पहले दो दिनों में 23-25% की उछाल, GST रिफॉर्म के बाद त्योहारी सीजन में बढ़ी ऑनलाइन बिक्री
22 सितंबर 2025 से लागू हुए जीएसटी रिफॉर्म के तहत बड़ी स्क्रीन वाले टीवी, फर्नीचर और मीडियम रेंज फैशन उत्पादों पर टैक्स स्लैब घटाए गए हैं. इससे कीमतों में कमी आई और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिला.

GST 2.0: जीएसटी दरों में कटौती के बाद त्योहारी सीजन में खरीदारी तेज हो गई है. उभरते बाजारों और महानगरों में मांग में 23 से लेकर 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है. 22 सितंबर 2025 से लागू हुए जीएसटी रिफॉर्म के तहत बड़ी स्क्रीन वाले टीवी, फर्नीचर और मीडियम रेंज फैशन उत्पादों पर टैक्स स्लैब घटाए गए हैं. इससे कीमतों में कमी आई और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिला.
प्रमुख प्रभाव:
बड़े टीवी पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया, जिससे कीमतों में 6-8% की गिरावट आई और प्रीमियम मॉडल की मांग बढ़ी.
2,500 रुपये से कम कीमत वाले फैशन पर अब केवल 5% जीएसटी लग रहा है, जिससे बिक्री में तेजी आई.
फर्नीचर की मांग भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी.
रेडसीर की रिपोर्ट के मुताबिक पहले दो दिनों की बिक्री में सालाना आधार पर 23-25% की वृद्धि हुई है. जीएसटी 2.0 सुधार और त्योहारी सीजन की डिमांड ने मिलकर प्रीमियम स्मार्टफोन और टीवी की बिक्री को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया.
ई-कॉमर्स पर असर:
मांग इतनी ज्यादा रही कि कुछ ऐप्स स्लो हो गए और ऑर्डर देते समय क्रैश भी हो गए. अमेजन ने पहले दो दिनों में 38 करोड़ से अधिक ग्राहकों का रिकॉर्ड बनाया, जिनमें से 70% से ज्यादा ग्राहक टॉप 9 महानगरों से बाहर के थे. फ्लिपकार्ट ने भी पिछले साल की तुलना में शुरुआती 48 घंटों में 21% अधिक उपयोगकर्ता दर्ज किए.
अमेजन इंडिया के उपाध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि “जीएसटी बचत उत्सव” को शानदार प्रतिक्रिया मिली और केवल 48 घंटों में करोड़ों रुपये के जीएसटी लाभ ग्राहकों तक पहुंचाए गए. गौरतलब है कि घरेलू डिमांड बढ़ाने का प्रयास और जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान ऐसे समय पर किया गया है जब भारत की आर्थिक रफ्तार छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है.
दूसरी ओर, वैश्विक स्तर पर भारत पर दबाव भी बढ़ रहा है. अमेरिका ने न केवल बेस टैरिफ 25 प्रतिशत लगाया है बल्कि रूस से तेल खरीदने के चलते अतिरिक्त 25 प्रतिशत पेनाल्टी टैरिफ भी लागू कर रखा है. यह कदम यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिश में ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाया गया है. इस तरह एक ओर सरकार जीएसटी सुधारों के जरिये घरेलू खपत और त्योहारी खरीदारी को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारत को अमेरिकी टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है.
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Source: IOCL






















