एक्सप्लोरर

भूंकप की तबाही के बाद ऐसी बीमारियों को आखिर कैसे संभाल पायेगा तुर्किए?

किसी भी देश में आने वाला ताकतवर भूकंप हमेशा तबाही ही लाता है.लेकिन कुछ सेकंडों में आये इस ज़लज़ले से हुई मौतों की अनगिनत की तबाही के बाद वहां जिंदा बचे लोगों के लिये भी ये मुश्किलों का ऐसा जंजाल ले आता है कि वहां की सरकार भी समझ नहीं पाती कि अब इसे कैसे झेलें. कुछ यही नज़ारा तुर्किए और सीरिया में देखने को मिल रहा है. वहां पानी की इतनी किल्लत हो चुकी है कि लोग अपने परिजनों के शव दफनाने के लिये साफ पानी मिलने के लिये भी मोहताज़ हो चुके हैं. तुर्किए में पानी के इस भीषण संकट को देखते हुए ही WHO ने चिंता जताई है कि ये संक्रामक बीमारियों को पैदा कर सकती है, जो पूरी दुनिया के लिए भयावह स्थिति बन सकती है.

भारत से गई NDRF की टीम ने भूंकप के बाद मलबे के नीचे दबे कई बच्चों को जिंदा निकालकर देश-दुनिया के लिए मानवता की जो मिसाल पेश की है, उसकी चौतरफा तारीफ हो रही है. लेकिन तुर्किए के स्वास्थ्य विभाग के सामने इस वक़्त सबसे बड़ी चुनौती ये है कि इस त्रासदी से बच गए लोगों को इन बीमारियों से आखिर कैसे बचाया जाये, जिनमें से बहुत सारे लोग बेघर हो चुके हैं. लिहाज़ा,उस मुल्क के लिये ये एक ऐसी नई आफत खड़ी हो गई है, जिस पर वक़्त रहते अगर काबू नहीं पाया गया, तो वह एक बड़ी महामारी का रुप भी ले सकती है.

बीती 6 फरवरी को तुर्किए में आये भूंकप के बाद वहां की तबाही के आलम का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कई लोगों की लाशों पर धूल की परत जम चुकी है. वह इसलिए कि इस्लाम की परंपरा के मुताबिक किसी भी शव को दफनाने से पहले उसे साफ पानी से स्नान कराने की रिवायत है. हालांकि हिंदू धर्म में भी शव का दाह संस्कार करने से पहले ऐसा करना अनिवार्य है. इसलिये हमारे यहां जो लोग धर्म-मज़हब के नाम पर खुद लड़ने और लोगों को लड़वाने की सियासत करते हैं, वे अपने समाज को ये क्यों नहीं बताते कि एक इंसान की आखिरी सांस लेने के बाद उसे अंतिम मुकाम तक ले जाने से पहले शव को पवित्र करने के रीति-रिवाज में कोई फर्क नही है. फर्क सिर्फ यही है कि एक मजहब उसे सुपुर्द ए खाक करता है, जबकि दूसरा दाह संस्कार करके ये मानता है कि अब उस आत्मा का परमआत्मा से मिलन हो गया.

बहरहाल भूंकप की तबाही से 41 हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली इस तबाही के बाद दोनों मुल्कों से जो खबरें आ रही हैं, वे थोड़ी दहलाने वाली इसलिये भी हैं कि अगर तुर्किए में पानी का संकट ऐसे ही बरकरार रहा, तो वहां की आबादी का क्या होगा. इस तरह की किसी भी त्रासदी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों का साफ निर्देश है कि अगर आप किसी भी शव का स्वच्छ हालत में अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, तो वो बहुत सारे लोगों के लिये किसी नई बीमारी की दस्तक दे सकता है और हो सकता है कि वह संक्रमण फैलानी वाली हो.

दरअसल, भूंकप प्रभावित इलाकों में सफाई के इंतजाम पूरी तरह से फेल हो चुके हैं, इसलिये उसके आसपास के इलाकों में महामारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है और सरकार समझ नहीं पा रही है कि इससे कैसे निपटा जाये. मुल्क के स्वास्थ्य विभाग को भी ये समझ नहीं आ रहा है कि इन बेघरबार लोगों को ऐसी किसी बीमारी से आखिर कैसे बचाया जाये. इस तबाही से बच चुके लेकिन अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों के लिए खुले स्टेडियम में कैंप लगे हुए हैं लेकिन वहां आलम ये है कि 10 हजार लोगों में से रोज महज 20-30 लोगों का ही ऑपरेशन हो पा रहा है क्योंकि वहां डॉक्टरों से लेकर बाकी तमाम सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है. लोग परेशान हैं कि स्टेडियम में महज छह टॉयलेट हैं, जो इतने सारे लोगों की जरूरत के लिहाज से नाकाफी हैं. उससे भी ज्यादा अफसोसजनक है कि वहां नहाने के लिये पानी तक नहीं है.

