एक्सप्लोरर

BLOG: समीकरणों से ज़्यादा विश्वास का संकट, मिशन-350 के लिए यूपी ख़तरे की घंटी

बीजेपी का एक धड़ा तो कहने मे संकोच नहीं कर रहा है कि कार्यकर्ता और समर्थक पार्टी को सबक़ सिखाने के लिए उदासीन हुए तो यह आलम है. दिक़्क़त यह है कि अगर कार्यकर्ता उदासीन ही रहे और समर्थक विरोध में आ गए तो सपा-बसपा गठबंधन न हो तो भी बीजेपी के लिए बहुत बड़ी दिक़्क़त होगी.

गोरखपुर और फूलपुर के नतीजे सिर्फ़ दो सीटों के नतीजे नहीं है, वास्तव में बीजेपी के मिशन 350 के लिए ख़तरे की घंटी है.हार के कारणों का मंथन तो पार्टी कर रही है, लेकिन असली बात शायद ही सामने आए. कारण है कि सपा-बसपा के साथ जाने को,कम वोटिंग और अतिआत्मविश्वास बल्कि शीर्ष स्तर पर उपजे दंभ को भी ज़िम्मेदार माना जा रहा है. मगर बात सिर्फ इतनी ही नहीं.

ये सब फ़ैक्टर साधने में बीजेपी ने नेतृत्व सक्षम है. मगर बीजेपी औरसंघ के थिंकटैंक को अच्छे से समझ में आ गया है की असली संकट उसके द्वारा बिठाए गए सामाजिक समीकरणों का बिखरना और सबसे बड़ी बात आर्थिक मोर्चे पर मार खा रहे आम आदमी के बीच पैदा हो रहा विश्वास का संकट है.

सिर्फ हिंदुत्व काफ़ी नहीं जिस गैरजाटव दलित और ग़ैरयादव पिछड़ों को साधकर बीजेपी ने पहले लोकसभा और फिर यूपी विधानसभा में परचम फहराया, वह तबक़ा मौजूदा शासन की रीति-नीति से अभी संतुष्ट नहीं है. इतना ही नहीं बीजेपी की रीढ़ रहा ब्राह्मण वोटर भी असंतुष्ट भले न हो, लेकिन निराश ज़रूर है. विकास कार्य होने के बजाय हर काम रुकने से बेरोज़गारी बढ़ रही है. शहरों में धंधा मंदा हुआ तो मध्यम वर्ग परेशान है और मज़दूर वर्ग का पलायन गाँवों की तरफ़ हो रहा है. शहरों में कम वोटिंग इसी निराशा और गाँवों से बीजेपी के खिलाफ वोटिंग इसी आक्रोश का परिणाम है. सिर्फ हिंदुत्व के सहारे सियासी और सामाजिक समीकरणों को लंबे समय तक साधना बहुत आसान नहीं है.

वैसे भी सपा और बसपाकागठबंधनबीजेपी केसियासी औरसामाजिकसमीकरणों को ध्वस्त करने में कितना सक्षम है यह तो 1993 में ही साबित हो चुका है.अब यूपी के उपचुनावों के नतीजों ने भी साबित कर दिया है कि अभी भी सपा बसपा के संयुक्त वोट बैंक की काट बीजेपी के पास नहीं है.

हालाँकि बीजेपी के जानकार इन नतीजों तो सपा-बसपा के गठजोड से ज्यादा इसे पार्टी के भीतर उपजी घुटन और समर्थकों की उदासीनता को ज़िम्मेदार मान रहे हैं. सिर्फ सामाजिक और जातिगत समीकरण ही इन नतीजों का सबब नहीं हैं, बल्कि रोज़गार और ज़मीन पर कोई ठोस काम न होना भी बड़ी वजह है, इसे माना जा रहा है.

सबक सिखाया? दरअसल मोदी के पिछड़े वर्ग की ज़मीन पर हिंदुत्व के फहराते ध्वज और मज़बूत अर्थव्यवस्था वाले समाज की उम्मीदों की लहर अभी तक बदस्तूर बरक़रार रही है. मगर विपक्ष की गोलबंदी और ज़मीन पर अभी तक कुछ उल्लेखनीय न होना इस पूरे विकासवादी हिंदुत्व के चुम्बक की तीव्रता को कम कर रहा है.

बीजेपी का एक धड़ा तो कहने मे संकोच नहीं कर रहा है कि कार्यकर्ता और समर्थक पार्टी को सबक़ सिखाने के लिए उदासीन हुए तो यह आलम है. दिक़्क़त यह है कि अगर कार्यकर्ता उदासीन ही रहे और समर्थक विरोध में आ गए तो सपा-बसपा गठबंधन न हो तो भी बीजेपी के लिए बहुत बड़ी दिक़्क़त होगी.

अफ़सरशाही पर कसनी होगी लगाम इस हार के पीछे प्रदेश सरकार के तमाम फ़ैसले व अफ़सरशाही की अराजकता भी ज़िम्मेदार है. जिस तरह से योगी सरकार बनने के बाद अखिलेश सरकार के दाग़ी माने जाने वाले अफसरों पर तो भरोसा किया गया वहीं कई ईमानदार छवि वाले अफसरों को किनारे कर दिया गया. इसका दुष्प्रचार भी कामकाज पर नज़र आया और जनता पर इसका असर पड़ा. योगी सरकार पिछले एक साल में अनिर्णय की शिकार रही.

शिक्षकों की भर्ती में विलंब से युवा परेशान रहे तो मौरंग आदि के बढ़े दामों ने विकास की रफ़्तार धीमी कर दी. स्वास्थ्य सेवाओं की ख़राब स्थिति ने कोढ़ में खाज का काम किया. गोरखपुर में जिस तरह मौतें हुईं और स्वयं सूबे के मंत्री ने इन मौतों को सामान्य क़रार दिया. अब यदि योगी 2019 में भाजपा की वापसी चाहते हैं तो उन्हें अफ़सरशाही में सुधार करना होगा और फ़ैसलों की रफ़्तार बढ़ानी होगी.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget