Coal Import: कोयले के आयात पर करना पड़ रहा भारी भरकम विदेशी मुद्रा खर्च, 2022 में 3.85 लाख करोड़ रुपये का कोयला हुआ इंपोर्ट
Coal Import Update: कोयले के बड़े उत्पादन होने के बावजूद भारत को कोयले के आयात पर भारी भरकम विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ रहा है.
Coal Import: भले ही भारत कोयले के बड़े उत्पादक देशों में से एक है. लेकिन अपने घरेलू खपत को पूरा करने के लिए भारत को बड़ी मात्रा में कोयला आयात करना पड़ा रहा है जिसपर भारी भरकम विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ रहा है. सरकार ने बताया कि 2022 में भारत ने कोयले के आयात पर 3.85 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम खर्च किए हैं.
कोयला मंत्रालय के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में देश में कोयले के कुल खपत में आयातित कोयले की हिस्सेदारी में कमी आई है. पांच वर्ष पूर्व कुल खपत का 26 फीसदी कोयला आयात करना पड़ रहा था. जो अब घटकर 21 फीसदी रह गया है. भारत हर साल 20 करोड़ टन कोयला इंपोर्ट करता है. सरकार ने कहा, कोयला मंत्रालय का लक्ष्य देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसका उत्पादन में बढ़ोतरी करना है. मंत्रालय के प्रयासों के चलते पिछले पांच साल के दौरान कुल खपत में आयात की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से घटकर 21 प्रतिशत रह गई है.
कोयला मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में कोयले का डिस्पैच एक बिलियन टन से ज्यादा रहने वाला है. उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में 1012 बिलियन टन कोयले का उत्पादन और डिस्पैच का लक्ष्य रखा है. मंत्रालय के मुताबिक साल के दूसरे छमाही में प्रोडक्शन और डिस्पैच दोनें ही में पहले छमाही के मुकाबले ज्यादा देखने को मिलती है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान 9 नवंबर तक 500 मिलियन टन कोयले का उत्पादन और डिस्पैच देखने को मिला था. और इस वर्ष ये लक्ष्य 23 दिन पहले ही साहिल कर लिया गया है. 17 अक्टूबर, 2023 को ही मंत्रालय ने 500 मिलियन टन कोयले के डिस्पैच के लक्ष्य को पूरा कर लिया है.
कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी है. घरेलू कोयले के आुटपुट में 80 फीसदी योगदान कोल इंडिया है. वहीं रॉयटर्स क खबर के मुताबिक सरकारी डेटा के एनालसिस करने पर पता लग रहा कि अक्टूबर महीने के पहले पखवाड़े में देश के पावर प्लांट में कोल इंवेटरी में कमी देखने को मिली रही है. अक्टूबर के शुरुआती दो सप्ताह के दौरान पावर प्लांट के कोयला भंडार में 12.6 फीसदी की गिरावट आई है और यह कम होकर 20.58 मिलियन मीट्रिक टन रह गया है. नवंबर 2021 के बाद कोयले के भंडार का सबसे कम स्तर है.
ये भी पढ़ें
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets