उछाल मार रहे फार्मा शेयरों के लिए बजी खतरे की घंटी? अब तक के सबसे बड़े टैरिफ की ट्रंप ने दी धमकी
राष्ट्रपति ट्रंप ने एयरफोर्स वन में रिपोर्टर्स को जवाब देते हुए कहा कि जल्द फार्मा की शुरुआत होगी और मुझे लगता है कि ऐसा आगे किसी ने भी नहीं सोचा.

रेसिप्रोकल टैरिफ के एलान के बाद जहां आईटी सेक्टर समेत दुनियाभर के दूसरे शेयरों में भारी गिरावट दिखी तो वहीं दूरी तरफ फार्मास्युटिक्स के शेयर में उछाल देखा गया. लेकिन अब ये खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली है. ऐसा उछाल इसलिए दिखा क्योंकि टैरिफ से ट्रंप प्रशासन ने फार्मा को अब तक अलग रखा था. लेकिन फार्मा सेक्टर के शेयरों में उछाल के बाद अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप प्रशासन इस पर टैरिफ लगाने का विचार कर रहा है?
इसका संकेत खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने एयरफोर्स वन में रिपोर्टर्स को जवाब देते हुए कहा कि जल्द फार्मा की शुरुआत होगी और मुझे लगता है कि ऐसा आगे नहीं सोचा होगा वैसा होगा.
उनके इस संकेत के बाद सुबह करीब 11 बजकर 15 मिटन में फार्मास्युटिक्स का स्टॉक क्रैश हो गया. निफ्टी फार्मा इंडेक्स को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इसका इंडेक्स करीब साढ़े चार प्रतिशत गिरा, जबकि अरबिन्दो फार्मा, लुपिन और आईपीसीए लैब्स के शेयर करीब छह फीसदी फिसल गए.
ट्रंप ने कहा कि फार्मा को हम एक अलग कैटगरी के तौर पर देख रहे हैं और भविष्य में इस पर एलान करेंगे. इससे पहले, ट्रंप प्रशासन में 20 जनवरी 2025 से बतौर व्हाइट हाउस सेक्रेटरी सेवा दे रहीं केरोलिन लेविट ने भी संकेत दिया कि फार्मास्युटिकल्स को वापस लाने पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने महत्वपूर्ण सप्लाई चेन को बाहर से आउटसोर्स करवा रहे हैं. क्या हम चाहेंगे कि हमारी जीवन रक्षक दवाएं चीन में बने या फिर अमेरिका में? ये एक कॉमन सेंस पॉलिसी है.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अमेरिका के व्यापारिक साझीदार देशों के ऊपर 2 अप्रैल को लिबरेशन डे (मुक्ति दिवस) बताते हुए टैरिफ लगाने का एलान किया. भारत के ऊपर उन्होंने डिस्काउंटेड 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. भारत, वर्तमान में करीब 52 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका के ऊपर लगाता है.
ट्रंप के इस कदम की दुनियाभर में आलोचना की जा रही है. इसके जवाब में कई कनाडा, चीन समेत कई देशों ने जवाब शुल्क अमेरिका पर लगाने का ऐलान किया है. दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स इसके आगे भयावह नतीजे का अंदेशा जता रहे हैं. उनका मानना है कि आगे आने वाले दिनों में न सिर्फ ट्रेड वॉर छिड़ेगा, बल्कि मंदी का खतरा मंडरा रहा है.
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