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UPI ट्रांजेक्शन पर लिमिट लगाने के लिए हो सकता है फैसला, RBI के साथ चर्चा कर रहा है NPCI-जानें क्या पड़ेगा असर
UPI Transection: डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए एनपीसीआई अब थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स पर लिमिट लगाने के लिए आरबीआई के साथ चर्चा कर रहा है.
![UPI ट्रांजेक्शन पर लिमिट लगाने के लिए हो सकता है फैसला, RBI के साथ चर्चा कर रहा है NPCI-जानें क्या पड़ेगा असर NPCI holding talks with RBI for implementation of its proposed limit volume cap of UPI transection players UPI ट्रांजेक्शन पर लिमिट लगाने के लिए हो सकता है फैसला, RBI के साथ चर्चा कर रहा है NPCI-जानें क्या पड़ेगा असर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/26/e2ff5f6aaca105b593fa3e93c2a3786e1666787695131279_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
UPI Transection: अगर आप भी डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के लिए गूगल पे, फोनपे, पेटीएम (PhonePe, Gpay, Paytm) जैसी एप्स का यूज करते हैं आने वाले दिनों में इसमें कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स (TPAP) द्वारा चलायी जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस पर लिमिट लगाने के लिए विचार कर रहा है. एनपीसीआई कुल लेनदेन की सीमा को 30 फीसदी तक लिमिट करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है.
NPCI ने दिया है 30 फीसदी वॉल्यूम कैप का प्रस्ताव
NPCI ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है. इस समय थर्ड पार्टी के जरिए यूपीआई ट्रांजेक्शन की कोई सीमा नहीं है यानी इस समय ट्रांजैक्शन की कोई लिमिट (Volume Cap) नहीं है. ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे और फोनपे की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 80 फीसदी हो गई है. एनपीसीआई ने नवंबर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने को तीसरे पक्ष के ऐप प्रदाताओं यानी थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स (टीपीएपी) के लिए 30 फीसदी लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था.
वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों के साथ हुई NPCI की बैठक-सूत्र
इस बारे में सूत्रों ने बताया कि सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था. सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसंबर की समयसीमा बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
नवंबर के आखिर तक हो सकता है फैसला!
उन्होंने कहा कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए उद्योग के हितधारकों से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के आखिर तक यूपीआई बाजार सीमा लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है.
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