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Social Equality: गडकरी बोले- भारत एक अमीर देश, लेकिन बड़ी आबादी झेल रही है गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी
Nitin Gadkari ने भारत में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को खत्म करने पर बल दिया है. उन्होंने देश में आर्थिक और सामाजिक समानता पर जोर दिया है.
![Social Equality: गडकरी बोले- भारत एक अमीर देश, लेकिन बड़ी आबादी झेल रही है गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी India is a Rich Country But Population is Suffering Unemployment Nitin Gadkari Social Equality: गडकरी बोले- भारत एक अमीर देश, लेकिन बड़ी आबादी झेल रही है गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/22/cdd52416b3f1f7e654d667d308fa1fb81661144976047381_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Unemployment Rate in India 2022 : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Union Minister of Road Transport and Highways) नितिन गडकरी ने आज भारत में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को खत्म करने पर बल दिया है. उन्होंने गुरुवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए देश में आर्थिक और सामाजिक समानता पर जोर दिया.
दोनों के बीच फासला बढ़ा
मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि वर्तमान में देश के भीतर समाजिक एवं आर्थिक समानता की जरूरत है. समाज के गरीबों और अमीर लोगों के बीच फासला बढ़ा है. इतना ही नहीं, आर्थिक विषमता भी सामाजिक असमानता की तरह बढ़ी है. मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं. यहां अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है, इस खाईं को पाटने की जरूरत है.
दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत
नागपुर में गडकरी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक अन्य संगठन भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हम एक गरीब आबादी वाले समृद्ध राष्ट्र हैं. हमारा देश समृद्ध है, लेकिन हमारी जनसंख्या भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी, मुद्रास्फीति, जातिवाद, छुआछूत का सामना कर रही है. ये कारक समाज की प्रगति के लिए अच्छे नहीं हैं.
124 जिलों में होगा विकास
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अमीर-गरीब की खाई को पाटने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सहित ऐसे अन्य क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है. उन्होंने देश में 124 आकांक्षी जिलों को विकसित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया हैं. उन्होंने कहा कि देश के ये 124 आकांक्षी जिले सामाजिक और शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़ रहे हैं. देश में शहरी क्षेत्रों में खूब विकास हुआ है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं और अवसरों की कमी के कारण एक बड़ी आबादी शहरों की ओर पलायन कर कर रही है. उन्होंने भारत विकास परिषद से ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने पर काम करने की अपील भी की हैं.
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