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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अगले तीन महीनों में 25,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे, सामने आए ये आंकड़े
इस महीने की शुरूआत में केनरा बैंक ने 2,000 करोड़ रुपये जबकि पीएनबी ने क्यूआईपी के जरिए 3,788.04 करोड़ रुपये जुटाए हैं.पिछले कुछ महीनों में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बाजार से 40,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने कर्ज मांग को पूरा करने के लिए बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये का कैपिटल डाला था.
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्ज मांग के समर्थन और आनुवंशिक (रेगुलेटरी) तौर पर जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले तीन महीनों में इक्विटी शेयर और बांड के जरिए करीब 25,000 रुपये कैपिटल जुटाने की योजना बना रहे हैं. वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ महीनों में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बाजार से 40,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘बैंक बाजार से कैपिटल जुटाने में सक्षम रहे हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 40,000 करोड़ रुपये कैपिटल के तौर पर जुटाए हैं. यह कैपिटल इक्विटी शेयर और एटी 1 (एक्स्ट्रा टियर-1) और टियर दो (बांड) के जरिए जुटाया गया. हम चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये कैपिटल के तौर पर और जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं.
इस महीने इन बैंकों ने जुटाए करोड़ों रुपये
इस महीने की शुरूआत में, केनरा बैंक ने 2,000 करोड़ रुपये जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 3,788.04 करोड़ रुपये जुटाए. इसके अलावा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये कैपिटल के रूप में डाला है. इसमें से वित्त मंत्रालय ने 5,500 करोड़ रुपये पंजाब एंड सिंध बैंक को आनुवंशिक (रेगुलेटरी) जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए. सरकार ने तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर आबंटन के जरिए कैपिटल डाले जाने को मंजूरी दी.
पिछली तिमाही में 12 बैंकों में से 11 फायदे में रहें
वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से कर्ज मांग को पूरा करने के लिए बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये का कैपिटल डाला था. बैंकों की वित्तीय स्थिति के बारे में पांडा ने कहा कि पिछली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से 11 फायदे में रहें. उन्होंने कहा कि बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है और इससे प्रावधान दायरा अनुपात भी कम हुआ है. पांडा ने कहा, ‘‘संपत्ति पर रिटर्न में सुधार की कुछ गुंजाइश है और बैंक उस पर काम कर रहे हैं. कुल मिलाकर, सभी वित्तीय आंकड़े सकारात्मक परिणाम दिखा रहे हैं.’’
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