एयर इंडिया खरीदेगी 370 और विमान! इंडिगो सहित बाकी एयरलाइंस भी दे सकती हैं 1200 विमानों के ऑर्डर - CAPA
CAPA: सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है कि एयर इंडिया की 470 विमानों की बड़ी डील के बाद अब बाकी एयरलाइंस भी कम से कम 1200 नये एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दे सकती हैं.
Aviation Deal: एयर इंडिया के टाटा ग्रुप के टेकओवर के बाद कंपनी ने एविएशन इतिहास (Air India Deal) की अबतक की सबसे बड़ी डील की है. कंपनी ने बोइंग और एयरबस के साथ विमानों की डील की है. इस ऐतिहासिक डील के बाद भारत के एविएशन इंडस्ट्री में बड़े बदलावों की आशंका है. एयर इंडिया के इस बड़े ऑर्डर के बाद देश की बाकी एयरलाइंस में बड़े पैमाने पर विमानों के ऑर्डर दे सकती हैं. सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (CAPA) के मुताबिक भारत की कई अन्य एयरलाइंस कंपनियां आने वाले 24 महीने में करीब 1,000 से 1,200 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दे सकती हैं.
एयर इंडिया खरीद सकती है 370 और विमान
CAPA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयर इंडिया के 470 विमानों की डील के बाद देश में एविएशन इंडस्ट्री के खराब दौर का अंत होने वाला है. एयर इंडिया के अधिकारियों ने 470 विमानों की डील के बाद बताया था कि वह आने वाले समय में 370 और विमानों के विकल्प के बारे में सोच सकते हैं. ऐसे में कंपनी कुल 840 विमान खरीद सकती है. एयर इंडिया के इस बड़ी डील के साथ ही 21वीं सदी में भारत एक बड़ा एविएशन मार्केट के रूप में उभरेगा. ऐसे में बाकी एयरलाइंस भी इस मामले में पीछे नहीं रहेंगी और वह भी आने वाले वक्त में ज्यादा से ज्यादा एयरक्राफ्ट का ऑर्डर देंगी. इसमें सबसे बड़ा नाम इंडिगो (Indigo) का हो सकता है.
इंडिगो दे सकती है 300 विमानों का ऑर्डर
CAPA ने दावा किया है कि घरेलू मार्केट की बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो भी अपने विमान के बेड़े को बड़ा करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में कंपनी एक साथ कुल 300 विमानों का ऑर्डर कर सकती है. अगर भारत में कुल एयरक्राफ्ट की बात की जाए तो सभी कंपनियों के विमानों को मिलाकर देश में कुल 700 विमान ऑपरेट कर रहे हैं. वहीं अमेरिका के अमेरिकन एयरलाइंस में अकेले 935 विमान है. ऐसे में भारत में नये एयरक्राफ्ट्स की सख्त जरूरत है.
एविएशन को बढ़ावा देने के लिए करना होगा काम
भारत में एविएशन इंडस्ट्री (India Aviation Industry) को बढ़ावा देने के लिए एयरलाइंस कंपनियों को विमान ऑर्डर देने के साथ ही फ्लाइट्स के सही संचालन पर भी विशेष रूप से ध्यान देना होगा. भारत में साल 2005 से 2008 के बीच बहुत से विमानों का संचालन क्रू मेंमबर्स की कमी के कारण नहीं हो सका था. ऐसे में देश में एयरपोर्ट के विकास के साथ ही पायलटों और क्रू मेंमबर्स की कमी को पूरा करने के लिए भी एयरलाइंस को कदम उठाना होगा.
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