RBI Bulletin: आरबीआई के बुलेटिन में कहा गया, महंगाई के चलते निजी खपत में आई कमी, कंपनियों के सेल्स पर पड़ा असर
RBI Bulletin Update: आरबीआई के लिए राहत की बात ये है कि अप्रैल और मई महीने में महंगाई में कमी आई है. मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी पर आ गई है
Inflation Hits Consumption: महंगाई दर में तेज उछाल के चलते लोगों के निजी खपत पर इसका असर पड़ा है. महंगाई दर के ज्यादा होने के चलते निजी खपत पर किए जाने वाले खर्च में कमी देखी जा रही है जिसका खामियाजा कॉरपोरेट्स को सेल्स के मोर्चे पर भुगतना पड़ रहा है साथ ही विस्तार योजना को आगे बढ़ाने में प्राइवेट इंवेस्टमेंट में भी कमी देखी जा रही है. आरबीआई ने जो बुलेटिन जारी किया उसमें ये बातें लिखी हुई है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुआई वाली टीम ने आरबीआई बुलेटिन में लिखे लेख में ये बातें कही है. भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में छपे इस लेख में कहा गया है कि महंगाई को कम किए जाने की जरूरत है जिससे उपभोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले खर्च को बढ़ाने में मदद मिल सके साथ ही कॉरपोरेट रेवेन्यू के साथ उनके प्रॉफिट को बढ़ाया जा सके.
आरबीआई के इस बुलेटिन में कहा गया है कि हाल में जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के नतीजों को एक साथ जोड़कर देखें तो यह साफ दिखता है कि महंगाई के चलते निजी उपभोग पर किए जाने खर्च में कमी आई है. इसकी वजह से कंपनियों की सेल्स घट रही है और कैपैसिटी क्रिएशन में निजी निवेश भी कम हो रहा है.
आरबीआई बुलेटिन के इस लेख के मुताबिक, वैश्विक मोर्चे पर जहां भारत जैसी अर्थव्यवस्थाएं फिर से तेजी की राह पकड़ रही हैं वहीं कुछ देशों में सुस्ती या गिरावट की स्थिति अभी भी बनी हुई है.
बहरहाल आरबीआई के लिए राहत की बात ये है कि अप्रैल और मई महीने में महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. मई महीनें में खाद्य महंगाई में गिरावट के चलते खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी पर आ गई है जिसके बाद अगली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर अच्छी खबर की उम्मीद की जा रही है.
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