एक्सप्लोरर

BLOG: हाथ को चाहिए हाथी की सवारी, लेकिन राजस्थान पर पेंच फंस रहा है

कांग्रेस मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो चुनावी गठबंधन चाहती है लेकिन राजस्थान में वह इसके लिए तैयार नहीं है. कांग्रेस को लगता है कि इन दोनों राज्यों में 15 सालों से सत्तासीन बीजेपी को हराने में बीएसपी की जरुरत है लेकिन राजस्थान में बीएसपी का साथ इसलिए जरुरी नहीं है क्योंकि वहां हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज रहा है और इस बार तो कांग्रेस धमाकेदार वापसी की उम्मीद कर रही है.

मायावती और कांग्रेस के बीच क्या मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में गठबंधन होगा. तीनों राज्यों में साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो चुनावी गठबंधन चाहती है लेकिन राजस्थान में वह इसके लिए तैयार नहीं है. कांग्रेस को लगता है कि इन दोनों राज्यों में 15 सालों से सत्तासीन बीजेपी को हराने में बीएसपी की जरुरत है लेकिन राजस्थान में बीएसपी का साथ इसलिए जरुरी नहीं है क्योंकि वहां हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज रहा है और इस बार तो कांग्रेस धमाकेदार वापसी की उम्मीद कर रही है. लेकिन मायावती भी राजनीति की पुरानी चावल है. सूत्रों से पता चला है कि मायावती चाहती है कि या तो तीनों राज्यों में तालमेल हो या फिर कहीं भी नहीं हो. मायावती की बीएसपी की राष्ट्रीय दल के रुप में मान्यता के नवीनीकरण को लेकर चुनाव आयोग सवाल उठा रहा है. ऐसे में मायावती तीनों राज्यों में कुल पड़े वोटों का छठवां हिस्सा लेकर बीएसपी की मान्यता का नवीनीकरण करवाने की इच्छुक है. राष्ट्रीय दल के रुप में मान्यता मिलने की सूरत में मायावती को 2019 के लोकसभा चुनावों में खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए रखने की रेस में बने रहना आसान रहेगा. इसके साथ ही मायावती यह भी जताना चाहती है कि बीएसपी की जरुरत कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल को भी है और उनके बिना कांग्रेस वापसी नहीं कर सकती है. राजस्थान- यहां कुल 200 सीटें हैं. बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनावों में 163 सीटें मिली थी. वोट फीसद रहा था 45.2. कांग्रेस ने 33 फीसद वोटों के साथ 21 सीटें जीती थी और मायावती के हिस्से तीन सीटें आई थी. उसे 3.4 फीसद वोट मिला था. वैसे तो उस समय यानि 2013 के दिसंबर महीने में तब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के आक्रामक चुनाव प्रचार के कारण ही बीजेपी इतनी ज्यादा सीटें ले सकी थी. कांग्रेस का मानना है कि 2018 में राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार की ही परख होगी और मोदी अपने जादू को दोहरा नहीं पाएंगे. वैसे भी पिछले 25 सालों में यहां हर पांच साल बाद सरकारें बदलती रही हैं. कांग्रेस का मानना है कि राजस्थान में तीसरे दल की कोई जगह नहीं है और वह अपने दम पर बीजेपी को हराने के लिए काफी है. ऐसे में मायावती से समझौता कर हमेशा हमेशा के लिए सीटों का बंटवारा करने के पक्ष में नहीं है. मध्यप्रदेश- लेकिन एमपी में कांग्रेस ऐसी सुखद स्थिति में नहीं है. 2013 के विधानसभा चुनावों में वहां की 230 सीटों में से बीजेपी को 44.88 फीसद वोटों के साथ 165 सीटें मिली थी. कांग्रेस को 36.38 फीसद वोट मिले थे और सीटें मिली थी 58. यहां बीएसपी को सिर्फ चार सीटें मिली थी लेकिन उसे 6.43 फीसद वोट मिले थे. अब कांग्रेस और बीएसपी का वोट फीसद मिलकर 43 फीसद होता है जो वैसे तो बीजेपी से कम है लेकिन कांग्रेस का मानना है कि दोनों के एक होने से राजनीतिक माहौल बदलेगा और बीजेपी का हराने में कामयाब हो सकेंगे. पिछली बार भी अगर दोनों मिलकर लड़े होते तो बीजेपी को 35 से 40 सीटों का नुकसान होता. यही देखकर कांग्रेस नेता कमलनाथ तो साफ साफ कर चुके है कि उन्हें बीएसपी का साथ चाहिए. अब मायावती से बात सीटों की संख्या पर ही बिगड़ सकती है. छत्तीसगढ़- यहां चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है. मायावती की पार्टी अजीत जोगी के दल से समझौते का ऐलान कर चुकी है. उधर कांग्रेस जोगी को फिर से अपने साथ लेने को तैयार है. हाल ही में राहुल गांधी ने बीमार जोगी की तबीयत का हाल पूछ कर ऐसे संकेत भी दिए थे. सबसे बड़ी बाता है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच पिछले विधानसभा चुनावों में वोट का अंतर महज 0.75 फीसद रहा था. हालांकि बीजेपी को कांग्रेस से दस सीटे ज्यादा मिली थी. यहां मायावती बीजेपी का खेल बिगाड़ और कांग्रेस को खेल में लाने की गुंजाइश रखती है. बीएसपी को सीट तो सिर्फ एक मिली लेकिन 4.3 फीसद वोट मिले. जाहिर है कि कड़े मुकाबले वाले चुनाव में बीएसपी के वोट निर्णायक साबित हो सकते हैं. पिछली बार अगर दोनों मिलकर लड़े होते तो बहुत संभव है कि बीजेपी सत्ता में लौट नहीं पाती. कुल मिलाकर मायावती के कड़े रुख को देखकर यही लगता है कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना होगा और राजस्थान में भी कुछ सीटें हाथी के हवाले करनी पड़ेंगी. कांग्रेस भी जानती है कि तीन राज्यों में बड़ा दिल दिखाकर यूपी में मायावती से ज्यादा सीटें की उम्मीद की जा सकती है. (नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Bihar News: बिहार के नवादा में पुलिस को चकमा देकर कैदी फरार | ABP News
सिडनी में 'पहलगाम'? आतंकियों ने चुन-चुन कर मारा!
Janhit: PM मोदी ने फिर चौंकाया! | National Executive President | Nitin Nabin | BJP | PM Modi
UP Politics: यूपी BJP को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष...27 का शुरू अभियान | CM Yogi
Sandeep Chaudhary: BJP के कार्यकारी अध्यक्ष बने  नितिन नबीन, विपक्ष में हलचल | Nitin Nabin |PM Modi

