Eighth Pay Commission Updates: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को न तो आठवें वेतन आयोग का लाभ मिलेगा और न ही महंगाई भत्ते (डीए) में किसी तरह की बढ़ोतरी का फायदा दिया जाएगा. इस दावे के बाद लाखों पेंशनर्स और कर्मचारियों के बीच भ्रम और चिंता की स्थिति बन गई. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले पर स्थिति साफ करते हुए ऐसे सभी दावों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत पेंशनभोगियों की सुविधाएं वापस नहीं ली गई हैं और न ही आठवें वेतन आयोग या डीए से जुड़े किसी लाभ को समाप्त किया गया है.
क्या खत्म हो जाएंगे रिटायरमेंट बेनिफिट्स?
सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि पेंशन नियमों में जो संशोधन किए गए हैं, उनका उद्देश्य सामान्य पेंशनभोगियों को प्रभावित करना नहीं है. ये बदलाव केवल कुछ विशेष और असाधारण मामलों पर लागू होते हैं. प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने सोशल मीडिया पर चल रहे इन दावों का फैक्ट चेक करते हुए साफ किया है कि केंद्र सरकार ने ऐसी कोई नई नीति नहीं बनाई है, जिसके तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के रिटायरमेंट बेनिफिट्स रोके जाएं.
🚨 Will retired Govt employees stop getting DA hikes & Pay Commission benefits under the Finance Act 2025⁉️
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 13, 2025
A message circulating on #WhatsApp claims that the Central Government has withdrawn post-retirement benefits like DA hikes and Pay Commission revisions for retired… pic.twitter.com/E2mCRMPObO
पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर फैलाया जा रहा यह संदेश पूरी तरह फर्जी है और इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है.
पीआईबी के मुताबिक, सीसीएस (पेंशन) रूल्स 2021 में जो संशोधन किया गया है, वह नियम 37 (29C) से जुड़ा है. इस संशोधित प्रावधान के तहत केवल उन पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा सकती है, जिन्हें गंभीर कदाचार या गलत व्यवहार के कारण सेवा से हटाया गया हो. ऐसे मामलों में ही रिटायरमेंट बेनिफिट्स रोके जाने का प्रावधान है.
क्या हुए बदलाव?
इसका सामान्य कर्मचारियों या ईमानदारी से सेवा पूरी करने वाले पेंशनभोगियों से कोई संबंध नहीं है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर इस नियम की गलत व्याख्या करते हुए इसे सभी पेंशनर्स पर लागू बताया जा रहा है, जो पूरी तरह भ्रामक है.
गौरतलब है कि हाल ही में आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की गई है. हालांकि इसकी औपचारिक समिति के गठन में कुछ समय लगा, लेकिन पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दे दी गई है. आयोग को अपनी सिफारिशें सरकार के सामने पेश करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है.
आठवें वेतन आयोग से लगभग 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 69 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है. ऐसे में सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि पेंशन और वेतन से जुड़े लाभ पूरी तरह सुरक्षित हैं और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है.
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