एक्सप्लोरर

Pathan History: क्‍या है यहूदियों से कनेक्‍शन, क्‍या हिंदू पठान भी होते हैं? पढ़ें पठानों वाली कहानी

हिंदुस्‍तानी जब बंटवारे की बात करता है तो सबसे पहले जेहन में भारत-पाकिस्‍तान के बीच खींची गई लकीर याद आती है. इंडिया-पाकिस्‍तान अलग देश तो बन गए, लेकिन एलओसी पर तोपों और बंदूकों की आवाजें आज भी दिल दहला रही हैं. ये बंटवारे का दर्द है जो भारत और पाकिस्‍तान के लोग झेल रहे हैं लेकिन एक बंटवारा है, जिसकी आमतौर चर्चा नहीं होती. ये बंटवारा भारत-पाकिस्‍तान के बनने से पहले हुआ था. एक रेखा खींची गई थी, जिसको डूरंड लाइन कहा गया. ये बंटवारा हुआ था उस वक्‍त के सोवियत संघ के कब्‍जे वाले अफगानिस्‍तान और ब्रिटिश राज वाले हिंदुस्‍तान के बीच.

डूरंड लाइन के उस पार आज अफगानिस्‍तान है और इस पार पाकिस्‍तान. इन दोनों देशों के बीच जिन लोगों का बंटवारा हुआ उन्‍हें हम पश्‍तून/पख्‍तून या पठान कहते हैं. बंदूकें यहां भी चल रही हैं, बंटवारे का दर्द इनका भी कम नहीं है, लेकिन पठानों को हम आमतौर पर दर्द नहीं बल्कि साहस/बहादुरी या फिर ठेठ भाषा में कहें तो पठानों की पहचान ऐसे मर्द की तरह जिसको दर्द नहीं होता. पठान मूल रूप से पश्‍तो भाषा ही बोलते हैं और अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान के साथ ही भारत में भी इनकी बड़ी संख्‍या है. पख्‍तून/पश्‍तून या पठान यूं तो आमतौर पर सुन्‍नी मुसलमान होते हैं, लेकिन पठान हिंदू भी होते हैं!                

दिल्‍ली की सल्‍तनत पर राज करने वाला लोधी वंश भी था पठान 

पश्‍तो भाषी पख्‍तून/पठान मूलरूप से हिंदू-कुश रीजन में पाए जाते हैं. कुछ साल पहले पाकिस्‍तान के गिलानी रिसर्च फाउंडेशन ने एक सर्वे छापा. इसमें 2600 पुरुष और महिलाओं से सवाल पूछा गया कि वे किसे बेस्‍ट लुकिंग मानते हैं, इस पर करीब 55 प्रतिशत पाकिस्‍तानियों ने माना कि वे कश्‍मीरी और पठानों को बेस्‍ट लुकिंग मानते हैं. पठान सिर्फ बेस्‍ट लुकिंग ही नहीं बल्कि इनका इतिहास भी जबरदस्‍त रहा है. दिल्‍ली की सल्‍तनत पर राज करने वाला लोधी वंश भी पश्‍तून ही था. लोधी वंश की दिल्‍ली सल्‍तनत को 1526 में बाबर ने खत्‍म किया. भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति जाकिर हुसैन भी पश्‍तून यानी पठान ही थे. इसके अलावा सलमान खान, शाहरुख खान, मधुबाला, सलीम खान, परवीन बॉबी, सैफ अली खान, कादर खान... इन सभी का वंश पश्‍तून यानी पठान ही है. सीमांत गांधी के नाम से मशहूर खान अब्‍दुल गफ्फार खान भी पठान ही थे.   

डूरंड लाइन ने कर दिया पश्‍तूनों का बंटवारा 

अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत के बीच आदिवासी भूमि से डूरंड लाइन होकर गुज़री है. मौजूदा समय में अफगानिस्‍तान के दूसरी ओर जो हिस्‍सा है, उसे आज हम पाकिस्‍तान कहते हैं. डूरंड लाइन के खिंचने से पश्‍तून दो हिस्‍से में बंट गए. 1947 में अंग्रेजों के जाने के बाद जब भारत और पाकिस्‍तान वजूद में आए तो पश्तूनों ने इस रेखा को मानने से इनकार कर दिया और अलग पश्‍तूनवाली या पश्‍तूनिस्‍तान की मांग की, लेकिन यह कभी वजूद में न आ सका. इस तरह पश्‍तूनों यानी पठानों का बंटवारा अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के हिस्‍सों में हो गया. पठान सबसे ज्‍यादा अफगानिस्‍तान के कंधार में पाए जाते हैं. पाकिस्‍तान की बात करें तो पठान पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा, फाटा रीजन, सिंध और पंजाब में भी मिलते हैं. 

