एक्सप्लोरर

लू से 'महाराष्ट्र भूषण' समारोह में 12 लोगों की मौत, आखिर कौन जिम्मेदार, बदलनी होगी मुआवजे की संस्कृति

मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के खारघर इलाके में आयोजित 'महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह के दौरान 16 अप्रैल को तेज धूप की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई और कुछ अभी भी अस्पताल में हैं. इस तरह के आयोजन या समारोह में किस तरह के लोग जाते हैं, आबादी का कौन सा वर्ग ले जाया जाता है, वह देखना चाहिए. आप पाएंगे कि हमारे समाज का जो सबसे वंचित तबका है, वह इस तरह के समारोहों में जाता है. या तो इनको ले जाया जाता है, या इनसे वादे किए जाते हैं, या फिर पैसे पर या खाने-पीने पर ले जाए जाते हैं. ये हमारा मूल देश है. हमें समझना चाहिए कि किस तरह की आबादी के बीच में हमारी सत्ता जिंदा है. रैलियों में जानेवाली भीड़ हो या मंदिरों की कतारों में, चुनावी जनसभाओं में जाने वाली जनता हो या बाकी इस तरह के किसी भी जलसे में जानेवाली भीड़, उसकी प्रकृति को हमें समझना चाहिए.

हमारी पहली प्रतिक्रिया संवेदना की नहीं होती

आप बताइए कि जितने लोग मरे हैं, उनके परिजनों को पांच लाख देने की घोषणा हुई है. अब ये सोचिए कि अगर जो संख्या बताई जा रही है, यानी 12 मृतकों की, अगर उससे 100 गुणा या 1000 गुणा बड़ी संख्या हो, तो आप क्या करेंगे? ये हमारे यहां का कल्चर बन गया है कि जो सबसे पहली प्रतिक्रिया होती है, इस तरह के हादसों में वह संवेदना की नहीं, जांच की नहीं होती, पश्चात्ताप की नहीं होती और जो लोग इस तरह के आय़ोजनों में दोषी हैं, उनको दंडित करने की नहीं होती, मुआवजे की होती है. हमारा जो पूरा सिस्टम है, वह मुआवजे पर चल रही है. यह वही संस्कृति है कि 80 करोड़ लोगों को रोजगार न दो, अनाज दे दो.

हमारी व्यवस्था का दम घुट रहा है

इस तरह के आयोजनों में लोग आते हैं, मरते हैं. स्कूलों में बच्चियां खड़ी रहती हैं धूप में, मुख्य अतिथि के इंतजार में. वह आखिर गश खाकर गिर जाती हैं. लोग घंटों इंतजार करते हैं. हमारी पूरी व्यवस्था का दम घुट रहा है, उसमें खुली हवा नहीं है, ये उसका एक नमूना है. आप पचासों घटनाएं पाएंगे जिसमें भगदड़ से, दम घुटने से या ऐसी ही किसी वजह से कई दर्जन लोग मारे जाते हैं. मंदिरों में लोग मारे जाते हैं, रैलियों में लोग मरते हैं. इन सभी में आखिर होता क्या है? एक मुआवजे की घोषणा होती है और उसके बाद वह पूरा मामला बंद हो जाता है.

आप देखिए, अभी चुनावी मौसम है. सभी तरह के चुनाव होने हैं, तो यह और बढेगा. कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में चुनाव हैं. छत्तीसगढ़, राजस्थान ये सभी इस तरह के इलाके हैं, जहां हीट वेव चलेगी. वहां लोगों को इसी तरह से लाया जाएगा. वे घंटों बैठेंगे और धूप में रहेंगे और फिर मौतें होंगीं.  

इंतजाम के बाद भी ऐसा हुआ तो और शोचनीय है

हम केवल ये जानना चाहते हैं कि इतनी व्यवस्था के बावजूद इतने लोग क्यों मर गए? या तो इनके मरने का एक कारण एक ये हो सकता है कि ये इतने कुपोषित थे कि सारी व्यवस्था और इलाज के बावजूद मर गए. हमारी जो पॉपुलेशन इस तरह की है, जो गरीब है, कुपोषित है, अभाव में जी रही है. इस तरह के पॉपुलेशन को आप चाहे किसी भी तरह के जलसे या समारोह में ले जा सकते हैं. इनकी कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं है. इनको केवल दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

इस संस्कृति को बदलने की बात कोई दल नहीं करता, क्योंकि सबको ये मुफीद पड़ता है. मैं केवल सत्तारूढ़ पार्टी की बात नहीं करता. ये केवल बीजेपी की बात नहीं है. न तो इसे बदलने की बात कांग्रेस करती है, न साम्यवादी करते हैं, न ही ममता बनर्जी करती हैं.

पॉलिटिकल पार्टी की असुरक्षा है कारण

जैसे-जैसे राजनीतिक दलों का जनता से कनेक्ट टूट रहा है, उनका भरोसा कम हो रहा है, इस तरह की घटनाएं और बढ़ती जाएंगी. आप देखेंगे कि इस तरह की घटनाओं में हमारे यहां के लोग काफी मरते हैं. जब तक लोगों की जान की चिंता नहीं होगी और आप निश्चित रूप से मान लीजिए कि राजनीतिक दलों को लोगों की चिंता नहीं है, सिर्फ सत्ता की चिंता है. आप देखिए कि हमारे यहां इतने लोग सांप्रदायिक हिंसा में लोग मरते हैं, लेकिन सांप्रदायिकता बजाए कम होने के बढ़ती ही जा रही है. यह चिंता का विषय है. सरकार भले सफाई दे डाले कि हमने व्यवस्था की थी, लेकिन आखिर इसकी जरूरत ही क्यों पड़ी? इसकी भी एक व्याख्या होनी चाहिए कि क्या वे मानकर चल रहे थे कि ऐसी दुर्घटना होगी और इसीलिए आईसीयू और डॉक्टर्स की व्यवस्था थी.

