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बढ़ने वाली है स्कूटी-बाइक की मांग, कंपनियों की प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी शुरू
अगर सप्लाई चेन ठीक से काम करता रहा तो जून में साढ़े सात से दस लाख टू-व्हीलर्स का उत्पादन हो सकता है.
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कोरोना वायरस संक्रमण ने लोगों के सफर करने के तरीके में भी बदलाव लाना शुरू कर दिया है. संक्रमण के डर से आने वाले दिनों में लोग छोटी दूरी के लिए मेट्रो, बस या ट्रेन से सफर करना कम कर सकते हैं. छोटी दूरी के लिए लोग मोटरसाइकिल या स्कूटी का इस्तेमाल ज्यादा करेंगे. इस ट्रेंड को देखते हुए टू-व्हीलर्स कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी कर ली है.
सप्लाई चेन दुरुस्त करने की तैयारी
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर जैसी कंपनियों ने अपने सामान्य उत्पादन का 60 से 70 फीसदी का टारगेट पूरा करने के लिए सप्लायर्स से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. अगर सप्लाई चेन ठीक से काम करता रहा तो जून में साढ़े सात से दस लाख टू-व्हीलर्स का उत्पादन हो सकता है. SIAM के आंकड़ों के मुताबक लॉकडाउन से पहले फरवरी में टू-व्हीलर्स का उत्पादन 16 लाख यूनिट्स तक पहुंच गया था.
ऑटो पार्ट्स कंपनियों में बढ़ेंगी नौकरियां
वाहन कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक मांग अब तेजी से सामान्य स्तर पर पहुंच रही है. अभी जिसे तेजी से डिमांड बढ़ रही है उसमें ताजा हालात के विश्लेषण की जरूरत है. आखिर लोग किन वजहों से स्कूटी और बाइक को तवज्जो दे रहे हैं. अभी जिस तरह से लोगों के सफर करने के तरीके में बदलाव आ रहा है, उसमें आगे छोटी दूरी के लिए स्कूटर-मोटरसाइकिल लोगों की पसंद बनते जाएंगे.
टू-व्हीलर्स कंपनियों की बढ़ती मांग से रोजगार में भी काफी इजाफा होगा. इन कंपनियों में बड़ी तादाद में लोग काम करते हैं. भारत में महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य टू-व्हीलर्स मैन्यूफैक्चरिंग के हब हैं. टू-व्हीलर्स की बिक्री बढ़ने से यहां के ऑटो कंपोनेंट यूनिटों में भी रफ्तार आएगी और ज्यादा लोगों रोजगार मिलेगा. लॉकडाउन की वजह से कई कंपनियों में उत्पादन रुक गया था. मांग में कमी की वजह से बड़े पैमाने पर ऑटो पार्ट्स कंपनियों में छंटनी हुई थी लेकिन अब हालात सुधरने के आसार हैं.
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