एक्सप्लोरर

टेक कंपनियां लगातार क्यों कर रही हैं अपने कर्मचारियों की छंटनी, भारत के लोगों पर इसका कितना असर?

दुनियाभर के आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट और रुकावट मंदी की आहट है, लेकिन इसका सबसे बुरा असर अमेरिका, यूरोप में देखने को मिलेगा. इसके चपेट में ब्रिटेन जैसे देश भी आ सकते हैं.

आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है. हाल ही के दिनों में पूरी दुनिया में कई टेक कंपनियों से कर्मचारियों के बाहर निकाले जाने की खबरें आ रही हैं. गूगल अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने हाल ही में 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है.

तो वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जनवरी को गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा जिसमें बताया गया कि वर्कफोर्स को कम करने के लिए गूगल अपनी कंपनी के अलग-अलग ब्रांच से 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. 

छंटनी का ये दौर ऐसा चल रहा है हर दिन कोई न कोई कंपनी कर्मचारियों को निकालने का फैसला कर रही है.एक डेटा के मुताबिक, 'भारत के साथ ही वैश्विक स्तर पर हर दिन 3000 कर्मचारियों की नौकरी जा रही है. आने वाले समय में यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि कुछ प्रमुख टेक कंपनियों ने बड़ी संख्या में छंटनी का ऐलान किया है. 

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कंपनियां इस रफ्तार से कर्मचारियों की छंटनी क्यों कर रही हैं और इससे भारत के लोगों पर इसका कितना असर? 

किसे है नौकरी जाने का सबसे ज्यादा खतरा, एक्सपर्ट से जानिए 

कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वालों के लिए मुसीबत: पटना यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री के प्रोफेसर विनय ने एबीपी से बातचीत के दौरान बताया कि टेक कंपनियों के लिए यह साल अच्छा नहीं होने वाला है. ग्लोबल मंदी की संभावनाओं के बीच कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी.

नौकरी जाने का सबसे ज्यादा खतरा कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को होता है. क्योंकि इन्हें अस्थाई तौर अपने जरूरत के हिसाब से रखा जाता है. ऐसे में कंपनी जब भी वित्तीय रूप से मुश्किलों में फंसती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. 

क्यों हो रही छंटनी

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी में 11,000 कर्मचारियों की छंटनी का कारण बड़ी संख्या में नौकरी देना बताया है. एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान ज्यादातर कर्मचारी बीमार पड़ते थे. इसका असर काम पर ना पड़े इसलिए कई कंपनियों ने बड़ी संख्या में लोगों को काम में रख लिया. इसके अलावा लॉकडाउन में कई कंपनियों ने अपने डिजिटल मार्केटिंग को भी बढ़ाया. इसके लिए भी कई लोगों को रखा गया.

प्रोफेसर विनय के मुताबिक कई कंपनियों ने लॉकडाउन में ऑनलाइन काम के बढ़ते डिमांड के कारण जरूरत से ज्यादा लोगों को रख लिया. अब मार्केट में गिरावट आई, तो कंपनियां इसे बैलेंस करने के लिए लोगों को निकाल रही हैं. कंपनियां बढ़ती आर्थिक मंदी के बीच अपने खर्च को कम करने के लिए भी लगातार छंटनी कर रही हैं. 

पहले लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम की वजह से कंप्यूटर और लैपटॉप सेगमेंट की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया था, लेकिन अब यह मार्केट डाउन हो रहा है.

वैश्विक मंदी बड़ा कारण 

प्रोफेसर विनय ने बताया कि वैश्विक मंदी भी छंटनी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. कोरोना महामारी ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को तो तहस-नहस कर ही दिया था. अब रूस-यूक्रेन जंग के कारण भी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई में भारी उतार चढ़ाव आया है. इस युद्ध का ज्यादा असर चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, भारत और जापान पर भी पड़ा है.

2023 में अब कितनी हुई छंटनी

साल 2023 के जनवरी महीने से लेकर अब तक 166 टेक कंपनियों ने 65,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. माइक्रोसॉफ्ट के 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी से पहले अमेजन ने 1000 भारतीय कर्मचारियों समेत ग्लोबली कुल 18000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. 

2022 में 154,336 कर्मचारियों की गई नौकरी 

छंटनी ट्रैकिंग साइट Layoffs.fyi में दिखाए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में 1,000 से ज्यादा कंपनियों ने अपनी कंपनी से 154,336 कर्मचारियों की छंटनी की थी. हालांकि 2022 से ज्यादा नए साल के पहले महीने में ही कर्मचारियों को निकाला गया है.  इसमें सबसे ज्यादा भारत की स्टार्टअप रही हैं. इसका एक बड़ा उदाहरण स्टार्टअप कंपनी शेयरचैट है जिसने अपनी कंपनी के 20 प्रतिशत या 500 कर्मचारियों की छंटनी की है. 

भारत में इन कंपनियों ने भी की छंटनी 

  • आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी विप्रो ने हाल ही में अपने 400 से ज्यादा नए कर्मचारियों की छंटनी की है.
  • फूड डिलीवरी ऐप स्विगी ने 380  कर्मचारियों की छंटनी की है.
  • MediBuddy डिजिटल हेल्थकेयर कंपनी ने अपने कुल वर्कस्पेस के 8 फीसदी कर्मचारियों यानी 200 लोगों को निकाला है.
  • ओला ने 200 कर्मचारी, Dunzo ने 3 फीसदी और Sophos ने 450 कर्मचारियों की छंटनी की है. 