निराकरण मुआवजा नहीं, संवेदना है

इस तरह के आयोजनों से पहले पूरा विचार होना चाहिए. आप राधास्वामी समुदाय वालों को देखिए, उनमें लाखों लोग आते हैं, लेकिन वहां पूरा इंतजाम होता है. पंजाब में सिखों के बड़े-बड़े आयोजन होते हैं. आखिर, ऐसी भगदड़ें, ऐसी बदइंतजामी कुछ विशेष इलाकों में ही क्यों होती है? इसका एक कारण तो ये है कि हम लोग ऐसे समारोहों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं रखते. दूसरी बात ये है कि हमने ऐसे समारोहों में जुटने वालों लोगों को एक भीड़ का हिस्सा मात्र मान रखा है, उनको एक जीवंत मनुष्य नहीं मानते.

(ये निजी विचारों पर आधारित आर्टिकल है)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

दीपू हत्याकांड पर बवाल, दिल्ली पुलिस और VHP कार्यकर्ताओं में झड़प, मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका
दीपू हत्याकांड पर बवाल, दिल्ली पुलिस और VHP कार्यकर्ताओं में झड़प, मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका
लखनऊ: KGMU लव जिहाद मामला, विशाखा जांच के बीच रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, FIR भी दर्ज
लखनऊ: KGMU लव जिहाद मामला, विशाखा जांच के बीच रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, FIR भी दर्ज
Donald Trump News: 'बेहद सम्मानित जनरल', आसिम मुनीर की फिर ट्रंप ने की तारीफ! सुनकर आपको भी आएगा गुस्सा
'बेहद सम्मानित जनरल', आसिम मुनीर की फिर ट्रंप ने की तारीफ! सुनकर आपको भी आएगा गुस्सा
VIDEO: भारतीय बॉक्सर नीरज गोयत पर अमेरिका के एंथनी टेलर ने फेंकी बोतल, बैकस्टेज हुआ बड़ा विवाद
VIDEO: भारतीय बॉक्सर नीरज गोयत पर अमेरिका के एंथनी टेलर ने फेंकी बोतल, बैकस्टेज हुआ बड़ा विवाद
ABP Premium

वीडियोज

Top News : फटाफट अंदाज में देखिए आज की सभी बड़ी खबर । PM Modi । Rahul Gandhi । Parliament Session
Bangladesh के कट्टरपंथियों का इलाज क्या है ?, उच्चायोग के बाहर हिंदू संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन
Chaudhary Charan Singh की जयंती पर गन्ना और ट्रैक्टर संग यूपी विधानसभा पहुंचे सपा विधायक|
2026 में बदल जाएगा Auto Market! SUVs & EVs जो भारत में मचाएंगी धमाल | Auto Live
यूपी में 27 के चुनाव की सियासी पिच तैयार, कफ सिरप से लेकर माफिया तक मचा 'क्लेश' । Yogi Vs Akhilesh

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दीपू हत्याकांड पर बवाल, दिल्ली पुलिस और VHP कार्यकर्ताओं में झड़प, मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका
दीपू हत्याकांड पर बवाल, दिल्ली पुलिस और VHP कार्यकर्ताओं में झड़प, मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका
लखनऊ: KGMU लव जिहाद मामला, विशाखा जांच के बीच रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, FIR भी दर्ज
लखनऊ: KGMU लव जिहाद मामला, विशाखा जांच के बीच रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, FIR भी दर्ज
Donald Trump News: 'बेहद सम्मानित जनरल', आसिम मुनीर की फिर ट्रंप ने की तारीफ! सुनकर आपको भी आएगा गुस्सा
'बेहद सम्मानित जनरल', आसिम मुनीर की फिर ट्रंप ने की तारीफ! सुनकर आपको भी आएगा गुस्सा
VIDEO: भारतीय बॉक्सर नीरज गोयत पर अमेरिका के एंथनी टेलर ने फेंकी बोतल, बैकस्टेज हुआ बड़ा विवाद
VIDEO: भारतीय बॉक्सर नीरज गोयत पर अमेरिका के एंथनी टेलर ने फेंकी बोतल, बैकस्टेज हुआ बड़ा विवाद
धुरंधर का पार्ट 2 कैसा होगा? एक्टर बोले- 50 गुना ज्यादा होगा एक्शन-मिस्ट्री
धुरंधर का पार्ट 2 कैसा होगा? एक्टर बोले- 50 गुना ज्यादा होगा एक्शन-मिस्ट्री
आधार-पैन से ITR तक... 31 दिसंबर से पहले निपटा लें ये 5 काम, वरना मुसीबत में पड़ जाएंगे आप
आधार-पैन से ITR तक... 31 दिसंबर से पहले निपटा लें ये 5 काम, वरना मुसीबत में पड़ जाएंगे आप
BSF में 10वीं पास कैंडिडेट्स के लिए शानदार मौका, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन; 69 हजार मिलेगी सैलरी
BSF में 10वीं पास कैंडिडेट्स के लिए शानदार मौका, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन; 69 हजार मिलेगी सैलरी
जावेद अख्तर से 'ईश्वर के अस्तित्व' पर बहस करने वाले मुफ्ती शुमाइल नदवी ने कहां से की है पढ़ाई, उनके पास कौन सी डिग्री?
जावेद अख्तर से 'ईश्वर के अस्तित्व' पर बहस करने वाले मुफ्ती शुमाइल नदवी ने कहां से की है पढ़ाई, उनके पास कौन सी डिग्री?
Embed widget