आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल की वापसी, NIPFP चेयरमैन का पद संभाला
आरबीआई के सरप्लस ट्रांसफर को लेकर सरकार और पटेल के बीच टकराव सामने आ गए थे.
सरकार से मतभेदों की वजह से अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही आरबीआई छोड़ चुके पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल अब फिर भारत लौट गए हैं. शुक्रवार को उन्होंने देश के प्रतिष्ठित थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के चेयरमैन का पद संभाल लिया. इससे पहले अर्थशास्त्री और पूर्व ब्यूरोक्रेट विजय केलकर NIPFP क चेयरमैन का पद संभाल रहे थे. वह छह साल तक इस पद पर रहे.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस यानी NIPFP वित्त मंत्रालय, योजना आयोग और कई राज्यों ( अब नीति आयोग ) की ओर से स्थापित एक स्वायत्त संस्था है. गवर्निंग काउंसिल की ओर से पटेल को NIPFP का चेयरमैन बनाने से यह साफ हो गया है कोविड संक्रमण के इस मुश्किल दौर में सरकार उनके अनुभव का लाभ लेना चाहती है.
एक डायरेक्टर और वाइस चेयरमैन छोड़ चुके हैं NIPFP
केलकर के NIPFP छोड़ने से पहले रथिन राय डायरेक्टर का पद छोड़ चुके थे. इसके अलावा सुमित बोस भी इसके वाइस चेयरमैन का पद छोड़ कर जा चुके थे. गवर्निंग काउंसिल डायरेक्टर के पद पर जल्द बहाली चाहती है. उम्मीद है कि डायरेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए जल्द ही सर्च कमेटी बनाएगी.
उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान सरकार से उनके मतभेद गहरा गए थे. खासकर आरबीआई के सरप्लस ट्रांसफर को लेकर सरकार और उनके बीच टकराव सामने आ गए थे. शायद इन्हीं वजहों से पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर अपना कार्यकाल खत्म होने के दस महीने पहले ही आरबीआई की गवर्नर के पद से इस्तीफा दे दिया था.
पटेल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने पूर्व राजस्व सचिव और आर्थिक मामलों के मंत्रालय के सचिव शक्तिकांत दास को आरबीआई का गवर्नर बनाया था. शक्तिकांत दास आरबीआई के 25 वें गवर्नर थे. उन्होंने 12 दिसंबर 2018 का अपना पदभार ग्रहण किया था. हाल में शक्तिकांत दास ने लिक्विडिटी के मोर्चे पर काफी मजबूत कदम उठाए हैं.