RBI MPC Meet: रेपो रेट में नहीं बदलाव लेकिन आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दी ये खुशखबरी, जानें उनकी 7 बड़ी बातें
RBI MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति का रुख तटस्थ (Neutral) रखा गया है, जिसका अर्थ है कि केंद्रीय बैंक बदलती आर्थिक स्थिति के अनुसार दरों में लचीलापन बनाए रखेगा.

RBI on Indian Economy: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने मौजूदा घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट को यथावत 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया है. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की. उन्होंने बताया कि मौद्रिक नीति का रुख तटस्थ (Neutral) रखा गया है, जिसका अर्थ है कि केंद्रीय बैंक बदलती आर्थिक स्थिति के अनुसार दरों में लचीलापन बनाए रखेगा. आइये जानते हैं आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की दस बड़ी बातें-
1-आरबीआई ने देश की आर्थिक तस्वीर पेश करते हुए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. यह जरूर देश के लिए खुशखबरी है, क्योंकि अमेरिकी हाई टैरिफ के बाद से आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 3.1 प्रतिशत से 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है. यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
2- गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि रेपो दर स्थिर रहने से आवास, वाहन और अन्य खुदरा ऋणों की ब्याज दरों में फिलहाल बदलाव की संभावना नहीं है.
3-उन्होंने यह भी बताया कि इस साल फरवरी से जून तक आरबीआई पहले ही रेपो दर में कुल 1 प्रतिशत की कटौती कर चुका है, जिसके चलते नए ऋणों की उधारी लागत में 0.58 प्रतिशत की कमी आई है.
4-आरबीआई ने आगे कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700.2 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जो लगभग 11 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है. साथ ही, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी बनाए रहने की उम्मीद है.
5-गवर्नर ने माना कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन बेहतर मानसून, जीएसटी दरों में कटौती और अन्य नीतिगत उपायों से मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहेगी और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी.
6-केंद्रीय बैंक का मानना है कि कम महंगाई और मौद्रिक नरमी से निवेश और उपभोग दोनों को बढ़ावा मिलेगा.
7-अब यह साफ है कि आरबीआई "वेट एंड वॉच" मोड में है — यानी फिलहाल स्थिर दरों के साथ अर्थव्यवस्था की दिशा और वैश्विक हालात पर नज़र रखेगा.
Source: IOCL






















