Growth Stocks: किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले जरूर देखें ये 5 चीजें, सही बैठा गणित तो पैसों की होगी बारिश
ग्रोथ स्टॉक्स उन कंपनियों के शेयर होते हैं, जिनके भविष्य में तेजी से बढ़ने की उम्मीद होती है. इन कंपनियों में निवेशक इस उम्मीद में पैसा लगाते हैं कि भविष्य में उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा.

बीते दो दिनों से स्टॉक मार्केट अपने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दे रहा है. ऐसे में कई लोग शेयर मार्केट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. अगर आप भी स्टॉक में पैसा लगाते हैं या लगाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है. यहां आपको बताएंगे कि आप हजारों स्टॉक्स में उन ग्रोथ स्टॉक्स को कैसे पहचाने जो भविष्य में आपको मालामाल कर सकते हैं.
ग्रोथ स्टॉक्स क्या हैं?
ग्रोथ स्टॉक्स उन कंपनियों के शेयर होते हैं, जिनके भविष्य में तेजी से बढ़ने की उम्मीद होती है. इन कंपनियों में निवेशक इस उम्मीद में पैसा लगाते हैं कि भविष्य में उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा. हालांकि, ग्रोथ स्टॉक्स को परिभाषित करने के लिए कोई खास मापदंड नहीं है, लेकिन कुछ खास बातों से इन्हें पहचाना जा सकता है.
ग्रोथ स्टॉक्स और दूसरे स्टॉक्स में क्या अंतर है?
ग्रोथ स्टॉक्स को दूसरे स्टॉक्स से अलग करने के लिए कुछ खास फैक्टर्स होते हैं. जैसे- भविष्य में अधिक कमाई की उम्मीद. कंपटीटर्स के मुकाबले सेल्स में तेजी से ग्रोथ. हाई प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेश्यो, जो कंपनी के शेयर की कीमत और उसकी अर्निंग के बीच का अनुपात होता है. हाई प्राइस अर्निंग टू ग्रोथ (PEG) रेश्यो, जो कंपनी के P/E रेश्यो और भविष्य की अर्निंग के बीच संबंध दिखाता है.
ग्रोथ स्टॉक्स की पहचान कैसे करें?
ग्रोथ स्टॉक्स को पहचानने के लिए निवेशकों को कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए. जैसे- रेवेन्यू और अर्निंग ग्रोथ. ऐसी कंपनियां चुनें, जिनके रेवेन्यू और प्रॉफिट में लगातार बढ़ोतरी हो रही हो. प्रॉफिट मार्जिन का ख्याल रखें. ऑपरेटिंग और नेट प्रॉफिट मार्जिन बढ़ रहा हो, यह दिखाता है कि कंपनी खर्चों को मैनेज करने में कुशल है.
फाइनेंशियल रेश्यो को भी देखें
15 से 25 के बीच का P/E रेश्यो अच्छा माना जाता है.
1 से 3 के बीच का P/B रेश्यो आदर्श होता है.
10-20 फीसदी के बीच का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) अच्छा माना जाता है.
1 या उससे कम का डेट-टू-इक्विटी रेश्यो फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दिखाता है.
इन चीजों का भी रखें ख्याल
ऐसी कंपनियों के स्टॉक चुनें, जो टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर या कंज्यूमर गुड्स जैसे ग्रोइंग सेक्टर में हों. ऐसी कंपनियां, जिनके पास यूनिक प्रोडक्ट्स, पेटेंट्स या स्ट्रॉन्ग ब्रांड लॉयल्टी हो. शेयर की इंट्रिंसिक वैल्यू (मौलिक मूल्य) और मार्केट प्राइस की तुलना करें. अंडरवैल्यूड स्टॉक्स (मार्केट प्राइस < इंट्रिंसिक वैल्यू) भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. इसके अलावा, ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स चुनें जो लगातार डिविडेंड देती हैं. क्योंकि आमतौर पर ऐसी कंपनियां फाइनेंशियल रूप से स्टेबल होती हैं.
टेक्निकल इंडिकेटर्स पर भी ध्यान दें
ट्रेडिंग वॉल्यूम, मूविंग एवरेज जैसे 50-दिन और 200-दिन और प्राइस ट्रेंड्स का विश्लेषण करें. सेक्टर की ग्रोथ और मैक्रोइकॉनॉमिक ट्रेंड्स जैसे इकोनॉमिक ग्रोथ या रिसेशन को ध्यान में रखें. हाई डेट, घटता प्रॉफिट, या वोलेटाइल मार्केट एक्सपोजर जैसे रिस्क फैक्टर्स का आकलन करें. कंपनी के ओनरशिप पैटर्न और मैनेजमेंट क्वालिटी को जांचें. स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशनल ओनरशिप और अनुभवी लीडरशिप अच्छे संकेत हैं.
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डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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