RBI MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दी खुशखबरी, बोले-जल्द मिलेगी महंगाई से राहत
Inflation In India: आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आरबीआई ने 4.2 फीसदी महंगाई दर का अनुमान रखा है. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, खाद्य महंगाई में कमी आ सकती है.

RBI On Inflation: आने वाले महीनों में आपको महंगाई से राहत मिल सकती है. ये भरोसा दिया है देश में बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जिन्होंने पदभार संभालने के बाद अपने पहले मॉनिटरी पॉलिसी का एलान किया है. संजय मल्होत्रा ने पहले ही पॉलिसी में रेपो रेट घटाकर होमबायर्स के महंगी ईएमआई से राहत देने के साथ कर्ज सस्ता कर दिया है. लेकिन उन्होंने कहा कि खाद्य महंगाई में आने वाले दिनों में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है.
खाद्य महंगाई में आएगी कमी!
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, अक्तूबर 2024 में महंगाई दर के टोलरेंस बैंड के ऊपर जाने के बाद नवंबर और दिसंबर महीने में कमी देखने को मिली है. आने वाले दिनों में सप्लाई-साइड झटकों के बगैर बेहतर खरीफ फसलों के उत्पादन, ठंड में सब्जियों की कीमतों में कमी और शानदार रबी फसलों के संभावना के चलते खाद्य महंगाई का दबाव कम हो सकता है. उन्होंने कहा, कोर इंफ्लेशन में मामूली बढ़त आएगी.
ग्लोबल अनिश्चिततता है बड़ा जोखिम
संजय मल्होत्रा ने हालांकि चेतावनी देते हुए कहा, ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स में अनिश्चिततता के साथ एनर्जी कीमतों में उतार-चढ़ाव और खराब मौसम महंगाई की राह में बड़ा जोखिम बना हुआ है. इस सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में 4.8 फीसदी महंगाई दर का अनुमान जताया गया है जबकि चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी महंगाई दर रह सकता है. सामान्य मानसून को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आरबीआई ने 4.2 फीसदी महंगाई दर का अनुमान रखा है. जिसमें पहली तिमाही में 4.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है.
औसत महंगाई रही है कम
आरबीआई गवर्नर ने अपने पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा, महंगाई दर के लचीले टारगेट (FIT) फ्रेमवर्क जिसे 2016 में शुरू किया गया और 2021 में रिव्यू किया गया उसका भारतीय अर्थव्यवस्था और खासतौर से महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान बहुत फायदा हुआ है. एफआईटी फ्रेमवर्क के अमल में आने के बाद से औसत महंगाई कम रहा है. खुदरा महंगाई दर कुछ मौकों को छोड़कर जब महंगाई दर टोलरेंस बैंड के पार चला गया था टारगेट के निकट ही रहा है.
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Source: IOCL























