क्या है लिक्विड फंड, जानें मौजूदा दौर में निवेश फायदेमंद है या नहीं
लिक्विड फंड में निवेश करने वाले निवेशक एक छोटी अवधि में निश्चित रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इसमें जोखिम कम होता है, इसलिए निवेशकों में यह पॉपुलर है. लेकिन क्या अभी निवेश के लिए सही माहौल है.

लिक्विड फंड , डेट फंड की एक कैटेगरी है जो डेट और मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है. इसमें 91 दिनों तक की मैच्योरिटी अवधि होती है. लिक्विड फंड में निवेश करने सबसे बड़ा फायदा लिक्विडिटी का है. लिक्विडिटी का मतलब किसी संपत्ति को कितनी जल्दी बेच या खरीद कर उसे कैश में बदला जा सकता है.
लिक्विड फंड में जोखिम कम लेकिन अभी निवेश करना ठीक ? चूंकि लिक्विड फंड डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं, जो निश्चित ब्याज दर की पेशकश करते हैं, इसलिए इसमें निवेश से मिलने वाले रिटर्न तय होता है. सिक्योरिटीज़ के मैच्योर होने पर, निवेशक को निश्चित ब्याज के साथ मूल राशि मिल जाती है. शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी अवधि के कारण, लिक्विड फंड ज्यादा आकर्षक होते हैं. लिक्विड फंड में निवेश पर कोई लॉक-इन अवधि नहीं है. निवेश के 7 दिनों के बाद निवेश की गई पूंजी को वापस लेने पर कोई एग्जिट फीस शुल्क नहीं है. लेकिन इस वक्त लिक्विड फंड उतने आकर्षक नहीं रह गए हैं. हाल में म्यूचुअल फंड कैटेगरी में लिक्विड फंडों से सबसे ज्यादा निकासी देखने को मिल रही है. जनवरी में निवेशकों ने लिक्विड फंडों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये निकाले. दरअसल मार्केट में लिक्विडिटी की अधिकता के कारण लिक्विड फंड में रिटर्न घट रहा है और निवेशक इनसे निकल रहे है.
ये हो सकती है कि आपकी लिक्विड फंड स्ट्रेटजी लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए बढ़िया है जो छोटी अवधि के लिए अपना पैसा कहीं रखना चाहते हैं. छोटे निवेशक इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए इन कम जोखिम वाली स्कीमों में पैसा लगाते रहे हैं. फिलहाल निवेशकों को लिक्विड फंडों से कम रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आपके पोर्टफोलियो से लिक्विड फंड बाहर हो जाएं. जो निवेशक पंद्रह दिन से लेकर तीन महीने के लिए अपना सरप्लस पैसा कहीं रखना चाहते हैं वे लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.
पंद्रह दिन की अवधि के लिए अपनी सरप्लस रकम रखने के लिए ओवरनाइट फंड अच्छा प्रोडक्ट है. जो निवेशक 45 दिन या इससे अधिक का निवेश टारगेट लेकर चल रहे हैं, वे अपनी जरूरतों के लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में पैसा लगा सकते हैं. छोटी अवधि का निवेश करने की चाहत रखने वाले शॉर्ट टर्म प्रोडक्ट चुन सकते हैं, जिनमें अस्थिरता कम हो और रिटर्न का अनुमान लगाना संभव है.
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