नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में कैसा रहेगा बाजार का हाल, पिछले 10 साल के बता रहे ये आंकड़े
जेएम फाइनेंशियल रिपोर्ट के अनुसार, केवल 2015, 2012, 2022 को छोड़कर अप्रैल को महीने में निफ्टी की चाल बेहतर रही है. साल 2018 और 2020 में निफ्टी ने करीब 5 फीसदी का रिटर्न दिया.

एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष शुरु होने जा रहा है. भारतीय शेयर बाजार काफी उतार-चढ़ाव के बाद संभला है. ऐसे में पिछले दस साल के अगर रिकॉर्ड नजर डालें तो ये पता चलता है कि अप्रैल के महीने में अधिकतर समय ये सिग्नल पॉजिटिव रहे हैं. 10 वर्षों में 7 बार निफ्टी ने अप्रैल में बढ़त हासिल की, जबकि सिर्फ तीन बार निफ्टी 50 का रिटर्न निगेटिव रहा.
जेएम फाइनेंशियल की एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल 2015, 2012, 2022 को छोड़कर अप्रैल के महीने में निफ्टी की चाल बेहतर रही है. साल 2018 और 2020 में निफ्टी ने करीब 5 फीसदी का रिटर्न दिया. तो वहीं, पिछले 10 में से 8 बार निफ्टी मिडकैप का इंडेक्स बढ़ा है. इसी तरह से अगर सेक्टोरल परफॉर्मेंस को देखें तो एनर्जी, ऑटो, मेटल्स और सीपीएसई इंडेक्स पिछले 10 साल में 8 बार ग्रीन जोन में बंद हुए.
लाइव मिंट की एक खबर के मुताबिक, बाजार के जानकारों का ये मानना है कि मार्च में तेजी अगर बनी है तो फिर अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में भी ये तेजी बरकरार रह सकती है. निफ्टी ने मार्च के महीने में करीब 6% की छलांग लगाई, जो 1996 से गिरावट की लंबी सिलसिला टूटा है.
मॉर्नग स्टेनली की रिपोर्ट बताती है कि 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनोमी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 तक 3.6 ट्रिलियन डॉलर से 4.7 ट्रिलियन डॉलर तक जा सकती है.
जियोजीत इन्वेस्टमेंट के चीफ स्ट्रैटजिस्ट इन्वेस्टमेंट पी. विजयकुमार का मानना है कि विदेश निवेशकों की वापसी ने बाजार में नया जोश है और इससे बाजार में मंदड़ियों का असर कमजोर हुआ है.
गौरतलब है कि बाजार में विदेशी निवेशकों की वापसी, बाजार में तेज गिरावट के बाद वैल्यूएशन होने और आर्थिक ग्रोथ में सुधार के चलते अप्रैल में बेहतर प्रदर्शन और तेजी की उम्मीद की जा रही है.
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Source: IOCL






















