नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर और कतर म्यूजियम के बीच 5 साल की पार्टनरशिप, बच्चों की बदलेगी तकदीर
म्यूजियम-इन-रेजिडेंस एजुकेशनल प्रोग्राम्स की एक सीरीज को लेकर नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर और कतर म्यूजियम के बीच 5 साल की पार्टनरशिप हुई है. बच्चों को मजेदार, म्यूजियम बेस्ड लर्निंग अनुभव मिलेंगे.

कतर म्यूजियम और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) के बीच 5 साल की पार्टनरशिप हुई है. इसके जरिए दोनों देशों में न केवल बच्चों के एजुकेशन पर फोकस किया जाएगा, बल्कि टीचरों की ट्रेनिंग पर भी जोर दिया जाएगा. 21 दिसंबर, 2025 को दोहा में कतर म्यूजियम्स (QM) की चेयरपर्सन महामहिम शेखा अल मयासा बिन्त हमद बिन खलीफा अल थानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की ईशा अंबानी ने इस एग्रीमेंट पर साइन किया.
बच्चे खेल-खेल में सीखेंगे नई चीजें
इस पार्टनरशिप के तहत दोनों मिलकर म्यूजियम-इन-रेजिडेंस एजुकेशनल प्रोग्राम्स की एक सीरीज शुरू करेंगे, जिसका मकसद बच्चों को मजेदार, म्यूजियम बेस्ड लर्निंग अनुभवों से रूबरू कराना है. इसके जरिए टीचर्स और वॉलंटियर्स को नए टूल्स और तरीके भी सिखाए जाएंगे, जिससे क्लासरूम में इनोवेशन, क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिले और बच्चे किताब से हटकर कुछ नया सीखे.
म्यूजियम-इन-रेजिडेंस एजुकेशनल प्रोग्राम्स दोनों ही देशों में शुरू किए जाएंगे. इसमें कतर म्यूजियम के एजुकेशन के अनुभव और NMACC के मल्टीडिसिप्लिनरी कल्चरल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके जरिए बच्चों की शिक्षा पर फोकस बढ़ाया जाएगा. साथ ही इस एनिशिएटिव के जरिए टीचर ट्रेनिंग और कम्युनिटी एंगेजमेंट को भी सपोर्ट किया जाएगा.
क्रिएटिविटी और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
इस पार्टनरशिप पर बात करते हुए शेखा अल मयासा ने बताया कि इस पार्टनरशिप से क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिलेगा और साथ में क्रॉस-कल्चरल एक्सचेंज भी होगा. यानी कि दोनों देशों के एक-दूसरे के जगह के बारे में, नए-नए इनोवेशन, टेक्नोलॉजी के बारे में सिखाया जाएगा. उन्होंने कहा, कतर म्यूजियम्स और NMACC का मानना है कि क्रिएटिविटी और कल्चरल एक्सचेंज आत्मविश्वास से भरे, सहानुभूति रखने वाले युवा सीखने वालों की एक नई पीढ़ी को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
खेल-खेल में सीखेंगे बच्चे
इस पार्टनरशिप के तहत कतर में Children's Museum of Qatar, Dadu के एक्सपर्ट्स भारत के स्कूलों में मास्टरक्लास और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग देंगे. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को अलग-अलग लोकेशंस और वहां की जरूरतों के हिसाब से ढाला जाएगा. कतर में बच्चों के म्यूजियम दादू की एक्टिंग डायरेक्टर महा अल हाजरी ने कहा, इस पार्टनरशिप के जरिए यहां के 'लाइट एरियर' प्रोग्राम को भारत लाया जाएगा. यह एक ऐसा लर्निंग मॉडल है, जिससे बच्चों को खेल-खेल में कई जरूरी चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है. ये प्रोग्राम्स पूरे भारत में स्कूलों, आंगनवाड़ियों और कम्युनिटी सेंटर्स में लागू किए जाएंगे, जिसमें ग्रामीण और पिछड़े इलाके भी शामिल हैं.
अल हाजरी ने आगे कहा, "तीन से सात साल के बच्चों के लिए बनाया गया 'द लाइट एटेलियर' एक ऐसा इमर्सिव, हैंड्स-ऑन लर्निंग माहौल बनाता है, जो खेल-खेल में सीखने के प्रति दादू की कमिटमेंट को दिखाता है. हमारी 'खेल-खेल में सीखने' की फिलॉसफी के हिस्से के तौर पर, यह म्यूजियम इन रेजिडेंस प्रोग्राम हमें दादू के अप्रोच को म्यूजियम से बाहर लाकर और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर जैसे पार्टनर्स के साथ मीनिंगफुल कल्चरल एक्सचेंज करने का मौका देता है."
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Source: IOCL






















