ऐसा बहुत लोग मानने लगे तो इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के काम के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है, और ये समस्या सिर्फ भारत की नहीं बल्कि हर देश की है क्योंकि हर देश अपनी मुद्रा, मिलिट्री और इकोनॉमी को कंट्रोल में रखना चाहता है. सरकार की ये सबसे बड़ी समस्या होती है. ये एक बड़ा कारण है क्रिप्टो करंसी के विरोध का.'
 
इसके साथ ही अजीत का कहना है कि सरकार द्वारा क्रिप्टो के विरोध का एक और कारण इसका एनॉनिमस यानि अज्ञात होना है दूसरे शब्दो में कहें तो किसने किसको पैसे भेजे ये पता नहीं चलता है. इसमें डील करने वालों का डेटा न होने के कारण सरकार को दिक्कत है. 

इससे साथ ही अजीत ने साफ किया कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से अज्ञात नहीं है. वो उदाहरण देते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हैं, 'मान लीजिए मेरे पास एक वॉलेट है जिसके अंदर मैंने क्रिप्टोकरंसी रखी है और वह दुनिया में किसी को नहीं पता. लेकिन किसी एक्सचेंज में आपका अकाउंट है उसमें वो आपको कुछ हजार रुपए का क्रिप्टो भेज देता हूं, उस एक्सचेंज में आपका केवाईसी हुआ है. किसी को नहीं पता कि मैंने आपको पैसा भेजा लेकिन आपको पता है कि कहां से पैसा आया और चूंकि आपका केवाईसी  हुआ है यानि एक्सचेंज में आपका पैन नंबर, आधार नंबर है तो ये पता किया जा सकता है कि कहां से पैसा आया इसलिए इसे पूरी तरह से अज्ञात नहीं माना जा सकता है.'

इसके साथ ही उन्होंने तीसरा कारण बताया कि इस करेंसी के लिए कोई नियम नहीं है. पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के फाउंडर ने लोगों को सॉप्टवेयर बना के दे दिया था लेकिन अब भारत में ही 5000 से ज्यादा लोग क्रिप्टोकरेंसी बनाकर बेच रहे हैं और इस तरह से वो करोड़ो अरबों रुपए की पूंजी जुटाने में कामयाब हुए हैं. 

लेकिन नियम और कानून के अभाव में उनकी कोई वैल्यू है या नहीं , जिन लोगों ने पैसे लगाएं हैं अगर उन्हें उसके बदले कुछ न मिले तो वो फ्रॉड की शिकायत किसके पास करेंगे, सरकार उनकी मदद कैसे करेगी ये कई सारे सवाल हैं. 

और डिस्क्लोजर रूल न होने के कारण क्रिप्टोकरंसी के निर्माताओं पर कोई लगाम नहीं लगाई जा सकती है., इसी वजह से हमारी सरकार इसके लिए नियम बनाना चाह रही है और RBI भी खुद की डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है लेकिन वो मार्केट में मौजूद अन्य क्रिप्टोकरंसी को बैन करने की बात कहता है.
 
'बैन करना नहीं है हल'
अजीत का कहना है कि सरकार और RBI  बेशक क्रिप्टो को बैन करना चाहते हैं लेकिन क्रिप्टो के प्रति इस तरह का नजरिया सही नहीं है और इससे हमारा देश विकास के रास्ते में पीछे हो सकता है ठीक उसी तरह जिस तरह से इंटरनेट और टेक्नोल़ॉजी का फायदा उठाने में हम पीछे छूट गए. उनका मानना है कि दरअसल क्रिप्टो को फ्यूचर की करेंसी माना जा रहा है ऐसे में जरूरी है कि इस बैन करने के बजाय सरकार इसे कंट्रोल करने के लिए नियम लाए.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

उत्तर भारत में ठंड का कहर, प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की सांसें हुईं भारी, AQI 490 के पार
उत्तर भारत में ठंड का कहर, प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की सांसें हुईं भारी, AQI 490 के पार
यूपी से हरियाणा तक कोहरे का कहर, रेवाड़ी और ग्रेटर नोएडा में कम विजिबिलिटी की वजह से टकराए वाहन
यूपी से हरियाणा तक कोहरे का कहर, रेवाड़ी और ग्रेटर नोएडा में कम विजिबिलिटी की वजह से टकराए वाहन
अक्षय कुमार की भतीजी नाओमिका सरन हुईं स्पॉट, पैपराजी से की रिक्वेस्ट, बोलीं- अब बस हो गया जी
अक्षय कुमार की भतीजी नाओमिका सरन हुईं स्पॉट, पैपराजी से की रिक्वेस्ट, बोलीं- अब बस हो गया जी
वनडे क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े रन मशीन कौन रहे, सचिन से कोहली तक दिग्गजों की ऐतिहासिक लिस्ट देखिए
वनडे क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े रन मशीन कौन रहे, सचिन से कोहली तक दिग्गजों की ऐतिहासिक लिस्ट देखिए

वीडियोज

BJP New President: दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर, लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल
IPO Alert: HRS Aluglaze ltd में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band| Paisa Live
Bank Auction में Property खरीदना Safe है या Risky? Title, Possession और Resale Guide | Paisa Live
UP Cough Syrup Case: कफ सिरप मामले में मुख्य आरोपी की कोठी पर ED की रेड | Breaking | ABP News
Delhi AIR Pollution: NCR में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, GRAP 4 लागू, इन चीजों पर रहेगा बैन |

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
उत्तर भारत में ठंड का कहर, प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की सांसें हुईं भारी, AQI 490 के पार
उत्तर भारत में ठंड का कहर, प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की सांसें हुईं भारी, AQI 490 के पार
यूपी से हरियाणा तक कोहरे का कहर, रेवाड़ी और ग्रेटर नोएडा में कम विजिबिलिटी की वजह से टकराए वाहन
यूपी से हरियाणा तक कोहरे का कहर, रेवाड़ी और ग्रेटर नोएडा में कम विजिबिलिटी की वजह से टकराए वाहन
अक्षय कुमार की भतीजी नाओमिका सरन हुईं स्पॉट, पैपराजी से की रिक्वेस्ट, बोलीं- अब बस हो गया जी
अक्षय कुमार की भतीजी नाओमिका सरन हुईं स्पॉट, पैपराजी से की रिक्वेस्ट, बोलीं- अब बस हो गया जी
वनडे क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े रन मशीन कौन रहे, सचिन से कोहली तक दिग्गजों की ऐतिहासिक लिस्ट देखिए
वनडे क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े रन मशीन कौन रहे, सचिन से कोहली तक दिग्गजों की ऐतिहासिक लिस्ट देखिए
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, क्या कहा?
Smoking in Parliament: संसद में ई-सिगरेट पीने पर क्या टीएमसी सांसद की जा सकती है सांसदी, क्या है नियम?
संसद में ई-सिगरेट पीने पर क्या टीएमसी सांसद की जा सकती है सांसदी, क्या है नियम?
ओजोन गैस तो नहीं छोड़ रहा आपका एयर प्यूरीफायर, खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
ओजोन गैस तो नहीं छोड़ रहा आपका एयर प्यूरीफायर, खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
नासा में कैसे मिलती है नौकरी, कहां निकलती है इसकी वैकेंसी?
नासा में कैसे मिलती है नौकरी, कहां निकलती है इसकी वैकेंसी?
Embed widget