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
BJP President: योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन के ऐलान से पहले BJP ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
योगी को CM बनाना हो या शिवराज-वसुंधरा को हटाना... नितिन नबीन से पहले BJP ने कब-कब चौंकाया?
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
नोएडा में 5वीं तक के स्कलों को बंद रखने का आदेश, 'जहरीली हवा' को देखते हुए लिया फैसला
Sydney Shooting: 'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
'यहूदी-विरोधी भावना की आग में घी...', सिडनी आतंकी हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया पर फूटा नेतन्याहू का गुस्सा
Year Ender: सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
सूर्यकुमार का इस साल नहीं चला बल्ला, टी20 इंटरनेशनल में 2025 में कई बड़े खिलाड़ी नहीं कर सके कमाल
Sunday Box Office Collection: 'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे किसने कितना कमाया
'धुरंधर' के तूफान में डटी हैं 'अखंडा 2' समेत ये 3 बड़ी फिल्में, देखें संडे कलेक्शन
New BJP President: अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
अटल बिहारी वाजपेयी से जेपी नड्डा तक... BJP की स्थापना के बाद पैदा होने वाले पहले अध्यक्ष होंगे नितिन नबीन
Black Box Warning: कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
कोविड वैक्सीन पर जल्द लगेगी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग? समझें कितना बड़ा खतरा माना जाता है ये संकेत
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
NCERT ने साल 2025 में सिलेबस में किए ये बड़े बदलाव, आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी
Embed widget