यूपी के संभल से लेकर औरंगाबाद तक भारत में बसे हैं पठान 

भारत की बात करें तो यूपी के संभल, बुलंदशहर, शामली, महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद, एमपी के भोपाल, राजस्‍थान के टोंक, आंध्र प्रदेश में पठानों की कई बस्तियां हैं. यूपी के बुलंद शहर में पठानों के 12 गांव हैं, जिन्‍हें बारा बस्‍ती के नाम से पुकारा जाता है. 

नीली आंखों वाले पठान क्‍या इजरायली मूल के हैं?  

एशिया में अगर नीली आंखों पर किसी का पहला हक है तो वे पठान ही हैं. कई इतिहासकारों ने पठानों का नाता इजरायल से भी जोड़ा. यूं तो इस समय अधिकतर पश्‍तून यानी पठान मुसलमान हैं, लेकिन इनका नाता यहूदियों से भी बताया जाता है. पठानों के नैन-नक्‍श यूहदियों से बहुत हद तक मेल खाते हैं. 

पठानों से जुड़े 2700 साल पुराने कुछ साक्ष्‍य 

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन में रोरी मैक्‍कार्थी ने लिखा 2010 में एक लेखा लिखा, जिसमें उन्‍होंने दावा किया 2730 वर्ष पूर्व असीरियन साम्राज्‍य के वक्‍त 12 कबीलों को देश से निष्‍कासित कर दिया गया था, इनमें 10 कबीलों को पश्‍तून कहा गया. बाकी बचे दो कबीलों के नाम हैं- बेंजामिन और जूडाह. ये दो कबीले यहूदी हैं. याद रहे कि आज की तारीख में इजरायल के सबसे ताकतवर नेता का नाम बेंजामिन नेतन्‍याहू है.     

जहांगीर के शासकाल में पठानों से जुड़े कई बड़े दावे हुए  

जहांगीर के शासनकाल यानी 17वीं सदी में एक बुक लिखी गई, जिसका नाम है- मगजाने अफगानी, इसमें पश्‍तूनों को बनी इजरायल यानी इजरायल की संतान बताया गया है. पठानों की परंपराएं, खान-पान और पहनावा यहूदियों से मिलता है. पश्‍तून भी साबात के दिन मोमबत्तियां जलाते हैं. एब्राहिमिक रिलीजन में इसे सब्‍त भी कहते हैं...  शुक्रवार, शनिवार और रविवार... तीनों को मिलाकर सब्‍त कहा जाता है. यह पवित्र दिन होता है क्रिश्चियन इसे रविवार, यहूदी शनिवार और मुस्लिम शुक्रवार को साबात मानते हैं. इनके परिधान भी यहूदियों से मिलते-जुलते हैं. शादियों में इनके शामियाने भी करीब-करीब यहूदियों जैसे ही होते हैं.      
   
