![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गंभीर गलतियां!
Mistakes of Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. इसके फायदे तो हैं, लेकिन साथ ही इसके कई नुकसान भी हैं. आज हम आपको उनके बारे में बताने जा रहे हैं...
![Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गंभीर गलतियां! These are 5 major mistakes of Mutual Fund Investment every one should consider Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गंभीर गलतियां!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/30/f116071574bb660016f046a70fc3a5861701348986145685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लंबी अवधि के वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने और अच्छी-खासी पूंजी खड़ा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश एक अच्छा तरीका माना जाता है. ये महंगाई को मात देने वाला रिटर्न देने की ताकत रखते हैं. कई बार म्यूचुअल फंड्स में निवेश को लेकर लोगों का अनुभव काफी खराब होता है. लोग म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में कुछ गलती कर देते हैं, जिससे उन्हें वांछित रिटर्न नहीं मिल पाता है.
बिना स्कीम को समझे निवेश करना
म्यूचुअल फंड स्कीम या प्रोडक्ट को समझे बिना निवेश नहीं करें. उदाहरण के लिए, इक्विटी म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म यानी लंबी अवधि के लिए होते हैं, जबकि निवेशक आमतौर पर छोटी अवधि यानी शॉर्ट टर्म में अच्छे रिटर्न की चाहत रखते हैं. ऐसे में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर नुकसान हो सकता है. म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के निवेश का नजरिया रखना ज्यादा समझदारी है. खासकर तब जब आपका उद्देश्य बड़ी पूंजी खड़ी करनी हो. कम से कम 5 से 7 साल के लिए निवेश रखना चाहिए. इससे ज्यादा समय के लिए निवेश करना और फायदेमंद हो सकता है.
सही रकम निवेश नहीं करना
म्यूचुअल फंड में रेंडम इन्वेस्टमेंट आम बात है. रेंडम इन्वेस्टमेंट का मतलब बिना किसी फाइनेंशियल गोल के अपने मनमाफिक कोई भी रकम जमा करना है. ऐसे केस में, हो सकता है कि निवेश की गई रकम उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं दे. उदाहरण के लिए, आपका 20 साल में एक करोड़ रुपये जोड़ने का टारगेट है और हर महीने 1,000 रुपये निवेश कर रहे हैं तो अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे. एक करोड़ जोड़ने के लिए आपकी मंथली एसआईपी 10 हजार के आस-पास होनी चाहिए, जब रिटर्न को 12 फीसदी मान लें.
बार-बार रिडम्प्शन न करें
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोग कई बार जरूरत पड़ने पर म्यूचुअल फंड से रिडम्प्शन कर लेते हैं यानी पैसे निकाल लेते हैं. बार-बार म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने से निवेश पर कम्पाउडिंग रिटर्न का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है, क्योंकि रिडम्प्शन अमाउंट पर इसका फायदा नहीं मिल पाएगा. इसका नतीजा ये होता है कि आप रिडम्प्शन के बाद खरीदी यूनिट से अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा नहीं कर पाते हैं. इस तरह के काम आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को नुकसान पहुंचाते हैं.
बाजार के उतार-चढ़ाव से घबरा जाना
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम रहता है. इससे घबराकर कई लोग म्यूचुअल फंड से पैसे निकाल लेते हैं या फिर निवेश रोक देते हैं. बाजार में गिरावट वास्तव में लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का मौका देती है. गिरावट के बीच निवेश जारी रखने से उसी अमाउंट में आपको ज्यादा यूनिट मिलेंगे, क्योंकि प्रति यूनिट कॉस्ट नीचे आ जाएगी. बाजार में तेजी आने पर यह आपके रिटर्न को बढ़ाएगा.
बिना गोल या प्लान के निवेश
बिना किसी फाइनेंशियल गोल के निवेश करना शायद सबसे बड़ी गलती है. निवेश की गई पाई-पाई की रकम के लिए फाइनेंशियल गोल होना चाहिए. इससे निवेशकों को अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी की प्रोग्रेस ट्रैक करने में मदद मिलती है. हर व्यक्ति को अपने शॉर्ट, मिड और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स तय करने चाहिए.
खेलें इलेक्शन का फैंटेसी गेम, जीतें 10,000 तक के गैजेट्स 🏆
*T&C Apply
https://bit.ly/ekbabplbanhin
ये भी पढ़ें: इस शेयर ने राष्ट्रपति को करा दी 1 दिन में 2000 करोड़ की कमाई
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)