ईडी की पूछताछ में शामिल होने से रिलायंस ग्रुप चीफ अनिल अंबानी का इनकार, पेशी के लिए रखी ये शर्त
ED Summons Anil Ambani: ईडी ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की लगभग 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.

Anil Ambani Skips ED Summon: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी फेमा मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के सामने सोमवार को भी पेश नहीं हुए. यह दूसरी बार है जब उन्होंने ईडी के समन की अनदेखी की है. इससे पहले शुक्रवार को भी ईडी ने उनकी वर्चुअल पेशी की अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद वे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए थे.
हालांकि, अनिल अंबानी ने अपना बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या रिकॉर्डेड वीडियो स्टेटमेंट के माध्यम से देने की पेशकश की है. उन्होंने एजेंसी को बताया कि वे किसी भी तय तारीख और समय पर वर्चुअल रूप से पेश होने के लिए तैयार हैं.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2010 के जयपुर–रींगस नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में कथित 40 करोड़ रुपये की गड़बड़ी से जुड़ा है. ईडी का आरोप है कि सूरत स्थित फर्जी कंपनियों के जरिए धन दुबई भेजा गया, जिससे 600 करोड़ रुपये से अधिक के अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का पता चलता है. सूत्रों के अनुसार, ईडी कई हवाला डीलरों सहित कुछ व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिसके बाद अनिल अंबानी को समन भेजा गया है.
7,500 करोड़ की संपत्ति ED ने कुर्क की
ईडी ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की लगभग 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. इससे पहले अनिल अंबानी ने एजेंसी को एक पत्र लिखकर जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था और वर्चुअल पेशी के लिए भी अपनी सहमति दी थी.
उधर, हाल के दिनों में ईडी ने अनिल अंबानी से जुड़े अन्य मामलों में भी कार्रवाई की है. रिलायंस पावर पर 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी के मामले में जांच जारी है और अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. अनिल अंबानी की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा समन PMLA से नहीं बल्कि फेमा जांच से जुड़ा है. उनका कहना है कि यह मुद्दा लगभग 15 साल पुराना है और जयपुर–रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से संबंध रखता है, जिसका विदेशी मुद्रा लेन-देन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं था.
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