हिंदू पठानों का दर्द 

अब पठानों के बारे में इतना सब कुछ जान लेने के बाद एक और बात जिसका आपको बेसब्री से इंतजार है- हिंदू पठान! अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के जिन इलाकों में पश्‍तून यानी पठान बसे हैं, दरअसल यह पूरा रीजन हिंदू-कुश का इलाका है. आर्यों के जमाने में कश्‍मीर से हिंदू कुश-तक का एक इलाका था. इन इलाकों में पहले बौद्धों का प्रचार-प्रसार हुआ, उसके बाद इस्‍लाम फैला. लेकिन यहां हिंदू भी बड़ी संख्‍या में थे. वे भी अन्‍य पठानों की तरह पश्‍तो बोलते थे, मतलब पश्‍तून ही थे. ये हिंदू खुद को गर्व से हिंदू पठान मानते. ऐसे कई हिंदू पठान पाकिस्‍तान बनने के बाद पलायन कर भारत आए, जिन्‍हें हिंदुस्‍तान की धरती पर मुसलमान समझा गया. बीबीसी की एक रिपोर्ट में ऐसे ही पश्‍तो बोलने वाले हिंदू पठानों का दर्द बयां किया गया है. पायल भुयन ने 11 अप्रैल 2018 को लिखी रिपोर्ट में हिंदू पठान जसोदा बबई की कहानी सुनाई है. उन्‍होंने कहा कि भारत में आने के बाद उन्‍हें अपनी भाषा छोड़नी पड़ी, पहनावा त्‍यागना पड़ा, क्‍योंकि लोग हमें पाकिस्‍तानी मुसलमान समझते थे. बलूचिस्‍तान के क्‍वेटा से भारत आईं चंद्रकला की कहानी भी ऐसी ही है. उन्‍होंने बताया कि डूरंड लाइन ने उनका देश छीन लिया और 1947 के बंटवारे ने उनका घर. उन्‍होंने बताया कि भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के बाद एक रात पुलिस आई और कहा- जो रख सको रख लो, तुम्‍हारे पास एक ही रात है. पालतू जानवर, किशमिश बादाम की बोरियां सब वहीं रह गए, जिस मालगाड़ी से हम बंटवारे के वक्‍त भारत आए, उसमें एक चिराग तक नहीं था. 

अब कहानी सबसे चर्चित पठान यानी शाहरुख खान की 

और अब अंत में कहानी उस पठान की जिसकी वजह से आज हम पठानों की बात कर रहे हैं. अंदाजा एकदम ठीक है आपका- हम शाहरुख खान की ही बात कर रहे हैं. शाहरुख खान के पिता का नाम मीर ताज मोहम्‍मद खान है, उनका जन्‍म ब्रिटिश इंडिया के पेशावर यानी पठानों के गढ़ में हुआ. पेशावर अब पाकिस्‍तान में है, जहां आज भी शाहरुख खान का पुश्‍तैनी घर मौजूद है. अब एक और सवाल आता है कि पेशावर में कहां? तो जवाब है- किस्‍सा ख्‍वानी बाजार.   

आज की किस्‍सा ख्‍वानी भी बस यहीं तक. 

तो अब हमारा सलामूनह स्‍वीकार कीजिए! पठान ऐसे ही नमस्‍ते करते हैं..

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा में अलर्ट, पुलिस ने इन रास्तों की आवाजाही पर लगाई रोक
बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा में अलर्ट, पुलिस ने इन रास्तों की आवाजाही पर लगाई रोक
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने तोड़ी चुप्पी बताई हैरान कर देने वाली वजह
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने खुद बताई वजह
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
ABP Premium

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा में अलर्ट, पुलिस ने इन रास्तों की आवाजाही पर लगाई रोक
बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा में अलर्ट, पुलिस ने इन रास्तों की आवाजाही पर लगाई रोक
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने तोड़ी चुप्पी बताई हैरान कर देने वाली वजह
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने खुद बताई वजह
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
उधमपुर-बारामूला रेल लिंक को आगे बढ़ाने का प्लान, उरी रेलवे लाइन का DPR तैयार; रेल मंत्री ने संसद में दी जानकारी
उधमपुर-बारामूला रेल लिंक को आगे बढ़ाने का प्लान, उरी रेलवे लाइन का DPR तैयार; रेल मंत्री ने संसद में दी जानकारी
ग्लाइकोलिक एसिड क्यों कहलाता है लिक्विड गोल्ड? डर्मेटोलॉजिस्ट से जानें 5 हैरान करने वाले फायदे
ग्लाइकोलिक एसिड क्यों कहलाता है लिक्विड गोल्ड? डर्मेटोलॉजिस्ट से जानें 5 हैरान करने वाले फायदे
दीवार से कितनी दूर रखनी चाहिए वॉशिंग मशीन, जान लीजिए अपने काम की बात
दीवार से कितनी दूर रखनी चाहिए वॉशिंग मशीन, जान लीजिए अपने काम की बात
Embed widget