तुर्किए में मौजूद WHO के प्रतिनिधि Batyr Berdyklychev ने साफ कह दिया है कि पानी के इस भीषण संकट के कारण कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं लेकिन बड़ा खतरा ये है कि इससे बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल सकता है. उनके मुताबिक हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस पर नजर तो रख रहे हैं लेकिन बेघर हो चुकी बड़ी आबादी के बीच से निकलने वाले ऐसे किसी भी संक्रामक रोग को संभाल पाना, किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

हालांकि सच ये भी है कि कुदरत की हर मार बहुत सारे बच्चों को अनाथ बना देती है और तुर्किए में भी ऐसा ही हुआ है. यूनिसेफ के आपातकालीन संचार विशेषज्ञ जो इंग्लिश (Joe English) कहते हैं,"अभी तक हमारे पास अनाथ हुए बच्चों को लेकर कोई सत्यापित संख्या नहीं है. लगातार बढ़ती मौत की संख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कई बच्चों ने इस विनाशकारी भूकंप में माता-पिता या देखभाल करने वालों को खो दिया होगा.

उनकी पहचान करना जरूरी है, ताकि उचित देखभाल और सहायता मिल सके"." लेकिन क्या यूनिसेफ उन्हें गोद लेगा? इसके जवाब में वे कहते हैं कि किसी भी आपात स्थिति के तुरंत बाद गोद लेने की प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए, जब तक एक बच्चे के माता-पिता या अन्य करीबी परिवार के सदस्यों के ठिकाने को सत्यापित नहीं किया जाता. बच्चे को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Putin India Visit: 'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की चीन में गूंज, जानें क्या कहा?
Putin India Visit: 'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की चीन में गूंज, जानें क्या कहा?
'मस्जिदों और मदरसों में भी लगें CCTV कैमरा', BJP सांसद अरुण गोविल ने सदन में उठाई मांग
'मस्जिदों और मदरसों में भी लगें CCTV कैमरा', BJP सांसद अरुण गोविल ने सदन में उठाई मांग
Putin India Visit: पुतिन आए, बड़ा बिजनेस लाए! क्या अमेरिका को 440 वोल्ट का झटका देंगे रूस-भारत? यहां है मौका
पुतिन आए, बड़ा बिजनेस लाए! क्या अमेरिका को 440 वोल्ट का झटका देंगे रूस-भारत? यहां है मौका
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Putin India Visit: 'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की चीन में गूंज, जानें क्या कहा?
Putin India Visit: 'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की चीन में गूंज, जानें क्या कहा?
'मस्जिदों और मदरसों में भी लगें CCTV कैमरा', BJP सांसद अरुण गोविल ने सदन में उठाई मांग
'मस्जिदों और मदरसों में भी लगें CCTV कैमरा', BJP सांसद अरुण गोविल ने सदन में उठाई मांग
Putin India Visit: पुतिन आए, बड़ा बिजनेस लाए! क्या अमेरिका को 440 वोल्ट का झटका देंगे रूस-भारत? यहां है मौका
पुतिन आए, बड़ा बिजनेस लाए! क्या अमेरिका को 440 वोल्ट का झटका देंगे रूस-भारत? यहां है मौका
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
भूषण कुमार संग  तलाक के रूमर्स पर महीनों बाद दिव्या खोसला ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- 'बॉलीवुड मगरमच्छों से भरा है...'
भूषण कुमार संग तलाक के रूमर्स पर दिव्या खोसला ने तोड़ी चुप्पी, बताया सच
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
CBSE में नॉन टीचिंग पदों के लिए निकली वैकेंसी, बिना इंटरव्यू मिल रही नौकरी
CBSE में नॉन टीचिंग पदों के लिए निकली वैकेंसी, बिना इंटरव्यू मिल रही नौकरी
वाइपर के डंडे को बंदूक समझ बैठा शख्स, आते-आते बचा हार्ट अटैक, वीडियो देख पकड़ लेंगे माथा
वाइपर के डंडे को बंदूक समझ बैठा शख्स, आते-आते बचा हार्ट अटैक, वीडियो देख पकड़ लेंगे माथा
Embed widget