आठवां वेतन आयोग: जानिए क्या है अब तक के बड़े अपडेट्स जिनका लाखों सरकारी कर्मचारियों को है इंतजार
Eighth Pay Commission: आठवें वेतन आयोग के गठन का औपचारिक ऐलान इस साल की शुरुआत में हो गया था. लेकिन उसके बाद इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है.

Eighth Pay Commission Updates: आठवें वेतन आयोग को लेकर लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारियों को इंतजार है. आठवें वेतन आयोग के गठन का औपचारिक ऐलान इस साल की शुरुआत में हो गया था. लेकिन उसके बाद इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है. ऐसे में इसको लेकर हो रही देरी पर वित्त मंत्रालय की तरफ से संसद में बयान भी पिछले दिनों दिया गया था. इस बारे में नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड). ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC JCM) की तरफ से लिखे गए कैबिनेट सेक्रेटरी को एक लेटर में टीओआर को लेकर हो रही देरी और अनिश्चितताओं की वजह से केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मन में दुविधा की ओर ध्यान खींचा गया था.
क्यों हो रही आठवें वेतन आयोग में देरी
इस बारे में एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि सरकार से इस वक्त यही चाहत है कि जल्दी एक पे कमीशन बनाया जाए. जैसे ही एक बार पे कमीशन बनेगा और टर्म ऑफ रेफरेंस यानी टीओआर तय हो जाए. क्योंकि इसमें हो रही देरी की वजह से सरकारी कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है.
अगर जल्दबाजी में इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो फिर वह आक्रोश बाहर भी दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि इस बारे में उनकी तरफ से कैबिनेट सेक्रेटरी को भी बताया गया है. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि जब ये सबकुछ तय हो जाएगा उसके बाद ही वे सरकार के पास जाएंगे कि कितना मिनिमम वेज और फिटमेंट फैक्टर फॉर्मूला चाहिए. इसके अलावा कितने भत्तों में बढ़ोतरी होनी चाहिए.
सरकारी कर्मचारियों में देरी से दुविधा
शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि जैसे ही टीओआर पर फैसले हो जाएंगे उसके बाद पिछली बार के वेतन आयोग और इस बार के वेतन आयोग में कोई बड़ा फर्क नहीं रह जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस जरूरी होता है. लेकिन जब बात वेतन आयोग की हो तो यह और भी ज्यादा जरूरी है.
ये भी पढ़ें: Nestle के CEO को स्टाफ से इश्क पड़ा महंगा, नौकरी से निकाल कर कंपनी ने दिया ये बड़ा बयान
Source: IOCL






