दुनिया में कितनी बार आ चुकी है आर्थिक मंदी 

दुनियाभर के आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट और रुकावट मंदी की आहट है. लेकिन इसका सबसे बुरा असर अमेरिका, यूरोप में देखने को मिलेगा. इसकी चपेट में ब्रिटेन जैसे देश भी आ सकते हैं. हालांकि, भारत में इसका कम ही असर देखने को मिलेगा.'

प्रोफेसर विनय ने बताया कि पूरी दुनिया में चार बार आर्थिक मंदी आ चुकी है. पहली बार दुनिया को साल 1975 में मंदी झेलना पड़ा था. इसके बाद 1982 में, तीसरी बार 1991 में और चौथी बार 2008 में आर्थिक मंदी आई थी. 

छंटनी का भारत पर क्या होगा असर 
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने भारत में बेरोजगारी का डाटा जारी किया है. जिसके अनुसार हमारे देश भारत में बेरोजगारी दर 2022 के दिसंबर महीने में बढ़कर 8.30 फीसदी पर पहुंची है. यह पिछले 16 महीनों में सबसे ज्यादा रही है. 

बड़े स्तर पर छंटनी होना देश के लोगों में बढ़ रही बेरोजगारी को और बढ़ा रहा है. एक डेटा के मुताबिक, भारत के साथ ही ग्लोबल स्तर पर हर दिन 3000 कर्मचारियों की नौकरी जा रही है. 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

शरीफ उस्मान हादी के जनाजे की नमाज को सिंगापुर में नहीं मिली इजाजत, बांग्लादेश लाया जा रहा शव
शरीफ उस्मान हादी के जनाजे की नमाज को सिंगापुर में नहीं मिली इजाजत, बांग्लादेश लाया जा रहा शव
कोडीन के आरोपियों संग अखिलेश का भी रिश्ता! डिप्टी CM ने दिखाई तस्वीर, सपा चीफ ने भी किया पलटवार!
कोडीन के आरोपियों संग अखिलेश का भी रिश्ता! डिप्टी CM ने दिखाई तस्वीर, सपा चीफ ने भी किया पलटवार!
2026 टी20 वर्ल्ड कप का भारतीय स्क्वाड, इन 5 खिलाड़ियों को जगह मिलना मुश्किल; 3 थे 2024 की चैंपियन टीम का हिस्सा
2026 टी20 वर्ल्ड कप का भारतीय स्क्वाड, इन 5 खिलाड़ियों को जगह मिलना मुश्किल
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...

वीडियोज

Bangladesh News: उस्मान हादी को युनूस और बांग्लादेशी सेना ने मिलकर मारवा दिया...पूरा खेल समझिए
Donald Trump: ट्रंप का बड़ा दावा! 10 महीनों में क्या कर दिखाया? |ABP LIVE
Reliance का बड़ा FMCG Move | SIL Brand Relaunch | Packaged Foods Market में Entry | Paisa Live
बीमारी ने बिगाड़ी Yuzvendra Chahal की हालत, इस वजह से क्रिकेट करियर पर लगा ब्रेक!
Avatar: Fire & Ash Review: कमाल VFX और शानदार Experience; लेकिन फिल्म की लंबाई झेली नहीं जाती

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
शरीफ उस्मान हादी के जनाजे की नमाज को सिंगापुर में नहीं मिली इजाजत, बांग्लादेश लाया जा रहा शव
शरीफ उस्मान हादी के जनाजे की नमाज को सिंगापुर में नहीं मिली इजाजत, बांग्लादेश लाया जा रहा शव
कोडीन के आरोपियों संग अखिलेश का भी रिश्ता! डिप्टी CM ने दिखाई तस्वीर, सपा चीफ ने भी किया पलटवार!
कोडीन के आरोपियों संग अखिलेश का भी रिश्ता! डिप्टी CM ने दिखाई तस्वीर, सपा चीफ ने भी किया पलटवार!
2026 टी20 वर्ल्ड कप का भारतीय स्क्वाड, इन 5 खिलाड़ियों को जगह मिलना मुश्किल; 3 थे 2024 की चैंपियन टीम का हिस्सा
2026 टी20 वर्ल्ड कप का भारतीय स्क्वाड, इन 5 खिलाड़ियों को जगह मिलना मुश्किल
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
बेटिंग ऐप मामला: ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
बेटिंग ऐप मामला: युवराज सिंह, उर्वशी रौतेला, सोनू सूद समेत कई दिग्गजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
New Year Party Playlist 2026: इन बॉलीवुड गानों के बिना अधूरी रहेगी पार्टी
इन बॉलीवुड सॉन्ग्स के बिना नए साल का जश्न रहेगा अधूरा, देखें लिस्ट
राम मुस्लिम थे... TMC नेता के बयान पर मच गया बवाल, यूजर्स बोले- 'इसे फांसी दो'
राम मुस्लिम थे... TMC नेता के बयान पर मच गया बवाल, यूजर्स बोले- 'इसे फांसी दो'
इस राज्य के ड्राइवर्स के लिए बड़ी राहत, अब एक दिन में बनेगा चिप वाला ड्राइविंग लाइसेंस
इस राज्य के ड्राइवर्स के लिए बड़ी राहत, अब एक दिन में बनेगा चिप वाला ड्राइविंग लाइसेंस
Embed widget