![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Sugar Production: अब चीनी के कम होंगे दाम, अगले महीने खुलने जा रही चीनी मिल, जानिए वजह
Sugar High Production: उत्तर प्रदेश में आगामी पेराई सत्र 2022-23 में 100 मीट्रिक टन से अधिक के अनुमानित चीनी उत्पादन के मुकाबले, राज्य की अपनी खपत 40 मीट्रिक टन रहने की संभावना जताई है.
![Sugar Production: अब चीनी के कम होंगे दाम, अगले महीने खुलने जा रही चीनी मिल, जानिए वजह Sugar Glut Feared in UP as Consumption Comes Down Sugar Production: अब चीनी के कम होंगे दाम, अगले महीने खुलने जा रही चीनी मिल, जानिए वजह](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/20/0876631ea48cde468ad15841aee7e4ae_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sugar High Production in India: देश में चीनी (Sugar) के दाम कम होने के संकेत मिल रहे हैं. यूपी में चीनी मिलों का परिचालन एक बार फिर अगले महीने से शुरू होने जा रहा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश की मिलों में बड़ी मात्रा में जमा चीनी मार्केट में बाहर आने से इसके दाम कम होने का अनुमान हैं.
यूपी में 40 मीट्रिक टन होगी खपत
चीनी का ज्यादा उत्पादन इसके निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. उत्तर प्रदेश में आने वाले गन्ना पेराई सत्र में चीनी की भारी मात्रा बाजार में उपलब्ध रहेगी. आगामी पेराई सत्र 2022-23 में 100 मीट्रिक टन से अधिक के अनुमानित चीनी उत्पादन के मुकाबले, राज्य की अपनी खपत 40 मीट्रिक टन रहने की संभावना जताई जा रही है. अगर राज्य विफल रहता है तो चीनी का एक बड़ा हिस्सा मिलों में जमा होगा. मालूम हो कि बड़ी मात्रा में मिलों में चीनी जमा होने से इसके दाम में कमी आने की उम्मीद है.
पॉम ऑयल के दाम घटे
पिछले दिनों खाने के तेल की कीमत में भी कमी हुई थी. पॉम ऑयल का दाम घटकर 77 रुपये लीटर पर आ गया है. आने वाले दिनों में खाने का तेल और सस्ता होने का अनुमान है. कंपनियों का तर्क है कि अन्य खर्च में बढ़ोतरी होने के कारण अभी तेल की कीमत में कमी आ सकती है.
अगले महीने चीनी मिल होंगी शुरू
अगले महीने चीनी मिलों का परिचालन शुरू होगा. चीनी उत्पादन लागत मुख्य रूप से राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) द्वारा नियंत्रित होती है, जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल सितंबर में एसएपी को 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल किया था.
35 रुपये किलो हुई लागत
सूत्रों के अनुसार चीनी उत्पादन की लागत करीब 31 रुपये से बढ़कर 35 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. चीनी उद्योग ने अब इथेनॉल के निर्माण के लिए गन्ने के डायवर्जन की मांग की है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना हैं कि पिछले साल स्थिति अपेक्षाकृत उपयुक्त थी जब निर्यात होता था.
निर्यात नीति की घोषणा नहीं
केंद्र ने अभी तक अपनी कोई भी निर्यात नीति की घोषणा नहीं की है. चीनी निर्यात नीति की समय पर घोषणा के चलते भारत से 1 करोड़ टन चीनी का निर्यात हुआ. गन्ना विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम इसका इंतजार कर रहे हैं. यह एक फैसला है जो केंद्र को जल्द लेना चाहिए.
ये भी पढ़ें-
EPF E-Nomination: अगर आप भी फाइल करना चाहते हैं अपना EPF ई-नॉमिनेशन, तो ये स्टेप करें फॉलो
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)